प्लेटलेट्स क्या है - Platelets Kya Hai Aur Kami Ke Karan in Hindi
प्लेटलेट्स हमारे शरीर की ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो ब्लड को बहने से रोकती है. शरीर में किसी इंजरी या अन्य कारण से वेसल्स से ब्लीडिंग होने पर प्लेटलेट्स की मदद से ब्लड को रोका जाता है. लो प्लेटलेट्स की संख्या नियमित शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. यदि किसी स्थिति में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी या वृद्धि होने लगता है तो कई तरह की बीमारियाँ होना शुरू हो जाती हैं. आमतौर प्लेटलेट्स की कमी समस्या का कारण बनती है. आइए इस लेख के जरिए हम प्लेटलेट्स के बारे में जानकारी प्राप्त करें ताकि लोगों में इस संबंध में जानकारी बढ़ सके.
प्लेटलेट्स के कार्य - Platelets Ka Kya Kaam Hota Hai
प्लेटलेट्स डैमेज टिश्यू को ठीक करने के साथ ही ब्लीडिंग होने से रोकता हैं. इस होमियोस्टेसिस के रूप में भी जाना जाता है. प्लेटलेट्स ब्लड में मौजूद एलेमेंट्स होते हैं, जो पानी के समान द्रव और कोशिकाओं से बनी होते हैं. इन सेल्स में ऑक्सीजन को ले जाने वाली रेड ब्लड सेल्स भी होता हैं. प्लेटलेट्स ब्लड में मौजूद माइक्रो पार्टिकल्स होते हैं जिनको मेडिकल चेकअप के दौरान देखा जाता है. शरीर पर चोट लगने के बाद ब्लड में मौजूद प्लेटलेट्स को संकेत मिलना शुरू हो जाता हैं, जिससे वह इंजरी और ब्लीडिंग वाले हिस्से पर पहुंचकर ब्लड को रोकते हैं.
प्लेटलेट्स में कमी के लक्षण - Platelets Ki Kami Ke Lakshan
प्लेटलेट्स काउंट में कमी होने पर विभिन्न प्रकार के लक्षण महसूस होते हैं. प्रेगनेंसी के कारण प्लेटलेट्स काउंट में मामूली गिरावट आ सकती है. जबकि प्लेटलेट्स काउंट में अत्यधिक गिरावट होने पर निरंतर ब्लीडिंग के लक्षण देखें जाते हैं. इस दौरान ब्लीडिंग इतना अधिक होता है कि आपको मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है
अगर आपके प्लेटलेट्स काउंट में कमी होती है, तो आपको निम्न लक्षण महसूस हो सकते हैं.
- बॉडी पर भूरे, लाल और जामुनी रंग के निशान हो सकता है. इस स्थिति को पुरपुरा भी कहा जाता है.
- लाल व जामुनी रंग के छोटे-छोटे रैश हो सकता है.
- नाक से ब्लीडिंग होना.
- गम से ब्लीडिंग होना.
- लंबे समय तक घावों से खून बहते रहता है.
- पीरियड में अधिक ब्लीडिंग होना.
- मलाशय के माध्यम से ब्लड आना.
- मल में ब्लड आना.
- यूरिन में ब्लड आना.
आंतरिक रक्तस्त्राव को इसके गंभीर मामलों में शामिल किया जाता है. आंतरिक रक्तस्त्राव के निम्न लक्षण होते हैं - मूत्र में खून आना, मल में खून आना, गहरे लाल रंग की खूनी उल्टी होना इसके अतिरिक्त यदि आपको आंतरिक रक्तस्त्राव के कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत चिकित्सक के पास जाकर इलाज कराएं. प्लेटलेट्स की कमी होने पर, इसके कुछ दुर्लभ मामलों में आप सिरदर्द व तंत्रिका संबंधी समस्या महसूस कर सकते हैं. इस तरह की स्थिति में मस्तिष्क के अंदर भी रक्तस्त्राव हो सकता है. ऐसा होने पर आपको तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए.
अस्थि मज्जा की समस्याएं अस्थि मज्जा आपकी हड्डी के अंदर के नरम ऊतक होते हैं. इस जगह से प्लेटलेट्स सहित रक्त के सभी घटकों का उत्पादन होता है. यदि आपकी अस्थि मज्जा पर्याप्त प्लेटलेट्स का उत्पादन नहीं करती है, तो आपके प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आ जाती है. प्लेटलेट्स के निर्माण में आई कमी के लिए निम्न कारण होते हैं.
प्लेटलेट्स कैसे नष्ट होता है - Platelets Kam Hone Ke Karan in Hindi
आपको बता दें कि स्वस्थ शरीर में मौजूद प्रत्येक प्लेटलेट्स करीब दस दिनों तक सही रह सकता है. प्लेटलेट्स के नष्ट व निर्माण होने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है. यदि प्लेटलेट्स के नष्ट होने की संख्या में बढ़ोतरी हो जाए, तो यह स्थिति भी प्लेटलेट्स की कमी का कारण बन जाती है. कई तरह की दवाओं के विपरीत प्रभाव के कारण ऐसा होता है, जैसे मूत्रल संबंधी रोग की दवाओं को लेना. प्लेटलेट्स की कमी के लिए निम्न रोग व अवस्थाएं भी कारण होती हैं.
लो प्लेटलेट्स काउंट एक हेल्थ डिसऑर्डर है जिसमें आपके ब्लड में प्लेटलेट्स काउंट सामान्य से कम हो जाती है जिसे थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया के रूप में जाना जाता है. प्लेटलेट्स ब्लड सेल्स में सबसे छोटी होती हैं, ये ब्लड क्लॉट बनाने वाली सेल्स होती है जो निरंतर बनती और टूटती रहती है. प्लेटलेट्स की सामान्य उम्र 5 से 9 दिन होती है. एक स्वस्थ व्यक्ति के प्रति माइक्रोलिटर रक्त में 150,000 से लेकर 450,000 प्लेटलेट्स होती है. जब प्लेटलेट्स की संख्या 150,000 प्रति माइक्रोलिटर के नीचे होती है, तो इसे कम प्लेटलेट्स संख्या माना जाता है.