Lybrate Logo
Get the App
For Doctors
Login/Sign-up
Last Updated: Jun 15, 2024
BookMark
Report

सांडे के तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान

Profile Image
Dr. Subhash KhatanaAyurvedic Doctor • 40 Years Exp.Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
Topic Image

सांडे का तेल आम तौर पर कौतूहल का विषय़ होता है। इस लेकर लोगों की अलग अलग धारणाएं हैं। कुछ लोग इसे सेक्स समस्याओं का इलाज बताते हैं। कुछ लोग इसके फायदों को कपोल कल्पना मानते हैं। आमतौर पर सांडे का तेल एक आयुर्वेदिक तत्वों का मिश्रण माना जाता है जो एक जीव के ग्रंथियों से मिलता है।

इस तेल की बिक्री दुकानों से ज्यादा फुटपाथ, बसों, रेलवे स्टेशन पर की जाती है। इसके फायदे का दावा करने वाले कहते हैं कि यह लिंग की कमजोरी, शीघ्र पतन समेत कई सेक्स समस्याओं में कारगर है। वहीं बहुत से लोग इसे लगाने से एलर्जी, जलन आदि की शिकायत करते हैं।

क्योंकि यह जीव को मारकर प्राप्त किया जाता है ऐसे में सरकार ने इस तेल पर प्रतिबंध लगा दिया है। आइए जानते हैं सांडे का तेल क्या होता है, इसे कैसे बनाया जाता है, इसे फायदे और नुकसान क्या हैं?

क्या होता है सांडे का तेल

सांडा रेतीले इलाकों में पाया जाना वाला एक का जीव होता है। यह देखने में बड़ी छिपकली जैसा होता है और भारत में राजस्थान और आसपास के मरुस्थल मे ज्यादा संख्या में पाया जाता है। सांडे का तेल इसी जीव को मारकर के इसके अंदर पाई जाने वाली एक ग्रंथि से प्राप्त होता है। इस तेल को समान्य तौर पर सेक्स से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने वाला माना जाता है। सांडे का तेल लिंग की कमजोरी, स्तंभन दोष, शीघ्र पतन , लिंग की नसों में होने वाला ढीलापन आदि समस्या को दूर करता है। इसके अलावा यह भी दावा किया जाता है कि सांडे का तेल लगाने से सेक्स के समय उत्तेजना बढ़ जाती है। सांडे के तेल से लिंग के साइज, उसकी मोटाई आदि की समस्या  भी दूर होने का दावा किया जाता है।

कैसे बनता है सांडे का तेल

गर्म रेगिस्तान में पाई जाने वाली एक सरीसृप सांडा की पूंछ के नीचे एक छोटी से ग्रंथि में सांडे का तेल पाया जाता है। इस ग्रंथि को पूंछ के नीचे से अलग किया जाता है और इसी थैली जैसी ग्रंथी को पिघलाकर सांडे का तेल बनाया जाता है। इस तेल को बनाने के लिए ग्रंथि को गर्म पानी में खौलाया जाता है और ठंडा कर इसे अलग कर इससे तेल बनया जाता है। वैसे सांडे के तेल को लेकर बाजार में बहुत से लोग सड़क किनारे से लेकर अलग अलग दुकानों और हकीम बैद्यों के यहां मिल जाएंगे। पर विशेषज्ञ मानते हैं कि असली तेल मिलना बहुत ही कठिन होता है। सरकार के प्रतिबंध के बाद तो यह और भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में यह तेल पुराने हकीमों, खानदानी वैद्यों के पास मिल सकता है।

कैसे काम करता है सांडे का तेल

विशेषज्ञों के मुताबिक इस तेल में गर्मी बहुत होती है। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है से में जब यह लिंग पर लगाया जाता है तो लिंग में खून का संचालन तेज होता है। सांडे के तेल की तासीर से लिंग में खून का सर्कुलेशन बहुत बढ़ जाता है। ऐसा होने से लिंग का स्तंभन ज्यादा बेहतर होता है। इसके अलावा कई तरह के अन्य फायदा भी होते हैं।

कैसे लगाएँ सांडे का तेल

सांडे का तेल लगाने का तरीका बहुत ही आसान है। इस तेल को लगाने के लिए इसकी कुछ बूंद हाथ में लेकर इसे अपने लिंग पर मालिश करनी होती है। इस मालिश में तेल को आगे से पीछे की ओर या पीछे से आगे की ओर लगाना होता है। ध्यान देने वाली बात है कि इसे लिंग के ऊपरी भाग यानी लिंग शीर्ष पर नहीं लगाना चाहिए इससे एलर्जी समेत कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। यदि आप इस तेल को लगाने और कामोत्तेजक बनाना चाहते हैं तो आप इसे अपने पार्टनर से भी लगवा सकते हैं। इससे आपको चरम सुख मिल सकता है।

साडें के तेल के फायदे

स्तंभन दोष

इन दिनों जीवनशैली की आपाधापी और स्ट्रेस की वजह से पुरुषों में स्तंभन दोष की समस्या बहुत आम है। इस समस्या के लिए सांडे का तेल उपयोगी हो सकता है। इस तेल में अश्वगंधा, लौंग और धतूरे में पाए जाने वाली तत्व पाए जाते हैं। ऐसे में यह तेल स्तंभन दोष को दूर करने में सहायक है। यह बात और है कि इस संबंध को अभी वैज्ञानिक शोध के माध्यम से स्थापित नहीं किया गया है।

शीघ्रपतन

सांडे के तेल में पाए जाने वाले तत्व शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं। इससे समय से पहले या फिर शीघ्र पतन की समस्या से निजात मिल जाती है। इस तेल में वो तत्व मौजूद होते हैं जो शतावरी, अश्वगंधा  और लौंग में मिलते हैं। यह ज्यादा उत्तेजित नसों को आराम पहुंचाते हैं जिससे शीघ्रपतन नहीं होता है। 

सूजन एं ब्लड शुगर

सांडे के तेल में वही तत्व पाए जाते हैं जो जीरे में पाए जाते हैं ऐसे में यह तत्व शरीर में सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। इसी तरह यह तत्व फेफड़ों  में भी खून की आपूर्ति को बेहतर बनाते हैं जिसे आपको फायदा मिलता है। यही तत्व ब्लड में शुगर लेवल को मैनेज करता है।   

इसके अलावा सांडे के तेल के और भी फायदे हैं

  • यह  सेक्स पावर और कॉन्फिडेंस बढ़ता है
  • लिंग की नसे अगर कमजोर हो तो उसे दुरुस्त बनाता है

सांडे के तेल के नुकसान

विशेषज्ञों मे कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके मुताबिक सांडे के तेल के फायदे सिर्फ कपोल कल्पना हैं। उनका मानना है कि सांडे की ग्रंथि से निकलने वाली चर्बी किसी भी दूसरे वसा की तरह ही होती है। ऐसा वैज्ञानिक जांच से प्रमाणित भी किया जा सकता है। ऐसे में यह दावा करना कि सांडे के तेल में ऐसी कोई विशेषता है जो यौन रोगों का इलाज कर सके तो यह दावा सिर्फ हवाई ही माना जा सकता है।

इसके अलावा बहुत से ऐसे लोगों को नुकसान देखने को मिले हैं जैसे

  • उन्हें एलर्जी हो जाती है
  • सांडे का तेल लगाने वाली जगह जिसमें कई बार प्लास्टिक सर्जरी तक करानी पड़ती है
  • कई बार तेल वाली जगह पर दाने निकल सकते हैं
  • तेल से होने वाली एलर्जी कभी कभी गंभीर रूप ले लेती है जिससे सांस में तकलीफ भी हो सकती है।

डाक्टरों को मानना है कि सांडे के तेल का अगर इस्तेमाल करना भी है तो पहले विशेषज्ञों से सलाह लेकर ही इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी स्तंभन दोष के दो तिहाई रोगी साइकोथिरैपी से ही ठीक हो जाते हैं।

In case you have a concern or query you can always consult a specialist & get answers to your questions!
chat_icon

Ask a free question

Get FREE multiple opinions from Doctors

posted anonymously
doctor

Book appointment with top doctors for Body Weakness treatment

View fees, clinc timings and reviews

RELATED LAB TESTS

doctor

Treatment Enquiry

Get treatment cost, find best hospital/clinics and know other details