संक्रमण से बचने के उपचार - Sankrman Se Bachne Ke Upchar!
वायरस और बैक्टीरिया के इन्फेक्शन से कई तरह की स्थायी और अस्थाई बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं. इनके कारण आमतौर पर होने वाली बीमारियों में स्किन इन्फेक्शन, यूटीआई, यीस्ट इन्फेक्शन, कोल्ड और फ्लू जैसी समस्याएं मुख्य हैं. आपको बता दें कि इस प्रकार के इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट के लिए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करना बेहद कारगर है. इन्फेक्शन के कारण सामान्य और गंभीर दोनों तरह की समस्याएं हो सकती हैं. एक तरफ कोल्ड, फ्लू, कफ जैसी सामान्य इन्फेक्शन की बीमारियां हैं, तो वहीं इन्फेक्शन से यीस्ट इन्फेक्शन, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, किडनी इन्फेक्शन जैसी गंभीर समस्याएं भी होती हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम इन्फेक्शन से बचने के विभिन्न उपचारों पर एक नजर डालें ताकि इस विषय में लोगों की जानकारी बढ़े.
1. लहसुन - यह इन्फेक्शन से लड़ने में उपयोगी है. यह बैक्टीरिया, वायरस, अथवा फंगी के खिलाफ लड़ने में बहुत फायदेमंद है. लहसुन में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और मिनरल तत्व होते हैं. इससे सर्दी-जुकाम, दर्द, सूजन और त्वचा से संबंधित संक्रामक बीमारियां नहीं होती हैं. सब्जी में इस्तेमाल कर के इससे कच्चा या चटनी के साथ खा सकते हैं.
2. तुलसी - तुलसी में बहुत सारे आयुर्वेदिक गुण होते हैं. तुलसी के पत्ते के सेवन से खांसी, जुकाम, बुखार और सांस संबंधी संक्रमक रोगों को ठीक किया जा सकता है. बदलते मौसम में होने वाली संक्रामक बीमारियेां से बचाव के लिए तुलसी की पत्तियों को उबाल कर या चाय में डाल कर पीने से नाक और गले के इन्फेक्शन में राहत मिलता है.
3. अदरक - सांस और पेट संबंधित इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट के लिए अदरक को कारगर घरेलू उपाय माना जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स एलर्जी और इन्फेक्शन से लड़ने में उपयोगी हैं. अदरक का रोजाना सेवन करने से सांस की बीमारियां से बचाव होता हैं. इसे चाय या खाने के साथ भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
4. जिनसेंग - जिनसेंग के पौधे की जड़ में हमारी रोग-प्रतिरोधक प्रणाली को उत्तेजित करने की योग्यता रखता है. इसका इस्तेमाल यीस्ट इन्फेक्शन, यूटीआई, कोल्ड और फ्लू के ट्रीटमेंट के लिए कर सकते हैं. इस प्रकार इन्फेक्शन से बचने में जिनसेंग भी उपयोगी हो सकता है.
5. सेब का सिरका - सेब के सिरके में एंटीबैक्टीरियल प्रभाव होते हैं जो किसी भी प्रकार के स्किन के बाहर और बॉडी के अंदर होने वाले इन्फेक्शन से बचाव कर सकता है. स्किन के बाहर होने वाले इन्फेक्शन के लिए इसे डायरेक्ट स्किन पर लगाएं और बॉडी के अंदर होने वाले इन्फेक्शन के लिए एक चम्मच सिरके का सेवन करें.
6. एलोवेरा - एलोवेरा के फायदे तो आमलोगों के बीच में काफी प्रचलित है. यह त्वचा के लिए बहुत कारगर माना जाता है और आसानी से उपलब्ध भी होता है. पोषक तत्वों से प्रचुर यह वनस्पति शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है जिससे इन्फेक्शन होने का जोखिम कम रहता है. एलोवेरा जेल के इस्तेमाल से स्किन इन्फेक्शन, यीस्ट इन्फेक्शन, यूटीआई, वैजाइना में होने वाले इन्फेक्शन का ट्रीटमेंट किया जा सकता है.
7. हल्दी - हल्दी को बहुत ही प्रभावी औषधि के रूप में जाना जाता है, यह कैंसर जैसी बीमारी से भी रक्षा कर सकता है. हल्दी में करकमिन तत्व एंटी-बॉयटिक और एंटी-इंफ्लमेटरी युक्त होता है जो किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन से सुरक्षा करता है. हल्दी के पाउडर को दूध में मिलाकर पीने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह सांस के इन्फेक्शन, सर्दी, जुकाम आदि दूर करता है.
8. चाय के पत्ते का तेल - चाय के पत्ते का तेल निकालकर इसे इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल कीजिए. चाय के पत्ते में बैक्टीरिया और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से सुरक्षा करने वाले तत्व पाए जाते हैं. वैजाइनल इन्फेक्शन, यूटीआई, एलर्जी, सर्दी-जुकाम के लिए चाय के पत्ते का तेल प्रयोग करने से इन्फेक्शन ठीक हो जाता है. इसका कोई साइड-इफेक्ट भी नहीं होता है.
9. अनानास - इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी-बॉयटिक गुण मौजूद होते हैं, यह किसी भी तरह के इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें ब्रोमेलिन नामक एंटी-बॉयटिक तत्व होता है जो ब्लैडर में भी होने वाले इन्फेक्शन को दूर करता है. आप इसके जूस का सेवन कर सकते हैं.