गर्भावस्था को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है कोविड-19
कोविड-19 एक ऐसा वायरस है जो किसी भी व्यक्ति की जान भी ले सकता है। विश्व के कई देशों में अपनी जड़ें मजबूत कर चुके इस वायरस को महामारी तक घोषित किया जा चुका है। इस महामारी से बचने का उपाय कोविड वैक्सीन, सावधानी और कोविड नियमों का पालन ही है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह महामारी बहुत घातक हो सकता है। कोविड-19 न सिर्फ गर्भवती महिलाओं को बल्कि उसके कोख में पल रहे बच्चे को भी प्रभावित करता है।
आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं और आपको बताते हैं गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 महिलाओं को किस तरह से प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसके पहले यह जान लीजिये की आखिर कोविड-19 है क्या।
क्या है कोविड-19
दरअसल, कोविड-19 एक प्रकार का वायरस है जो प्राणघातक भी हो सकता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। इस वायरस की सबसे पहली जानकारी वर्ष 2019 में चीन के मध्य में स्थित वुहान शहर से मिली थी, जहां से इस वायरस ने बहुत तेजी से अपने पैर पसारना शुरू किया था। वहां के लोगों को निमोनिया के तरह की बीमारी हो रही थी और इस बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही थी। इसके बाद यह वायरस वुहान शहर से निकलकर अन्य देशों तक पहुंच गया। यहां तक कि भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। भारत में अभी तक इस वायरस की वजह से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है।
कोविड-19 के लक्षण
कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने के बाद से शरीर में कई तरह की बीमारियां नजर आने लगती है। सूखी खासी, बुखार, बदन में खुजली और दर्द, दस्त आना, गले में खरास, सर चकराना, स्वाद का पता न चल पाना इस वायरस के संक्रमण से होने वाली आम बीमारियां है। इसके अलावा इसके कुछ गंभीर लक्षण भी है। इस वायरस के संक्रमण से शरीर मे दर्द और दबाव बढ़ना, सांस लेने में दिक्कत होना जैसी बीमारियां भी शरीर में घर करने लगती हैं।
गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 कैसे करता है प्रभावित
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव की आवश्यकता ज्यादा होती है क्योंकि यह संक्रमण न सिर्फ गर्भवती महिलाओं को बल्कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु को भी प्रभावित कर सकता है।
अध्ययनों के अनुसार, कोविड-19 से संक्रमित ज्यादातर महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य में गिरावट जरूर दर्ज की गई है। ऐसी सूरत में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है। जिन गर्भवती महिलाओं में कोविड 19 वायरस के लक्षण पाए जाते हैं, उन्हें गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। इनमें उन गर्भवती महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है जिनकी उम्र 35 वर्ष से अधिक हो या वे उच्च रक्तचाप से ग्रसित हो।
कई हेल्थ एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि गर्भावस्था के दौरान यह वायरस कई तरह की जटिलताएं पैदा कर सकता है। इसी वजह से इस वायरस के प्रति गर्भवती महिलाओं को संवेदनशील रहना चाहिए। ऐसी ही एक जटिलता यह भी है कि वायरस की वजह से साइटोकाइन स्टॉर्म के भ्रूण के विकास और भ्रूण के आरोपण पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा इस वायरस की वजह से प्लेसेंटल सूजन भी आ सकती है, जिसकी वजह से भ्रूण की वृद्धि बंद हो सकती है और गर्भपात हो सकता है।
कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 से संक्रमित महिलाओं में समय से पहले डिलीवरी होने, ढाई किलों से काम का नवजात शिशु होने यह जन्म से पहले ही नवजात शिशु की मृत्यु होने का खत्म बढ़ जाता है।
क्या गर्भावस्था के दौरान महिला के भ्रूण को भी हो सकता है कोविड
अभी तक यह जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है कि कोविड संक्रमित महिला की वजह से उसके भ्रूण को भी कोविड संक्रमण हो सकता है या नहीं, लेकिन कुछ मामलों में नवजात शिशु भी कोविड संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि यह संक्रमण उन्हें जन्म से पहले हुआ या बाद में।
ऐसी गर्भवती महिला को कोविड-19 के संक्रमण का खतरा होता है ज्यादा
- अगर गर्भवती महिला स्वास्थ्य कर्मचारी है तो उसे कोविड-19 के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
- उन गर्भवती महिलाओं को भी संक्रमण का खतरा होता है जिनके समुदाय में संक्रमित लोगों की संख्या अधिक हो
- इसके अलावा बाहरी लोगों के संपर्क में भी आने से गर्भवती महिला कोविड संक्रमण की चपेट में आ सकती है
- इसके अलावा अगर गर्भवती महिला के घर में रहने वादों सदस्यों की संख्या ज्यादा हो और वह उनसे उचित दूरी बनाए रखने में सक्षम नहीं है तब भी वह संक्रमित हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं को बरतनी चाहिए ये सावधानियां
एक गर्भवती महिला को कोविड संक्रमण से बचने की आवश्यकता ज्यादा है। इसके लिए उसे हमेशा ही डबल मास्क पहनना चाहिए, फिर चाहे वह अपने परिवार के सदस्यों के बीच घर पर ही क्यों न हो। इसके साथ ही उन्हें पारिवारिक सदस्यों के बीच में भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी चाहिए। चूंकि कई बार होता है कि गर्भवती महिला बाहर नहीं जाती है, लेकिन उसके परिवार के सदस्य काम के लिए बाहर जाते हैं, तो उनसे वह इस वायरस से संक्रमित हो सकती है।इसके अलावा अगर गर्भवती महिला को कोविड की वैक्सीन नहीं लगी है तो उन्हें डॉक्टर से विमर्श लेने के बाद कोविड वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।
कोविड वैक्सीन गर्भवती महिला की किस तरह करता है मदद
गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह काफी मददगार रहता है। चूंकि कोविड वैक्सीन शरीर में रोकजनक के खिलाफ इम्युनिटी बढ़ाने का कार्य करता है। इस वजह से विकसित हुई एंटीबॉडीज रक्त के माध्यम से भ्रूण में पल रहे पहुँच जाएगी और शिशु की विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा करेगी। इसके अलावा यह एंटीबॉडीज स्तनपान करने वाली मां के दूध के माध्यम से भी नवजात शिशु तक पहुंचती है।