पिम्पल्स को कैसे रोके - Pimples Ko Kaise Roke!
पिंपल्स से आजकल लगभग सभी लोग परेशान हैं. चूंकि इससे चेहरे की खूबसूरती प्रभावित होती है इसलिए लोग जल्द से जल्द इससे छुटकारा पाना चाहते हैं. इस क्रम में वो कई प्रकार के बाजारू क्रिम्स का इस्तेमाल करने लगते हैं जिसके साइड ईएक्ट्स से भी नई समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं. जहां तक पीपल्स होने के कारणों की बात है तो आपको बता दें कि यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है. शरीर में हार्मोन वृद्धि के स्तर की वजह से युवा लोग मुँहासों से सबसे अधिक पीड़ित होते हैं. सोने के अभाव, बहुत अधिक तनाव, अस्वस्थ भोजन की आदत और एक व्यस्त जीवन शैली भी मुँहासे पैदा होने का कारण हो सकती है. पिम्पल्स आपके चेहरे, छाती, पीठ और सिर पर उत्पन्न हो सकते हैं. यद्यपि इनका कोई निश्चित इलाज नहीं है, किंतु कुछ आसान घरेलू प्राकृतिक सामग्री हैं, जिनका उपयोग मुँहासे खत्म करने के लिए किया जा सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम पिंपल्स को रोकने के कुछ उपायों पर एक नजर डालें.
1. एलोवेरा जैल-
एलोवेरा में शांत और सूजन को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं जो कुछ दिनों में मुँहासे का ट्रीटमेंट कर सकते हैं. एलोवेरा जैल स्कार मार्क्स के निदान में भी कारगर है. आप एलोवेरा जैल को बाजार से खरीद सकते है या अपने घर में भी लगा सकते हैं. इसे इस्तेमाल करने के लिए एलोवेरा पौधे से एक पत्ता काटें और बीच में से उसको दबाएं, इसके द्वारा आप प्योर एलोवेरा जैल प्राप्त कर सकते हैं. दिन में दो बार प्रभावित क्षेत्र पर एलोवेरा जैल का इस्तेमाल करें.
2. मेथी से-
मेथी को अपने सूजन को कम करने, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण मुँहासे के उपचार में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. पानी के साथ ताजा मेथी के पत्ते मिक्स कर एक चिकना पेस्ट बनाएं. प्रभावित क्षेत्र पर हर्बल पेस्ट को लगाएं और 10 से 15 मिनट के लिए इसे लगाकर छोड़ दें. फिर गर्म पानी से अपना चेहरा धो लें. मुँहासो को ठीक करने के लिए, तीन से चार दिनों के लिए यह प्रक्रिया दोहराएं. वैकल्पिक रूप से, एक चम्मच मेथी के बीज को पीसें और उसका पाउडर बनाएं और एक पेस्ट बनाने के लिए थोड़ा सा गर्म पानी मिलाएं. प्रभावित क्षेत्र पर इस पेस्ट को लगाएं. 20 मिनट या रात भर लगाकर छोड़ दें और फिर धो लें, यह सप्ताह में दो या तीन बार कर सकते हैं.
3. नीम-
नीम को भारतीय बकाइन के रूप में भी जाना जाता है. यह त्वचा की समस्याओं के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें एंटीसेप्टिक और रोगाणुरोधी यौगिक होते हैं जो कि पिम्पल को बनाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, नीम लालिमा और त्वचा की सूजन में आराम देता है. नर्म नीम की पत्तियों का पेस्ट थोड़ा पानी मिलाकर बनाएं. इस पेस्ट में कुछ हल्दी पाउडर मिलाएं और फिर प्रभावित हिस्से पर लगाएं. इसको लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर इसे धो लें. इसे एक सप्ताह में कम से कम दो बार करें. जब इसमें सुधार न दिखे तो आप दिन में एक या दो बार नीम का तेल भी लगा सकते हैं.
4. ओटमील का उपयोग-
ओटमील मुँहासों को कम करने में फायदेमंद है क्योंकि यह आपकी त्वचा के रोम छिद्र फ़िल्टर करता है और अतिरिक्त तेल को सोख लेता है. आप एक कप पके हुए ओटमील को एक चम्मच शहद और आधे नींबू के रस में मिलाएं. इस मिश्रण को अपनी त्वचा पर रगड़ें. इसे 30 मिनट तक लगाकर छोड़ दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें. आप इसे सप्ताह में एक या दो बार लगाएं.
5. मुल्तानी मिट्टी-
मुल्तानी मिट्टी ऑयली और पिम्पल वाली त्वचा के लिए उपयोगी है और यह अतिरिक्त तेल को एब्सोर्ब कर, उनको रोम छिद्र से नष्ट करती है. यह आपके रंग में सुधार करने में भी मदद करती है. मुल्तानी मिट्टी के बराबर, चंदन पाउडर और गुलाब जल के अनुपात को मिश्रित करें. आप पेस्ट में गुलाब जल को भी मिला सकते हैं. अपने चेहरे पर गीली मिट्टी का पैक लगाएं. इसके सूख जाने के बाद धो लें. इस प्रक्रिया को सप्ताह में एक बार दोहराएं.
6. बेकिंग सोडा-
बेकिंग सोडा या सोडियम बाइकार्बोनेट आपकी स्किन के लिए एक सॉफ्ट लेयर के रूप में काम करता है. इस प्रकार, यह रोम छिद्र को निकालता और डेड स्किन को हटाता है. यह स्किन के पीएच(pH) संतुलन को विनियमित रखने में मदद करता है और इसमें हल्के सूजन को कम करने और एंटीसेप्टिक गुण भी होते है. इन सभी विशेषताओं के कारण यह मुँहासे ठीक करने के लिए एक कारगर उपाय है. बेकिंग सोडा को एक या दो चम्मच थोड़े से पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं. इसे कुछ ही मिनटों के बाद धो लें. आप बेकिंग सोडा के दो बड़े चम्मच, एक चम्मच दालचीनी पाउडर, आधे नींबू का रस और पांच चम्मच शहद को एक साथ मिलाएं. इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और पांच मिनट के बाद धो लें. आप अपनी त्वचा पर सप्ताह में एक या दो बार बेकिंग सोडा का प्रयोग करें.
7. टूथपेस्ट से-
टूथपेस्ट का नित्य उपयोग दांत साफ करने के लिए करते हैं, लेकिन यह आपकी पिम्पल की समस्या को भी ठीक कर सकता है. यह मुँहासों के लिए सबसे सरल घरेलू उपचारों में से एक है. बेड पर जाने से पहले प्रभावित क्षेत्र पर सफेद टूथपेस्ट की एक छोटी सी मात्रा लगाएं. टूथपेस्ट सूजन को कम करता है और मुँहासों को सुखा देता है. एक या दो दिन के भीतर आप महत्वपूर्ण सुधार देख सकते हैं.
8. टी ट्री आयल-
मुँहासे के लिए एक अन्य लोकप्रिय प्राकृतिक उपचार टी ट्री आयल है. टी ट्री आयल एक एंटीसेप्टिक की तरह कार्य करता है. इसके अलावा, यह मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है. बस प्रभावित क्षेत्र पर दिन में तीन बार चाय के पेड़ के तेल की एक बूंद लगाएं. यदि त्वचा में जलन, लालिमा या ज़्यादा ड्राई स्किन का कारण बनता है, तो टी ट्री ऑयल में पानी का उपयोग कर उसको पतला करें या एलोवेरा जैल के साथ यह मिक्सचर बनाएं और फिर अपने चहरे पर लगाएं.
9. संतरे का छिलका-
संतरे में मौजूद अम्लीय गुण और हाई विटामिन सी पिम्पल्स के लिए एक कारगर उपाय है. आप संतरे के रस के साथ उसकी छाल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं,इसका छिलका और ज्यादा लाभकारी हो सकता है. धूप में संतरे के छिलके डालकर उनको पूरी तरह से ड्राई करें. ड्राई छिलकों को पाउडर के रूप में पीसें और एक पेस्ट बनाने के लिए पानी मिलाएँ. इस पेस्ट को प्रभावित साईट पर लगाएँ और 10 से 15 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें. इसके बाद गर्म पानी से अपना चेहरा धो लें.
10. नींबू-
नींबू के एसिडिक गुण मुँहासे के निदान में बहुत कारगर हो सकते हैं. नींबू चेहरे से गंदगी को साफ कर बाहर निकालता है, जो रोम छिद्र में जमा हो जाती है. आप इसका नित्य रूप से अपनी त्वचा पर इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन अगर यह त्वचा को अधिक ड्राई कर रहा है तो हर दो या तीन दिन में उपयोग करें. प्रभावित साईट पर नींबू का एक टुकड़ा रगड़े और पानी से अपना चेहरा धोने से पहले कुछ घंटों के लिए लगाकर छोड़ दें. आप सामान मात्रा में नींबू के रस के साथ गुलाब जल का मिश्रण भी तैयार कर सकते हैं और अच्छी तरह से प्रभावित क्षेत्र को ठीक करने के लिए इस समाधान का उपयोग कर सकते हैं.
नोट: - इन आसान प्राकृतिक उपचार का उपयोग करने से आप मुँहासो की इस समस्या का कुछ हद तक समाधान कर सकते हैं. सर्वोत्तम परिणाम के लिए, आपको एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना चाहिए. यदि आप सफलतापूर्वक इन घरेलू उपचारों से अपने मुँहासे का इलाज नहीं कर पा रहे हैं या किसी भी प्रकार की परेशानी है तो आपको चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.