Reasons for Sore Throat in Hindi - गले में खराश के कारण
गले के संक्रमण या खराश की समस्या से आजकल सभी परेशान हैं. जब भी आपको 38 डीग्री सेंटीग्रेट से अधिक बुखार महसूस हो, गले या गर्दन में सूजन हो, निगलने में परेशानी हो या पेट दर्द जैसी समस्या हो तो समझिए कि आपके गले में खराश है. गले में संक्रमण या खराश के कई कारण हो सकते हैं जैसे प्रदूषित हवा, बदलता मौसम, अत्यधिक ठन्डे पदार्थों का सेवन, प्रतिकूल खान-पान आदि. इसलिए ये जरुरी है कि आप अपने गले का ख्याल रखें. इसके लिए इसके कारणों को जानना आवश्यक है. आइए गले में खराश के कारणों को विस्तारपूर्वक जानें.
गले में खराश के कारण
1. सर्दी-जुकाम
गले में खराश का मुख्य कारण है सर्दी जुकाम, एलर्जी और वायरल इन्फेक्शन आदि होता है. कई बार संक्रमित गले के लिए सर्दी-जुकाम भी जिम्मेदार होता है. जब भी आपको सर्दी-जुकाम और इस तरह की समस्या उत्पन्न ह हो तो समझिए कि गले में खराश भी होगी.
2. मोनो न्यूक्लोसिस
मोनो न्युक्लोसिस एक तरह का वाइरल इन्फेक्शन है जिसमें गले में खराश उत्पन्न हो जाती है. ये वायरस लार के द्वारा फैलता है इसलिए इसको ”किसिंग डिज़ीज” भी कहा जाता है. इससे प्रभावित व्यक्ति के छींकने या खांसने से भी ये दूसरे व्यक्ति को हो सकता है. इस बीमारी के लक्षण गले में खराश के अलावा बुखार , सिरदर्द , थकान आदि हो सकते है. ये एक डेढ़ महीने में अपने आप ठीक हो जाते है. किसी भी सार्वजनिक जगहों जैसे कि स्कूल आदि में इसके होने की सम्भावना अधिक होती है.
3. मीज़ल्स के कारण
मीजल्स में आपके गले में खराश, बुखार, कफ़, लाल आँखें, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहना और मुँह में सफ़ेद धब्बे हो सकते हैं. पूरे शरीर पर लाल लाल दाने होना इसकी विशेष पहचान है. कई लोग इसे छोटी माता भी कहते हैं. ऐसे मामलों में आपको अन्धविश्वास में न पड़कर किसी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. यह छीकने , खांसने आदि से फैलती है. इसके वायरस कई घंटे तक किसी सतह पर जीवित पड़े होते है. यहाँ से किसी दूसरे को आसानी से लग सकते है. एक दूसरे के झूठे गिलास में पानी पीने से या एक ही बर्तन में खाना खाने से दूसरे को हो सकता है.
4. विभिन्न एलर्जी
कई प्रकार के अलग-अलग एलर्जी में भी इस तरह की परेशानी देखने को मिल सकती है. इसमें आपको अचानक से बुखार आ जाना, गले में बहुत खराश, गले में सफ़ेद धब्बे, सिरदर्द, सर्दी लगना, भूख बंद होना, निगलने में परेशानी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इससे पीड़ित व्यक्ति स्ट्रेप थ्रोट से परेशान रहता है. ये छींकने से खांसने से ये फ़ैल सकता है.
5. डिप्थीरिया
डिप्थीरिया जैसी बीमारियों के कारण भी गले में सक्रमण या खराश की परेशानी उत्पन्न हो सकती है. इसके अलावा हूपिंग कफ के कारण गले में खराश और तेज खांसी होती है जो 2 महीने तक रह सकती है. ऐसी बीमारियों से बचने का उपाय करके आप इससे निपट सकते हैं.
6. मांसपेशियों में खिंचाव
मांसपेशियों में खिंचाव के कारण भी गले में खराश या संक्रमण की समस्याएं देखी जाती हैं. जब भी आपको मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो तो आपको समझना चाहिए कि गले में खराश भी हो सकती है.