Pigeon Peas (Arhar Dal) Benefits and Side Effects in Hindi - अरहर (तुअर) दाल के फायदे और नुकसान
आज संपूर्ण विश्व में अरहर की खेती व्यापक रूप से की जाती है. लेकिन इसकी शुरुआत भारत से ही हुई थी. इसके बाद फिर और पूर्वी अफ्रीकी देशों में से होते हुए अमेरिका और अन्य देशों में गया हर हर एक दलहन फसल है. और इसकी उपयोगिता कई समस्याओं के निदान में सहायक होती है. अरहर दाल से शरीर की वृद्धि रक्तचाप में संतुलन वजन में संतुलन शरीर की ऊर्जा का संचयन पाचन क्रिया में सुधार गृह से जुड़ी बीमारी में निदान आदी हो सकता है. सभी दलहन फसलें प्रोटीन का मुख्य स्रोत तो होती ही हैं. लेकिन अरहर दाल में प्रोटीन के अलावा फाइबर विटामिन एंटीऑक्सीडेंट्स खनिज आदि भी पाया जाता है. इसलिए अरहर दाल संपूर्ण शरीर के पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आइए अरहर दाल के फायदे पर एक नजर डालते हैं.
1. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में
तुवर दाल के कई उपयोगिताओं में से एक है इसका प्रतिरक्षा प्रणाली में योगदान अरहर की कच्ची फली खाना भी काफी लाभदायक होता है. यदि आप पका हुआ अरहर दाल का मटन खाते हैं. तो उसमें विटामिन सी का स्तर लगभग 25% तक घट जाता है. लेकिन यदि आपको उसे पूरी उर्जा के साथ खाना है. तो कच्चा अरहर की फली खाएं इससे विटामिन सी भरपूर मात्रा में मिलती है. और रक्त कोशिकाओं श्वेत रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ता है. शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स में वृद्धि करने के कारण अरहर दाल हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
2. वजन घटाने में
अरहर दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्वों में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है. यही नहीं इस में संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल भी काफी कम मात्रा में पाया जाता है. इस वजह से अरहर दाल ऊर्जा को तो बढ़ाता है. लेकिन और वसा को कम करता है. इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला फाइबर आपको फुर्सत पोषण तो देता ही है. साथ में आपके भूख लगने को भी कम करता है. ब्लड प्रेशर के नियंत्रण में अरहर दाल में पाया जाने वाला पोटेशियम भी काफी उपयोगी साबित होता है.
3. उच्च रक्तचाप को कम करने में
अरहर दाल खाने से शरीर में बिना किसी रुकावट के रक्त संचरण होता रहता है. पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में अरहर दाल पाचन क्रिया को भी दुरुस्त करने में सक्रिय भूमिका निभाता है. अरहर दाल की पल्लू में पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होता है. जिसकी वजह से शरीर में होने उच्च रक्तचाप वाली समस्याएं नहीं होती हैं.
4. एनीमिया में
अरहर दाल में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने वाला फोलेट भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. खून की कमी से हमारे शरीर में खून की कमी एनीमिया की बीमारी होती है. लेकिन जब आप अरहर दाल का सेवन करने लगते हैं. तो यह कमी पूरी हो जाती है. जिससे कि आप एनीमिया की समस्या से छुटकारा पा लेते हैं.
5. शरीर की ऊर्जा बढ़ाने में
अरहर दाल का नियमित सेवन हमारे शरीर में ऊर्जा की आपूर्ति करता रहता है. दरअसल यह संभव हो पाता है अरहर की फलियों में मौजूद विटामिन बी और विटामिन डी से. इसके अलावा इसमें नया सीन और राइबोफ्लेविन शरीर में मौजूद वसा को भंडारित होने से रोकता है.
6. शारीरिक विकास में
अरहर दाल दुनिया भर में भोजन का हिस्सा इसलिए बन चुकी है. क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. लगभग एक कप पकी हुई अरहर दाल में 11 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. जो कि हमारे शरीर के संपूर्ण वृद्धि एवं विकास के लिए आवश्यक है. यह प्रोटीन हमारे शरीर की तमाम कोशिकाओं मांसपेशियों पुस्तकों और हड्डियों का निर्माण करने में काफी सहायक सिद्ध होता है.
7. दिल को स्वस्थ रखने में
अरहर दाल में पाया जाने वाला फाइबर पोटेशियम और निम्न स्तर का कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारी से हमें राहत दिलाती है. पोटेशियम हमारे शरीर में रक्त के दबाव को कम करके दिल पर आने वाले तनाव को कम करता है. फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने में मददगार है.
8. सूजन के उपचार में
अरहर दाल के पेड़ और उसके पत्ते कवि सभी का प्रयोग कमल औषधीय प्रयोजनों के लिए कर सकते हैं. मुख्य रूप से इन सब का प्रयोग करके हम सूजन को जल्द से जल्द ठीक कर सकते हैं. इन सबसे बड़ा पेस्ट बवासीर के लिए भी फायदेमंद साबित होता है.
अरहर दाल के नुकसान
आमतौर पर अरहर दाल का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है. लेकिन हो सकता है. किसी को अरहर दाल से एलर्जी महसूस हो ऐसा होने पर उन्हें चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.