पिंडली का दर्द का इलाज - Pindalee Ka Dard Ka Ilaaj!
पिंडली दर्द हमें कभी भी परेशान कर सकता है. जाहिर है शरीर में कहीं भी होने वाला दर्द हमारा सुख-चैन छीन ही लेता है. चलते-चलते पैरों में दर्द होना, रात को सोते समय पिंडलियों में ऐंठन होना आपके लिए बहुत दुखदायी होता है, कुछ बातों का खयाल रखकर इसके दर्द को दूर किया जा सकता है. आजकल की व्यस्त और भाग-दौड़ भरी दिनचर्या में मांसपेशियों में खिंचाव होना एक आम समस्या है, इसके कारण पैरों में और पिडंलियों में दर्द होता है. पैरों और पिंडलियों में दर्द की समस्या रात के वक्त अधिक होती है. यह समस्या उन लोगों को अधिक होती है जो डेस्क जॉब करते हैं और व्यायाम बिलकुल नहीं करते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम आपको पिंडली के दर्द के के कुछ ईलाज बताएं. इसे जानकरके आप अपनी समस्याएं कम कर सकते हैं.
1. पानी पीना है जरूरी-
पानी हमारी मांसपेशियों में नमी को बनाये रखने में मदद करता है. इसकी कमी से मांसपेशियों में जकड़न, दर्द आदि हो सकता है, जो वर्कआउट के दौरान बाधा बन सकता है. इसके अलावा, पानी शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है. इसके लिए छोटे व्यायाम सत्र में थोड़ा-थोड़ा कर पानी पिएं. आपको दिन में भी थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहने की आदत डालनी चाहिए खासतौर पर सोने से पहले. क्योंकि सोते समय शरीर तरल पदार्थों को काफी मात्रा में खोता है.
2. तेल मालिश करें-
मालिश करने से मांसपेशियों में रक्त परिसंचरण बढ़ जाता है और मांसपेशियों को गर्माहट मिलती है. साथ ही यह लेक्टिक एसिड को भी दूर करता है और जबकि तेल मांसपेशियों दर्द से राहत दिलाता है. कई प्रकार के तेल जैसे पाइन, लैवेंडर, अदरक और पिपरमेंट आदि के तेल की मालिश से मांसपेशियों का दर्द कम होता है और सूजन भी गायब होती है.
3. स्ट्रेचिंग-
मांसपेंशियों में तनाव संबंधी समस्याओं के उपचार का सबसे असरदार तरीका है स्ट्रेचिंग. वे मांसपेशियां जो ज्यादा मजबूत और लचीली होती हैं, उनमें चोट लगने की संभावना कम होती है. इसलिए स्ट्रेचिंग अवश्य करें, ये एक घरेलु उपचार है जिसे आसानी से किया जा सकता है.
4. हीट थेरपी-
हीट थेरपी का इस्तेमाल मोच, ऐंठन, मांसपेशियों में जकड़न और क्रैंप आदि के ट्रीटमेंट में सहायक होता है. इस बात का ध्यान रखें की हीट थेरेपी का इस्तेमाल सिर्फ गंभीर इंजरी में ही करें, क्योंकि इसके कारण सूजन बढ़ भी सकती है. हालांकि गर्मी से मांसपेशियों के दर्द में आराम मिलता है, मांसपेशियों की जकड़न कम होती है.
5. प्रोटीन-
मांसपेशियों के विकास और रिकवरी के लिए प्रोटीन बहुत आवश्यक होता है. प्रोटीन की कमी से भी मांसपेशियों में दर्द होने लगता है. अत्याधिक शारीरिक गतिविधियों के बाद शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाये रखने के लिए मांसपेशियों को प्रोटीन की जरूरत होती है. ऐसे में प्रोटीनयुक्त प्राकृतिक खाद्य उत्पादों का सेवन करना चाहिए. इसके लिए आप अपने आहार में अंडे, चिकन, मछली, स्प्राउट्स और दालें आदि को शामिल करें.
6. लाल मिर्च से लाभ-
लाल मिर्च में कैप्सैसिन होता है जो ऑर्थराइटिस, जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में आराम पहुंचाता है. आप इसको पेस्ट बनाकर दर्द वाली जगह पर खुद ही लगा सकते हैं. पेस्ट बनाने के लिए आधा टेबल स्पून लाल मिर्च को जैतून के तेल (गुनगुना) या नारियल के तेल में मिश्रित करें और प्रभावित स्थान पर लगायें और दो मिनट के बाद अच्छे से धो लें.
7. एक्सरसाइज भी है जरूरी-
ब्लड की आपूर्ति की कमी से मांसपेशियों में अकड़पन आने से दर्द होने लगती है. इस समस्या से नियमित एक्सरसाइज़ के द्वारा बचा जा सकता है. रोजाना एक्सरसाइज़ करने से ब्लड वेसल्स की सक्रियता बनी रहती है. कई लोग एक्सरसाइज़ को ज्यादा महत्त्व नहीं देते है लेकिन यह आपके ब्लड फ्लो को निर्बाध बनाए रखने में मदद करता है.