सर्दी-जुकाम की दवा, टैबलेट, एंटीबायोटिक
बदलता मौसम हमारे लिए कई बीमारियां लेकर आता है। इनमें सबसे आमतौर पर होने वाली बीमारी है सर्दी ज़ुकाम। हर बार सर्दी से गर्मी आने पर और गर्मी के बाद सर्दियां आने पर बड़ी संख्या में लोग खांसी ज़ुकाम की चपेट में आ जाते हैं। इसके कारण खांसी, बुखार ,गले में खराश एक आम समस्या है।तो आइए जानते हैं कि क्यों होता है सर्दी ज़ुकाम और कैसे आप इससे निजात पा सकते हैं।
ज़ुकाम के लक्षण
बदलते मौसम में कुछ ठंडा का लिया या ठंडा पानी पी लिया तो आपको गले में दर्द और खराश महसूस होने लगती है। इसके बाद नाक बहना,छींक आना ,बहुत अधिक थकान लगना और खांसी,जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण आपको घेर लेते हैं।हालांकि ये ज़रूरी नहीं कि ज़ुकाम होने पर आपको बुखार भी आए। हल्के लक्षणों से शुरु हुई ये परेशानी आने वाले कई दिनों में ज़ोर पकड़ लेती है। ऐसे में यदि आपको खांसते वक्त गाढ़ा या गहरे रंग का बलगम आता है या फिर बुखार होता है, तो आपको बैक्टीरिया का संक्रमण हो सकता है।
आपके लक्षण आमतौर पर सर्दी के वायरस से संक्रमित होने के 1 से 3 दिनों के बीच शुरू होते हैं। वे आम तौर पर लगभग 3 से 7 दिनों तक चलते हैं। लेकिन हो सकता है कि आप एक हफ्ते या उससे अधिक समय तक खुद को कमज़ोर और बीमार महसूस करें।
शुरुआत के 3 दिन सबसे अधिक संक्रामक होते हैं लेकिन पहले सप्ताह के दौरान आप इसे और लोगों में फैला नहीं सकते हैं।
निदान
आमतौर पर आपको सामान्य सर्दी के लिए डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन अगर लक्षण बढ़ने लगते हैं या बिगड़ते हैं तो आपको डॉक्टर के पास ज़रूर जाना चाहिए।
सामान्य सर्दी वाले अधिकांश लोगों के लक्षणों का घर पर ही आसानी से किया जा सकता है। यदि आपके डॉक्टर को लगता है कि आपकी छाती में संक्रमण अधिक है तो वह आपके लक्षणों के अन्य कारणों का पता लगाने के लिए छाती के एक्स-रे या अन्य परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं।
इलाज
मौसम बदलने पर होने वाली सामान्य सर्दी का कोई विशेष इलाज नहीं है। सामान्य सर्दी के अधिकांश मामले बिना उपचार के समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं। आमतौर पर एक सप्ताह से 10 दिनों के भीतर आपके लक्षण कम होने लगते हैं। हालांकि खांसी कुछ और दिनों तक बनी रह सकती है। ऐसी स्थिति में आप भरपूर आराम करें,खूब सारा पानी पिएं और पौष्टिक भोजन लेते रहें तो आपको जल्दी लाभ हो सकता है। आप घर पर ही भाप ले सकते हैं जो आपकी बंद नाक खोलेगी औऱ छाती की जकड़न में आराम पहुंचाएगी।
एंटीबायोटिक्स- साधारण सर्दी ज़ुकाम या ठंड के वायरस के खिलाफ एंटीबायोटिक इस्तेमाल करने का कोई औचित्य नहीं। पर अगर आपको जीवाणु संक्रमण है तो इसके इस्तेमाल के बारे में विचार किया जा सकता है।
सर्दी ज़ुकाम के लक्षणों से परेशानी अधिक होने पर ऐसी दवाएं दी जाती है जो लक्षणों को दबा देती है। जैसे सिरदर्द,बुखार, शरीर में दर्द, और खांसी को कम करने कुछ आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं ली जा सकती हैं।
दर्द निवारक
बुखार , गले में खराश और सिरदर्द के लिए, वयस्क अक्सर एसिटामिनोफेन या अन्य हल्के दर्द निवारक जैसे कि इबुप्रोफेन ,कॉम्बिफेलैम,पैरासिटामॉल की ओर रुख करते हैं। बच्चों को भी यही दवाएं लिखी जाती हैं पर उनकी आयु के अनुसार इनकी कम मात्रा ही बच्चों को दी जाती है। क्रोसिन बच्चों के लिए अच्छा विकल्प है।
चिकित्सकों की सलाह है कि कम से कम समय के लिए इन दवाओं का प्रयोग करें और साइड इफेक्ट से बचने के लिए दिशा निर्देशों का पालन करें। यदि आपको सही खुराक के बारे में नहीं पता है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
नेज़ल स्प्रे
सर्दी ज़ुकाम में नाक बंद होने से परेशानी काफी बढ़ जाती है। ऐसे में नेज़ल स्प्रे का प्रयोग करना अच्छा रहता है। वयस्क पांच दिनों तक डीकंजेस्टेंट स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि इसे भी बहुत लंबे समय तक उपयोग नहीं करना चाहिए। 6 साल से कम उम्र के बच्चों को डीकंजेस्टेंट स्प्रे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
कफ सिरप
बाज़ार में कई ऐसे कफ सिरप मौजूद हैं जो आप सामान्य सर्दी खांसी के लक्षणों में मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं।ये पके गले की खराश को कम कर के खांसी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। सर्दी ज़ुकाम में लिखी जाने वाली कुछ दवाएं इस प्रकार हैं-
- एस्प्रिन और कोडीन-ये दोनों दवाएं एनलजेसिक हैं जो हल्के या ज्यादा शरीर के दर्द के लिए दी जाती हैं।
- बेंज़ोनेट-ये फार्मूला खांसी के लक्षणों को दबाने में कारगर है और ज्यादा खांसी आने पर इसे लेने की सलाह दी जाती है।
- क्लोरफेनिरामीन- यह दवा एक एंटी हिस्टामीन है जो एलर्जी को कम करने के लिए दी जाती है।ये बहती नाक,ज्यादा आंसू आना,चींके आने जैसे लक्षणों को दबाती है।
- क्लोरफेनिरामीन ,हाइड्रोकोडोन,सूडोफेडरीन- ये कॉम्बो एंटीहिस्टामीन है और कांसी को लक्षणों को नियंत्रित करता है।यह कफ और एलर्जी पर कारगर है और सामान्य सर्दी ज़ुकाम में दिया जाता है।
- कोडीन- यह एक दर्द निवारक है जो शरीर दर्द और खांसी में दिया जाता है।
- कोलिस्टिमिथेट इंजेक्शन- ये इंजेक्शन पॉलिमाक्सिन एंटीबायोटिक है और इसे बैक्टीरिया के संक्रमण वाले मामलों में देने की सलाह दी जाती है।
- ग्वाफेनेसिन- इस दवा को छाती की जकड़न दूर करने के लिए देने की सलाह दी जाती है।
- होमाट्रोपीन- यह दवा एक एंटीकॉलिनर्जिक एजेंट है जो सूखी खांसी में हाइड्रोकोडोन के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
- हाइड्रोकोडोन और क्लोरफेनिरामीन-यह कॉम्बिनेशन एंटीहिस्टामीन और खांसी को दबाने के लिए दिया जाता है।
- लिवोड्रोप्रोपिज़ीन- यह एक एंटीट्यूसिव है जो खांसी के लिए दिया जाता है।
- नोस्कापीन- यह एक एंटीट्यूसिव है जो खांसी के लिए दिया जाता है।
- ऑक्सीमेटाज़ोलीन –यह एक डीक्जेस्टेंट है और नाक एवं साइनस में सर्दी ज़ुकाम के कारण जमा कफ को ठीक करने के लिए जीया जाता है।