सफ़ेद दाग के लक्षण - Saphed Daag Ke Lakshan!
सफेद दाग एक ऐसी बीमारी है जिसका सीधा संबंध हमारे शरीर के त्वचा से है. कई लोग इसे भी कुष्ठ रोग का ही एक हिस्सा मानते हैं. यहाँ हम ये स्पष्ट करना चाहेंगे कि सफ़ेद दाग का कुष्ठ रोग से कोई संबंध नहीं है. आपको ये भी बताते चलें कि पूरे दुनियाभर में लगभग चार फीसदी लोग सफेद दाग के शिकार हैं. यदि हम इन आंकड़ों की भारत के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो पाते हैं कि अपने देश की चार फीसदी (करीब पांच करोड़) जनसंख्या सफेद दाग से प्रभावित है. दरअसल इसे लेकर हमारे यहाँ जागरूकता का घोर अभाव है. क्योंकि जब ये शुरुआत में छोटा सा दिखाई देता है तब लोग इसे एकदम हल्के में लेते हैं. लेकिन जैसे-जैसे ये बढ़ने लगता है तब लोग इसे लेकर चिंतित होने लगते हैं. सफ़ेद दाग में राहत की बात ये है कि इसमें पीड़ित व्यक्ति को किसी तरह की शारीरिक परेशानी, जलन या खुजली नहीं होती. लेकिन ये जरूर है कि चेहरे या शरीर के अन्य किसी हिस्से में सफेद दाग होने के कारण कई बार व्यक्ति में हीनता की भावना भी पैदा हो जाती है. आइए इस लेख के माध्यम से हम सफ़ेद दाग के लक्षणों को जानें.
सफेद दाग होने का लक्षण-
हर रोग के लक्षणों की तरह ही इस रोग के भी कुछ शुरुवाती लक्षण हैं. जैसे कि इसमें शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा पर छोटा सा दाग पीले रंग से शुरू होकर धीरे-धीरे सफेद रंग का बन जाता है. पीले रंग के इस दाग का आकार शुरू में काफी छोटा होता है. यदि शुरुआत में ही इसका उपचार नहीं होता तो यह दाग जगह-जगह फैलते हुए बड़े-बड़े चकतों के रूप में भी हो सकता है. इसलिए शुरुवाती लक्षणों के दिखने पर ही डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए.
सफेद दाग होने का कारण-
त्वचा पर सफेद दाग या सफेद चकते होने के तीन प्रमुख कारण हो सकते हैं. सफेद दाग के रोगियों में पाया गया है कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी से यह समस्या होती है. इसके अलावा फंगल संक्रमण से भी यह समस्या बनती है. तीसरा कारण ल्यूकोडरमा या विटिलिगो समस्या है. यह आज आम समस्या हो गई है, जिसके कारणों का पूरी तरह से पता भी नहीं चल पाता है.
सफेद दाग से बचाव-
सफेद चकतों या दाग को दूर करने के लिए सबसे जरूरी अपनी जीवन शैली और खान पान में परिवर्तन करना है. इससे ग्रस्त व्यक्ति को करेले की सब्जी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए. खट्टा, ज्यादा नमक वाले आहार, मछली, दूध और दही आदि के सेवन से बचना चाहिए. गर्म दूध में पिसी हुई हल्दी डालकर दिन में दो बार पीने से पांच महीने में सफेद दाग से छुटकारा मिल जाता है. साबुन और डिटरजेंट का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए.
1. बासी पानी पीकर-
सफ़ेद दाग से पीड़ित व्यक्ति इससे छुटकारा पाने के लिए तांबे के बर्तन में रात को पानी भरकर उसका सुबह उठकर सेवन करें. इसके साथ ही गाजर, लौकी और दालों का भरपूर मात्रा में सेवन करें. ऐसा करने से आपको काफी लाभ मिलेगा.
2. हल्दी और सरसों का तेल-
हल्दी और सरसों के तेल का मिश्रण बनाकर दाग वाली जगह लगाने से भी काफी राहत मिलती है. इसके लिए आपको एक चम्मच हल्दी पाउडर में दो चम्मच सरसों का तेल मिलाएं अब इस पेस्ट को सफेद चकतों वाली जगह पर नियमित रूप से लगाएं और 15 मिनट तक रखने के बाद उस जगह को गुनगुने पानी से धो लें.
3. नीम की पत्ती और शहद-
सफ़ेद दाग का इलाज करने के लिए नीम की ताजी कोपल के पेस्ट को छलनी में डालकर उसका रस निकाल लें. इसके बाद एक बड़ी चम्मच नीम के रस में एक चम्मच शहद मिश्रित करके दिन में तीन बार इसका सेवन करें. इसके अतिरिक्त आप दो चम्मच अखरोट पाउडर का पेस्ट बनाकर इसे दाग वाली जगह पर 20 मिनट तक लगाकर रखें. ऐसा दिन में तीन से चार बार करें.
4. बथुआ है फायदेमंद-
सफेद दाग की परेशानी से ग्रसित व्यक्ति को यदि नियमित रूप से बथुआ की सब्जी खाने को दें तो उसे काफी राहत मिलेगी. लेकिन ध्यान रहे कि बथुआ को उबाल कर उसके पानी से सफेद दाग वाली जगह को दिन में तीन-चार बार धोयें. साथ ही कच्चा बथुआ का रस का दो कप और उसमें आधा कप तिल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर सिर्फ तेल रह जाने तक पकाएं. फिर इसे उतारकर शीशी में भर लें और इसे लगातार लगाते रहें.