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Last Updated: Jun 07, 2023
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गर्भावस्था के दौरान कब्ज से निपटने के उपाय

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Dr Shilpa Gupta KsGynaecologist • 14 Years Exp.MBBS, MS - Obstetrics & Gynaecology
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गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या बेहद आम है। सभी गर्भवती महिलाओं को इस परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था में कब्ज के कारण पेट में दर्द और बेचैनी महिलाओं की दिक्कत को और बढ़ा देता है। आमतौर पर यह समस्या सही खानपान की कमी, चिंता और शारीरिक गतिविधि कम होने से होती है।इस दौरान प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन बढ़ने से भी कब्ज़ की शिकायत बड़ जाती है क्योंकि यह हार्मोन आंतों की मांसपेशियों को आराम देता है जिससे भोजन और अपशिष्ट शरीर में धीमी गति से आगे बढ़ते हैं।आइए जानते हैं कि इस समस्या से कैसे छुटकारा मिल सकता है।

1.  अधिक मात्रा में पानी पियें:

हर गर्भवती महिला को डॉक्टर आयरन की गोलियां खाने के निर्देश देती हैं। यह आयरन की गोलियां भी कब्ज़ की समस्या पैदा करने का बड़ा कारण हैं।इसलिए आपको सुनिश्चित करना है कि दिन भर में ज़रूरत के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा पानी पीती रहें। कोशिश करें की दिन भर में करीब 12 ग्लास पानी या अन्य पेय पदार्थ आपके शरीर में जाते रहें। ज्यादा पानी पीने से आपका मेटाबॉलिज़्म ठीक से काम करेगा और मल को बाहर निकालने में मददगार साबित होगा।

2. ज्यादा फाइबर वाले आहार लें:

गर्भावस्था में पौष्टिक भोजन बेहद महत्वपूर्ण होता है। भोजन में साबुत अनाज की रोटी और हरी सब्ज़ियो का सेवन करने से फाइबर की उचित मात्रा आपको मिलेगी।इसके अलावा मौसमी फलों का सेवन भी सुनिश्चित करें । भाइबर से भरपूर आहार सुनिश्चित करेगा कि आपको कब्ज़ की शिकायत ना हो।

3. नियमित व्यायाम है ज़रूरी:

कई महिलाएं गर्भावस्था को बीमारी समझ कर बिस्तर पकड़ लेती हैं। पहले तो इस बात को समझें कि आप बीमार नहीं हैं। गर्भावस्था के दौरान अपने दैनिक कार्यों को करती रहें। अगर आप पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाएंगी तो आपको कब्ज होने की आशंका बढ़ जाएगी। अपने चिकित्सक के परामर्श से सुबह शाम की सैर करना, तैरना या अन्य हल्के व्यायाम करने से आपकी आंतों बेहतर ढंग से काम करेंगी। एक समय निर्धारित कर ऐसे व्यायाम करने से कब्ज़ की समस्या नहीं होगी।

4. आयरन की खुराक में बदलाव :

आप किस तरह का आयरन सप्लीमेंट ले रही हैं यह भी कब्ज के होने या ना होने का कारण हो सकता है। कई बार आयरन की गोलियां खाने से हुए कब्ज़ को अच्छी पौष्टिक खुराक से पूरा किया जा सकता है। अगर आप प्राक़तिक तरीकों से कब्ज़ की समस्या से उबर नहीं पा रहे हैं तो अपने चिकित्सक से सलाह लेकर दवा में बदलाव कर सकते हैं। या फिर आप खुराक को घटा बढ़ाकर भी इस समस्या का समाधान पा सकते हैं।

5. प्रो बायोटिक और लैकसेटिव करते है कब्ज़ दूर:

गर्भावस्था में कई बार कब्ज़ की समस्या बेहद गम्भीर हो जाती है। महिलाएं अच्छी खुराक और व्यायाम के बावजूद कब्ज़ से परेशान हो जाती है। ऐसे में अपने चिकित्सक की सलाह से प्रो बायोटिक या फिर लैकसेटिव दवाओं का सेवन भी किया जा सकता है। बाज़ार में गर्भावस्था के दौरान लिए जाने वाले कई प्रो बायोटिक और लेकसेटिव मौजूद हैं पर ध्यान रहे कि इनका सेवन बिना अपने डॉक्टर से परामर्श किए नहीं करना चाहिए।

6. मैग्नीशियम के सेवन से कब्ज़ में मिलेगा आराम:

गर्भावस्था के दौरान अगर आपके आहार में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम है तो भी कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक मैग्नीशियम आपके पाचन तंत्र में पानी खींचने का काम करता है जिससे आपका मल नरम हो जाता है और कब्ज़ से छुटकारा दिलाता है। इसलिए अपने आहार में मैगनीशियम से भरपूर चीज़ें खाकर आप कब्ज़ को दूर भगा सकते हैं। पर ध्यान रहे कि इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

7. नारियल तेल से दूर होता है कब्ज़:

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रतिदिन नारियल का तेल खाने से कब्ज़ की समस्या में राहत मिलती है। नीरियल तेल आंतों को चिकनाई प्रदान करता है जिससे कब्ज को रोकने में मदद मिल सकती है। इस बारे में अपने डॉक्टर से जानकारी लें कि क्या यह आपके लिए उचित रहेगा।

8. फास्ट फूड को कहें बाय बाय:

आजकल के लाइफस्टाइल में फास्ट फूड ने अपनी स्थाई जगह बना ली है। कुछ लोग रोज़ तो कुछ हर दूसरे तीसरे दिन जंक फूड का सेवन करते हैं। पर गर्भावस्था में जीभ को इस फास्ट फूड से आराम देना ज़रूरी है। आमतौर पर फास्ट फूड में ज्यादा तेल , तेज़ मसालों और मैदे के जमकर इस्तेमाल किया जाता है। ये सारी चीज़ें आपके पाचन को धीमा कर देती हैं। खासकर जब आप गर्भावस्था में हैं और आपका शरीर हार्मोन के बदलावों का मैदान बना हुआ है। इसलिए सलाह दी जाती है कि घर का बना साफ सुथरा और सादा भोजन करने असर पड़ता है। कोशिश करें कि आप भी फास्ट फूड से दूरी बनाएं और कब्ज़ से राहत पाएं।

9. योग देगा राहत:

गर्भावस्था में कब्ज़ से राहत पाने के लिए योगासनों का सहारा भी लिया जा सकता है। विशेषज्ञो का कहना है कि  कैट स्ट्रेच पोज़ जैसे योग का अभ्यास करने से कब्ज से राहत मिल सकती है। हालांकि किसी भी तरह का योगासन प्रशिक्षक की देखरेख में ही किए जाने चाहिए। आपको कितनी देर आसन करना है और किस तरह करना है ये इस बात पर निर्भर करेगा कि आप गर्भावस्था के किस पड़ाव पर हैं। इसलिए अपने चिकित्सक और योग प्रशिक्षक से बात करके ही योगाभ्यास करने की शुरुआत करें।

10. नींबू का सेवन करें:

विटामिन सी से भरपूर नींबू पाचन के लिए अच्छा होता है।यह शरीर से विषाक्त पदार्थों और अन्य अपचित भोजन को बाहर निकालने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान गर्म पानी के गिलास में नींबू मिलाकर पीने से मल त्याग करने में मदद में मदद मिलती है। इस घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल कर कब्ज़ को दूर किया जा सकता है।

11. फ्लैक्स सीड:

गर्भावस्था के दौरान कब्ज के इलाज के लिए यह एक और बहुत लोकप्रिय घरेलू उपाय है। अलसी यानी फ्लैक्स सीड आपके आहार को फाइबर से भरपूर बनाता है। इसके सेवन से आपके भोजन में फाइबर की मात्रा के साथ ही ओमेगा -3 की मात्रा भी बढती है।इसको पाउडर के रूप में ,सलाद में मिलाकर या आटे में मिलाकर खाया जा सकता है।माना जाता है कि इससे गर्भावस्था में कैल्शियम की भरपूर मात्रा भी शरीर में पहुंचती है।

12. ईसबगोल की भूसी:

ईसबगोल की भूसी कब्ज के लिए रामबाण इलाज मानी जाती है। ईसबगोल की भूसी में तरल पदार्थ को सोखकर मल में मिलाने की क्षमता होती है। अगर आप इस उपाय को चुनते हैं तो आपको रोजाना कम से कम दस गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। हालाँकि, यदि आपको हृदय रोग या उच्च रक्तचाप की समस्या है तो आपको यह विकल्प नहीं चुनना चाहिए। ईसबगोल का उपयोग करने से पहले  डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।

13. एक्यूप्रेशर:

एक्यूप्रेशर द्वारा उपचार से गर्भावस्था में कब्ज के इलाज में काफी अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। इस पद्धति का इस्तेमाल करने वाले चिकित्सकों का मानना है कि कब्ज आमतौर पर ऊर्जा अवरोध के कारण होता है। इस अवरोध को दूर करने के लिए आपको पेट के केंद्र में सही दबाव बिंदु खोजने की जरूरत होती है। यह बिंदु नाभि से लगभग 5 सेमी नीचे स्थित होता है। इस बिंदु को हल्का दबाव डालने से कब्ज़ की समस्या में राहत मिलती है। हालांकि यह दबाव कितना हो औऱ कितनी बार डाला जाए यह विशेषज्ञ ही बताएगा। एक्यूप्रेशर को गर्भावस्था के आखरी चरणों में बंद कर देना चाहिए। यदि आपकी गर्भावस्था मुश्किलों भरी है तो चिकित्सक से परामर्श लेकर ही इसकी शुरुआत करें।