Putrajeevak Benefits and Side Effects in Hindi - पुत्रजीवक के फायदे और नुकसान
पुत्र जिया या जियापोता के नाम से जाना जाने वाला आयुर्वेद में उल्लिखित पुत्रजीवक के फायदे बहुत सारे हैं. पुत्रजीवक पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाने वाला पेड़ है. यह एक सदाबहार पेड़ है, यानी हमेशा हरा भरा रहता है. इस के तने पर की छाल सी के रंग की होती है. पत्तों का रंग गहरा होता है और फूल हरे रंग के फूल गुच्छे में होते हैं. पुत्रजीवक आयुर्वेद की जानी-मानी एवं बेहद प्रभावशाली औषधि है. मुख्य रूप से इसे गर्भ ठहरने के लिए उपयोग में लाया जाता है. संतानहीन ओं के लिए वरदान साबित होने वाले आप पुत्रजीवक कई लोगों को उम्मीद देता है. लेकिन इसके साथ ही पुत्रजीवक के बीज छाल और पत्तों का उपयोग अन्य बीमारियों के लिए भी औषधि के रूप में किया जाता है. आइए पुत्रजीवक के कुछ फायदे और नुकसान को जानते हैं.
1. कब्ज में लाभदायक
यदि आप कब्ज से परेशान हैं तो आपके इस परेशानी को दूर करने में पुत्रजीवक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये न सिर्फ कब्ज को ठीक करता है बल्कि इसके साथ ही ये मल के सूखेपन के कारण आँतों में होने वाले दर्द में भी आपको राहत देने का काम करता है. कब्ज में इसका इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको पुत्रजीवक का तीन ग्राम पाउडर प्रत्येक दिन 2 टाइम हल्के गरम दूध के साथ लें.
2. जुकाम या बुखार में उपयोगी
जुकाम या बुखार जो आमतौर पर हमेशा किसी न किसी को होता ही रहता है. जुकाम या बुखार के उपचार के लिए आपको पुत्रजीवक के फलों का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए. इससे काफी हद तक आप राहत महसूस करेंगे.
3. ल्यूकोरिया के उपचार में
ल्यूकोरिया एक ऐसी बिमारी है जिसमें जननांग से सफ़ेद पानी निकलता है. इस बिमारी से निजात पाने के लिए पुत्रजीवक के फल का गुदा, गुड़ और पानी के साथ लेने से ल्यूकोरिया में आप राहत महसुस करेंगे.
4. बांझ महिलाओं के लिए वरदान
महिलाओं के गर्भ न ठहर पाने के कई कारण होते हैं. जिसे बांझपन भी करते हैं. पुत्र जीवक की भूमिका गर्भाशय को विषरहित करने और इसके लिए एक सहायक दवा के रूप में है. पुत्र जीवक गर्भपात को रोककर अंडाशय के कार्यों में सुधार लाता है. जिससे कि गर्भाशय गर्भ के लिए परिपक्व होता है. इससे स्वस्थ अनुभवों को रिलीज करने में भी सहायता मिलती है. इसके लिए पुत्र जीवक बीज की गिरी को दूध के साथ पीरियड्स के दिनों में लेना चाहिए.
इसके अतिरिक्त और ज्यादा लाभ के लिए आप पुत्रजीवक पेड़ की छाल बिल्ब की जड़ और मालकांगनी की जड़ को मिलाकर इसे पानी में पैसे इसके बाद इस पेस्ट को दिन में एक बार दो 3 सप्ताह तक गर्भवती महिलाएं ने इससे गर्भवती महिलाओं का असामान्य रक्तस्राव रुकता है. पुत्रजीवक सभी प्रकार के मासिक धर्म के रोगों के लिए उपयोगी है. पुत्र जीवक का गूदा जीरा के साथ दूध में पीसकर सुबह लेने से पीरियड्स में आराम मिल सकता है. इसके अलावा पुत्रजीवक पीरियड्स के दौरान होने वाले 58 सीने में जलन मुंह में कड़वाहट काले धब्बे कमजोरी ब्लू टीन आदि को भी कम कर सकता है.
5. गर्दन दर्द के लिए
कई बार हम गर्दन के दर्द या सुजन से परेशान हो जाते हैं. इसमें भी पुत्रजीवक की सकरात्मक भूमिका होती है. इसके लिए आपको पुत्रजीवक के तने की छाल को पानी में घिसकर गर्दन के प्रभावित क्षेत्र में लगाना चाहिए.
6. गर्भपात में उपयोगी
गर्भपात दुःखद तो होता ही है, शरीर के लिए भी नुकसानदेह होता है. इसलिए इससे बचने के कई तरीके खोजे गए हैं. इन तरीकों में से एक पुत्रजीवक का इस्तेमाल भी है. गर्भाशय की लाइनिंग्स को मजबूत बनाकर पुत्रजीवक एक टॉनिक के रूप में काम करता है. ये गर्भाशय को गर्भावस्था के अनुकूल बनाता है.
इसके लिए 200 ग्राम पुत्रजीवक बीज का पाउडर, अश्वगंधा पाउडर और मिश्री पाउडर के मिश्रण का पाउडर बना लें. इस पाउडर का 4-5 ग्राम गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें. इसे आप खाली पेट या भोजन करने के 3 घंटे बाद ले सकते हैं.
7. शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में
जिस प्रकार ये महिलाओं का बाँझपन दूर करता है ठीक उसी प्रकार पुत्रजीवक पुरुषों के नपुंसकता में भी काम आता है. जिन लोगों को अल्पशुक्राणुता की समस्या है उन्हें 3 ग्राम पुत्रजीवक के बीज का पाउडर लेना चाहिए. इससे उनके शुक्राणुओं की संख्या तो बढ़ेगी ही साथ में उनकी गतिशीलता भी बढ़ेगी.
पुत्रजीवक के नुकसान
पुत्र जीवक से बनी औषधियों के इस्तेमाल के दौरान मसाले, मिर्च, तेल, खटाई, गर्म तासीर वाले किसी भी प्रकार के भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए.
आवश्यकता से अधिक मात्रा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
जहाँ तक संभव हो इसके सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें.