पादप आधारित डायट के 10 फायदे जो हर किसी को जानने चाहिए
इन दिनों प्लांट बेस्ड डायट को इन दिनों बहुत लोकप्रिय है। सेलीब्रिटी से लेकर आम लोग तक पादप आधारित डायट पर स्विच कर रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि इससे उनके जीवन में कई बदलाव आए हैं। आध्यात्मिक बदलाव के साथ ही उनके शाऱीरिक में काफी कुछ अच्छे परिवर्तन हुए हैं। शोध भी बताते हैं कि दिल, दिमाग, आंत से लेकर मूड तक आपके आहार से असर पड़ता है। आइए इस लेख के जरिए जानते हैं कि पादप आधारित डायट के उन फायदों का बारे में जानते हैं
1. पौधे आधारित आहार आपके रक्तचाप को कम करने में सक्षम
हाई ब्लड प्रेशर हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबटीज सहित स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है। आपकी डायट आपके ब्लड प्रेशर पर असर डालती है। पादप आधारित आहार से रक्तचाप कम हो सकता है, जिससे उन स्थितियों के लिए आपका जोखिम कम हो सकता है। एक स्टडी के मुताबिक शाकाहारी भोजन खाने वाले लोगों का रक्तचाप औसतन उन लोगों की तुलना में कम था, जो सर्वाहारी आहार का पालन करते थे।शाकाहारियों में मांसाहारियों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम 34 प्रतिशत कम पाया गया।
2. दिल की सेहत के लिए जरुरी है प्लांट बेस्ड आहार
मांस में सैच्युरेटेड फैट होता है, जो अधिक मात्रा में खाने पर हृदय संबंधी समस्याओं बढ़ा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि पौधे-आधारित आहार खाने से हृदय रोग विकसित होने का जोखिम 16 प्रतिशत तक कम हो सकता है और मृत्यु की स्थिति का जोखिम लगभग 31 प्रतिशत तक कम हो सकता है। लेकिन यह केवल मीट छोड़ने से ही संभव नहीं होगा। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि इसके बजाय आप जो भी डायट ले रहे हैं वो हेल्दी हो। आपको अपनी डायट में साबुत अनाज, फलियां, फल, सब्जियां, और स्वस्थ तेल (जैसे जैतून का तेल) को शामिल करना है। शुगर लोडेड ड्रिंक्स भी आपकी दिल की सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं।
3. डायबटीज से राहत दिलाता है प्लांट बेस्ड डायट
आपकी डायट आहार और टाइप 2 मधुमेह के बीच संबंध होता है यह तो हम सब जानते हैं। डायबटीज के रोग में वजन एक प्रमुख जोखिम कारक है क्योंकि अधिक फैट वाले टिश्यू कोशिकाओं को इंसुलिन के खिलाफ अधिक प्रतिरोधी बनाते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले पौधे आधारित आहार खाने से टाइप 2 मधुमेह के जोखिम में 34 प्रतिशत की कमी पाई गई है। इनमें पशु खाद्य पदार्थों की तुलना में संतृप्त वसा कम होती है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और टाइप 2 मधुमेह के विकास के आपके जोखिम को बढ़ाता है। टाइप 2 मधुमेह का प्रसार मांसाहारी लोगों में 7.6 प्रतिशत और शाकाहारी लोगों के लिए केवल 2.9 प्रतिशत था।
4. वजन चाहते हैं कम तो प्लांट बेस्ड डायट है नंबर वन
पादप आधारित डायट पर जैसे ही आप स्विच करते हैं वैसे ही आपके मोटापे का खतरा कम हो जाता है। एक अध्ययन में मांसाहारी और मांस खाने वालों के बीच पर्याप्त बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अंतर पाया गया है। अध्ययन में शामिल शाकाहारी लोगों के लिए औसत बीएमआई 23.6 था, जबकि मांसाहारी लोगों के लिए, यह 28.8 था। प्लांट बेस्ड डायट से वजन होने की पर्याप्त पुष्टि और विज्ञान आधारित शोध के परिणा भी हैं। वजन घटाने का एक कारण यह है कि साबुत अनाज और सब्जियां ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर अपेक्षाकृत कम होती हैं - जिसका अर्थ है कि वे अधिक धीरे-धीरे पचते हैं - और फलों में एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर होते हैं, जो लंबे समय तक पेट भरा होने का अहसास दिलाते हैं।.
5. प्लांट बेस्ड डायट से बढ़ती है आयु
प्लांट बेस्ड डायट के सबसे बड़े फायदों में से एक है कि इससे आपकी आयु और जीविता बढ़ती है, यानी आपके जीवन की अवधि बढ़ती है। अमरीकी अध्ययन में पाया गया है कि प्लांट बेस्ड डायट लेके वालों की मृत्यु की आशंका करीब 25 प्रतिशत कम हो जाती है। इसके साथ ही यदि आप स्वस्थ पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों लेते हैं , तो आपके शरीर में डायट की वजह से सुरक्षात्मक स्तर बढ़ जाते हैं। कम-स्वस्थ खाद्य पदार्थ - जैसे सोडा, केक, और सफेद ब्रेड भले ही वो मीट मुक्त हो की जगह साबुत अनाज, सब्जियां और फल जैसे पादप आधारित खाना लेते हैं तो आपकी जीविता काफी बढ़ जाती है।
6. प्लांट बेस्ड डायट से घटता है कैंसर का खतरा
सुनने में हैरानी हो सकती पर प्लांट बेस्ड डायट से कैंसर को रोका जा सकता है। फाइबर, विटामिन, खनिज और फाइटोकेमिकल्स सहित कैंसर-सुरक्षात्मक पोषक तत्वों के स्रोत का सबसे अच्छे खाद्य पदार्थ सब्जियों, फलों, अनाज, सेम, नट, बीज से भरपूर आहार हैं। वही कैंसर का इलाज कराकर आए लोगों के मैनेजमेंट में भी इसी डायट को सबसे अच्छा माना गया है। पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्वों में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो इन रोगियों की मदद करते हैं। इस तरह के खाने से मोटापा कम होता है और संतुलित वजन मिलता है जो कैंसर को मात देकर आए रोगियों को लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
7. प्लांट बेस्ड डायट है कोलेस्ट्रॉल की दुश्मन
उच्च कोलेस्ट्रॉल रक्त में फैटी जमा कर सकता है, जो रक्त प्रवाह को प्रतिबंधित कर सकता है और संभावित रूप से दिल का दौरा, स्ट्रोक या हृदय रोग का कारण बन सकता है। लेकिन एक स्वस्थ आहार कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकता है। विशेष रूप से, पशु उत्पादों से भरे आहार को छोड़ने से एलडीएल ('खराब कोलेस्ट्रॉल') कोलेस्ट्रॉल 10 से 15 प्रतिशत के बीच कम किया जा सकता है। जबकि सख्त शाकाहारी आहार का पालन करने वाले अपने एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को 25 तक कम कर सकते हैं।
8. स्ट्रोक से बचाए प्लांट बेस्ड डायट
यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर है, या फिर आप मोटापे के शिकार हैं, मधुमेह या हृदय रोग है, उच्च कोलेस्ट्रॉल है, या धूम्रपान, शराब पीते हैं या दवाओं का उपयोग करते हैं तो स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इन जोखिम कारकों में से अधिकांश को पौधे आधारित आहार का पालन करके और स्वस्थ जीवन शैली विकल्प बनाकर मिटाया जा सकता है। यानी इस आहार को अपना कर हम आधे स्ट्रोक रोक सकते हैं। स्ट्रोक के जोखिम को कम करने का एक आसान तरीका है फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाना है । एक अध्ययन के मुताबिक, फलों और सब्जियों खाने वालों में मीट खाने वालों की तुलना में स्ट्रोक का 21 प्रतिशत कम जोखिम था।
9. प्लांट बेस्ड डायट रखे आपके दिमाग को ब्राइट
पौधे आधारित आहार का पालन करने के कई शारीरिक लाभ हैं, लेकिन कुछ संभावित मानसिक भी हैं। पौधे आधारित आहार और अल्जाइमर की प्रगति को धीमा करने में उनकी भूमिका की जांच करने वाले कुछ आकर्षक शोध हैं।प्रतिदिन 100 ग्राम अतिरिक्त फल और सब्जियां (लगभग डेढ़ कप) खाने से कॉगनेटिव इंपेयरमेंट और डिमेंशिया के जोखिम में 13 प्रतिशत की कमी आई। फल और सब्जियां पॉलीफेनोल्स से भरपूर होती हैं, पॉलीफेनोल्स अल्जाइमर रोग की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं और संज्ञानात्मक गिरावट को उलटने में मदद कर सकते हैं।
10. आंतों का रखवाला है प्लांट बेस्ड फूड
विशेषज्ञ मानते हैं कि पौधे-आधारित आहार आंत के स्वास्थ्य और माइक्रोबायोम का बेहतर समर्थन करते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य से लेकर मेटाबॉलिज्म और मूड तक को ठीक करते हैं। इस तरह के आहार में यह काफी हद तक फाइबर और पौधों में पाए जाने वाले यौगिकों के कारण एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो आपकी कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाते हैं। पादप खाद्य पदार्थ फाइबर और किण्वित कार्बोहाइड्रेट का एकमात्र स्रोत हैं जिन्हें प्रीबायोटिक्स के रूप में जाना जाता है, और वे हजारों फाइटोकेमिकल एंटीऑक्सिडेंट प्रदान करते हैं। ये आहार निचले पाचन तंत्र में बैक्टीरिया का बेहतर समर्थन करते हैं । पाचन तंत्र लगभग 100 ट्रिलियन बैक्टीरिया (अच्छे और बुरे दोनों!) का घर है। नवीनतम शोध से पता चलता है कि कुछ स्वस्थ आंत बैक्टीरिया रूमेटोइड गठिया का संभावित उपचार प्रदान करते हैं या सूजन को रोकते हैं। इनसे धमनियों में फैटी प्लेक निर्माण में रोका जा सकता है।
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