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Last Updated: Sep 28, 2024
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पुराने दाद का इलाज और दवा - Purane Daad Ka Ilaj Aur Dawa in Hindi

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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दाद एक प्रकार का फंगल संक्रमण है जो किसी व्यक्ति के सिर, पैर, गर्दन या शरीर के अन्य अंदरुनी अंगों मे कहीं भी हो सकता है. यह लाल या हल्के भूरे रंग का होता है. जो आकार में गोल होता है. यह इंसान, जानवर किसी से भी फैल सकता है. हालाँकि, यह आसानी से ठीक भी किया जा सकता है. यह किसी कीड़े से नहीं होता ये तो एक फंगल संक्रमण है. अगर आपको ये संक्रमण है तो आप अपने शरीर के किसी भी हिस्से पर लाल गोल निशान देख सकते हैं. ये बहुत तेज़ी से फेलता है जिस जगह पर हुआ है उसके आस पास की जगह पर भी फैलने लगता है. इसका संक्रमण ज्यादा बढ़ने पर आप शरीर पर उभार और फुंसियाँ भी देख सकते हैं. दाद के दौरान अत्यधिक खुजली पैदा होती है. खुजली एक ऐसा चर्म रोग है जो आनंद देता है खुजाने में. जब तब त्वचा जलने न लगे तब तक खुजलाहट शांत नहीं होती. इस रोग में सबसे अधिक शरीर की सफाई पर ध्यान देना चाहिये. चूंकि यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक शीघ्र पहुंचाता है इसलिय संक्रमित के कपड़े अलग रखकर उनकी गरम पानी से धुलाई करनी चाहिये.

आइए इस लेख के माध्यम से हम पुराने दाद के इलाज के विभिन्न तरीकों पर एक नजर डालें ताकि लोगों की परेशानी कुछ हद तक कम हो सके.

पुराने दाद के इलाज के लिए आवश्यक सामग्री तथा दवा बनाने का तरीका - Purana Daad Ka Ilaj Aur Dawa

1. पहला तरीका: - लोहे की कढ़ाई में एक किलो गंधक और ढाई सौ ग्राम घी डालकर आंच पर गला लें. उसके बाद पहली शुद्धि के अनुसार मिटटी की नांग में गंधक से दुगुना दूध भरकर उसके मुंह पर एक नया, पतला कपडा गीला करके बाँध दें और उस गंधक को उस.

2. दूसरा तरीका: - टमाटर और नींबू की खट्टाइ खटाई खून को साफ करती है. खून साफ करने हेतु टमाटर को अकेले ही खाना चाहिए. रक्तदोष के कारण जब त्वचा पर लाल चकत्ते उठे हों, दांतों से खून निकल रहा हो, मुंह की हडि्डयां सूज गई हो, दाद या बेरी-बेरी रोग हो तो ऐसे में टमाटर का रस दिन में 3-4 बार पीने से बहुत लाभ मिलता है. कुछ सप्ताह तक रोजाना टमाटर का रस पीने से चर्मरोग ठीक हो जाते हैं. नींबू के रस में इमली के बीज पीसकर लगाने से दाद में लाभ होता हैं.

पुराने दाद के इलाज के तरीके- Purane Daad ka Ilaj

  • अंजीर का दूध लगाने से दाद मिट जाते हैं.
  • 1 कप गाजर का रस रोजाना पीने से त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं.
  • त्वचा के किसी भी तरह के रोगों में मूली के पत्तों का रस लगाने से लाभ होता है.
  • शरीर की त्वचा पर कहीं भी चकत्ते हो तो उस पर नींबू के टुकड़े काटकर फिटकरी भरकर रगड़ने से चकत्ते हल्के पड़ जाते हैं और त्वचा निखर उठती है.
  • लहसुन में प्राकृतिक रूप से एंटी फंगल तत्व होते हैं. जो की कई तरीके के फंगल संक्रमण को ठीक करने में सहायक है. जिसमे से दाद भी एक है. लहसुन को छिल कर उसके छोटे छोटे टुकड़े कर दाद पर रख दीजिये जल्दी आराम मिलेगा.
  • पके केले के गूदे में नींबू का रस मिलाकर लगाने से दाद, खाज, खुजली और छाजन आदि रोगों में लाभ होता है.
  • दाद, खाज और खुजली में मूंगफली का असली तेल लगाने से आराम आता है.
  • पुराने दाद का इलाज करने के लिए छोटे-छोटे राई के दानों को 30 मिनट तक किसी बर्तन में पानी में भिगो कर रख दें. इसके बाद उसका पेस्ट बनाकर जहां दाद है वहाँ पर लगा लें.
  • एलो वेरा का अर्क हर तरह के फंगल संक्रमण को ठीक कर देता हैं. इसे तोड़कर सीधे दाद पर लगा लीजिये ठंडक मिलेगी. हो सके तो रात भर लगा कर रखें. एलो वेरा का नियमित सेवन करने और प्रभावित स्थान पर लगाने से दाद और खुजली में बहुत आराम मिलता हैं.
  • नीम के पत्तों को पानी में उबालकर स्नान करना चाहिये.
  • काले चनों को पानी में पीस कर दाद पर लगायें. दाद में आराम आएगा.
  • शरीर के जिन स्थानों पर दाद हों, वहां बड़ी हरड़ को सिरके में घिसकर लगाएं.
  • छिलके वाली मूंग की दाल को पीसकर इसका लेप दाद पर लगाएं.
  • दाद होने पर हींग को पानी में घिस कर नियमित प्रभावित स्थान पर लगाने से पुराने दाद में अत्यंत आराम मिलता है.
  • नौसादर को नींबू के रस में पीसकर दाद में कुछ दिनों तक लगाने से दाद दूर हो जाता है.
  • आंवले का छिलका हटाकर उसकी गुठली को जलाने के बाद उसके भस्म में नारियल तेल मिश्रित करके बने मलहम को खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली की समस्या दूर होती है.
  • पुराने दाद का इलाज करने के लिए पहले नीम की पत्तियों को गरम पानी में ठीक से उबालें इसके बाद उसे खुजली वाले स्थान पर लगायें.
  • काली मिर्च एवं गंधक को घी में मिलाकर शरीर पर लगाने से खुजली दूर होती है.
  • एक चम्मच टमाटर के रस में दो चम्मच नारियल का तेल मिलाकर मालिश करें और फिर उसके आधे घंटे बाद स्नान कर लेने से खुजली में राहत मिलती है.
  • स्वमूत्र चिकित्सा से भी इसका लाभप्रद इलाज होता है. छ: दिन का पुराना स्वमूत्र दाद खुजली पर लगाने से और स्वमूत्र की पट्टी रखने से चमत्कारी लाभ मिलता है.
  • उपरोक्त दाद वाले इलाज खुजली में भी उतनी ही उपयोगी हैं जितने दाद में बच्चो को पहनाये जाने वाले डाइपर बहुत हानिकारक होते हैं, जहाँ तक हो सके उन से परहेज करे.दाद खाज-त्वचा के ऐसे रोग हैं कि लापरवाही बरतने से हमेशा के मेहमान बन जाते हैं.
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