क्या है पिटरायसिस रोज़िया, कैसे इससे छुटकारा पाएं?
पिटरायसिस रोज़िया जिसे क्रिसमस ट्री रैश के नाम से भी जाना जाता है एक प्रकार का रैश या दाद होता है। इसे क्रिसमस ट्री का नाम इसलिए दिया गया क्योंकि क्योंकि इसमें होने वाले दानों के धब्बे आमतौर पर क्रिसमस ट्री के आकार के होते हैं ।यह किसी भी उम्र के किसी भी व्यक्ति द्वारा अनुभव किया जा सकता है। इसमें त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं।जानकार मानते हैं कि पिट्ररायसिस रोज़िया एक वायरल संक्रमण के कारण होता है।
पिटरायसिस रोज़िया क्या है?
पिटरायसिस रोज़िया त्वचा की एक आम बीमारी है जिसमें शरीर दानेदार रैश हो जाता है। पिटरायसिस रोज़िया अन्य चकत्तों से अलग है क्योंकि यह विभिन्न चरणों में प्रकट होता है। इस रैश के चरणों में एक प्रारंभिक चरण शामिल होता है जब पहला पैच दिखाई देता है और फिर कई दिनों या हफ्तों बाद और अधिक पैच शरीर के विभिन्न भागों में नज़र आने लगते हैं।
पहला पैच आमतौर पर रंग में गुलाबी और गोल या अंडाकार होता है। यह प्रारंभिक पपड़ीदार पैच आमतौर पर उभरी हुई सीमा के साथ सबसे बड़ा पैच होता है और पीठ पर होता है। इस पैच का आकार 0.8 इंच से 3.9 इंच तक हो सकता है।
इसके बाद निकलने वाले पैच थोड़े छोटे आकार के होते हैं।ये कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों बाद दिखाई देते हैं। ये पैच आमतौर पर नारंगी औऱ गुलाबी के मिश्रित रंग वाले और अंडाकार होते हैं। इसका आकार 0.4 इंच से 0.8 इंच तक हो सकता है। ये छोटे पैच पेट, पीठ, छाती, हाथ और पैर जैसे क्षेत्रों पर झुंड में शरीर पर दिखाई देते हैं।ये छोटे पैच कभी-कभी पीठ पर क्रिसमस ट्री जैसा पैटर्न बनाते हैं। हालांकि इसे संक्रामक नहीं माना जाता है।
पिटरायसिस रोज़िया के संकेत और लक्षण
पिटरायसिस रोज़िया को कई बार लोग दाद, सोरायसिस या एक्जिमा जैसे त्वचा के रोग समझ लेते हैं।कुछ लोग इसे सिफलिस भी समझ लेते हैं पर ये एक अलग तरह का रोग है। अपने प्रारंभिक चरणों में, पिटरायसिस रोज़िया में आमतौर पर एक बड़े, थोड़े उभरे हुए, पपड़ीदार पैच से शुरू होता है जिसे 'हेराल्ड पैच' कहा जाता है जो पीठ या धड़ पर स्थित होता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, शरीर के अन्य क्षेत्रों में समूहों में छोटे पैच दिखाई देने लगते हैं।
पिटरायसिस रोज़िया के लक्षणों में शामिल हैं:
- एक बड़ा, थोड़ा उठा हुआ, पपड़ीदार, लाल धब्बा जो गोल या अंडाकार होता है
- पेट, पीठ, छाती, हाथ और/या पैरों पर अतिरिक्त छोटे दाने।
- हल्की, रुक-रुक कर होने वाली खुजली जो तनाव, व्यायाम या गर्म पानी से स्नान के कारण होती या बढ़ जाती है
अधिकांश लोग जो पिटरायसिस रोज़िया से पीड़ित हैं उन्हें फ्लू जैसे लक्षण जैसे भूख ना लगना , मतली, थकान, या गले में खराश हो सकती है।
पिटरायसिस रोज़िया का उपचार
1. पारंपरिक उपचार
अधिकतर मामलों में त्वचा विशेषज्ञ आपकी त्वचा की जांच करके
पिटरायसिस रोज़िया की पहचान कर सकते हैं। हालांकि, चूंकि यह पपड़ीदार दाने कभी-कभी अन्य त्वचा की स्थितियों, विशेष रूप से दाद के साथ भ्रमित किए जा सकते हैं ,इसलिए दाने का एक छोटा सा नमूना लिया जा सकता है जिसका परीक्षण किया जा सकता है। पिटरायसिस रोज़िया के लक्षण अधिकांश मामले दो से छह सप्ताह तक रहते हैं, लेकिन यह संभव है कि दाने तीन से चार महीने तक भी बने रहें।
इसे ठीक होने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन पारंपरिक चिकित्सा विशेषज्ञ सभी इस बात पर सहमति जताते हैं कि यह रोग अपने आप ही ठीक हो जाएगा। यदि आपके दानों में खुजली है, तो आपके डॉक्टर या त्वचा विशेषज्ञ कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, एंटीहिस्टामाइन या एसाइक्लोविर जैसी एंटीवायरल दवाओं की सलाह दे सकते हैं।
चूंकि ये रोग अपने आपु ठीक हो जाता है इसलिए अधिकांश रोगियों को केवल आक्रामक उपचार प्रोटोकॉल पर रखने के बजाय इसके समाधान के लिए प्राकृतिक उपचार भी किया जा सकता है। यदि आपके लक्षण आपको ज्यादा परेशान कर रहे हैं तो आप प्राकृतिक रूप से पिटरायसिस रोज़िया से निपट सकते हैं। ऐसे कई प्रभावी प्राकृतिक उपचार हैं जिनपर आप निचार कर सकते हैं
2. ओटमील बाथ
सामान्य तौर पर त्वचा पर किसी भी प्रकार के चकत्ते होने पर गुनगुने पानी से स्नान करना सबसे अच्छा माना जाता है। पर इस बीमारी में गर्म पानी से बचें क्योंकि यह लक्षणों को और बिगाड़ सकता है। गुनगुने पानी से नहाते समय पानी में ओटमील मिलाकर देखें। यह एक सामान्य प्राकृतिक उपचार है जो वास्तव में दानों में खुजली को शांत करने और लक्षणों में सुधार करने में मदद कर सकता है। जानकार मानते हैं कि ओट्स में प्राकृतिक रूप से एवेनथ्रामाइड्स नामक यौगिक होते हैं जिनमें काफी अधिक मात्रा में एंटीइंफ्लेमेटरी और खुजली विरोधी गुण होते हैं। इससे नहाने के लिए पानी में लगभग एक कप पिसे हुए ओट्स डालें और 15 से 20 मिनट के लिए भिगो दें। यदि आप बाथरूम को कम गंदा करना चाहते हैं तो आप ओट्स को वॉश क्लॉथ या किसी स्टॉकिंग में भरकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके भीग जाने के बाद उसी पानी से नहा लें।इसके आपको काफी राहत मिल सकती है।
3. एलोवेरा
त्वचा के लिए वरदान मानी जाने वाली एलोवेरा भी पिटरायसिस रोज़िया में काम आ सकती है। इसके इस्तेमाल से चकत्तों या खुजली वाली त्वचा में होने वाली समस्याओं के साथ, उसमें नमी का बचाव भी करती है। इससे त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिंलती है, जो उपचार को और अधिक असरदार बना देती है और खुजली को कम करती है। एलोवेरा सबसे अच्छे, और सबसे अधिक प्रभावशाली त्वचा रिलीवर में से एक माना जाता है।यह एक अद्भुत मॉइस्चराइजर औऱ एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों का भंडार होता है।इसमें एंटीवायरल गुण भी होते हैं। एलोवेरा विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और फैटी एसिड से भी भरा हुआ है जो त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। आप एलोवेरा को इस्तेमाल करने के लिए इसके पौधे की ताजी पत्ती का उपयोग कर सकते हैं या शुद्ध एलोवेरा जेल खरीद सकते हैं। यदि आप एक ताजी पत्ती का उपयोग कर रहे हैं, तो आप पत्ती का हरा भाग हटा दें और अंदर मौजूद जेल को निकालकर दानों वाले क्षेत्रों पर लगाएं। त्वचा को अधिक ठंडक प्रदान करने के लिए एलोवेरा को इस्तेमाल करने से पहले
रेफ्रिजरेटर में रखें और इसे आवश्यकतानुसार दिन में कई बार लगाएं।
4. नारियल का तेल
पिटरायसिस रोज़िया का खुद से उपचार करने के लिए चकत्ते पर मॉइस्चराइजर लगाने की सलाह दी जाती है।ऐसे में नारियल का तेल आपके लिए रामबाण हो सकता है। दरअसल नारियल का तेल लाभकारी फैटी एसिड से भरा होता है जो इसे एक बेहतरीन प्राकृतिक विकल्प बनाता है जो सूजन, सूखापन और खुजली को कम करने में मदद करता है। हालांकि पिटरायसिस रोज़िया क्यों होता है पर कुछ विशेषज्ञ इसे वायरल संक्रमण से जोड़कर देखते हैं। इस पपड़ीदार दानों वाले चकत्ते के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में नारियल तेल को चुनने का एक और अच्छा कारण यह है कि इसे शक्तिशाली एंटीवायरल, जीवाणुरोधी और एंटिफंगल गुणों के लिए जाना जाता है। शुद्ध नारियल के तेल को आवश्यकतानुसार दाने वाले क्षेत्रों पर नियमित रूप से लगाने पर आपके लक्षणों में कमी र्आएगी।
5. प्राकृतिक प्रकाश
कुछ मामलों में त्वचा विशेषज्ञ पिटरायसिस रोज़िया का उपचार करने के लिए कृत्रिम पराबैंगनी प्रकाश यानी यूवी रेज़ के संपर्क में लाने की सलाह देते हैं। पर कई जानकारों का मानना है कि दानों को कमज़ोर करने के लिए उन्हें प्राकृतिक धूप दिखानी चाहिए। धूप में सिंकाई करने से वास्तव में दाने को जल्दी ठीक करने में मदद मिल सकती है। रोगी कई दिनों तक प्रतिदिन पांच से 10 मिनट धूप दिखा सकते हैं।
6. खुद को शांत रखें
पिटरायसिस रोज़िया में खुद को शांत औऱ ठंडा बनाए रखना आवश्यक है। आपको ज़ोरदार कसरत और अन्य ऐसी सभी गतिविधियों से बचना चाहिए जो आपको ज़्यादा गरम महसूस करवा सकती हैं। क्योंकि ऐसा करने से आपके दाद में खुजली जैसे लक्षणों में मदद मिल सकती है। लगभग 50 प्रतिशत मामलों में खुजली के लक्षण होते है और ये अक्सर व्यायाम या गर्म स्नान से बढ़ जाते हैं। जानकारो का कहना है कि अगर आपका शरीर ज़्यादा गरम हो जाता है तो दाने बढ़ सकते हैं और उनमें लालिमा और खुजली भी बदतर हो सकती है।
शरीर को ठंडा रखने के लिए आप हल्के या सूती और ढीले कपड़े पहनें जो सांस लेने योग्य हों। तंग और सिंथेटिक सामग्री से बने कपड़ों को नहीं पहनना है। सूती और ढीले कपड़े पहनने से यह आशंका कम हो सकती है कि आपको खुजली का अनुभव होगा और आपके उपचार को बढ़ावा मिलेगा।
7. धैर्य बनाए रखें
पिटरायसिस रोज़िया के दाने आमतौर पर पीठ, छाती और पेट पर होते हैं और एक से तीन महीने के भीतर अपने आप ठीक हो जाते हैं। इतने लम्बे समय तक किसी बीमारी और उसके लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं। पर आपको धैर्य रखने की कोशिश करेनी है क्योंकि यह समस्या कुछ ही समय के लिए आपको परेशान कर सकती है।आप अपना मन सकारात्मक बातों औऱ कामों में लगाएं। अधिकांश लोगों के जीवन में पिटरायसिस रोज़िया एख बार से अधिक नहीं होता।