शीशम के पत्ते से कैंसर का इलाज - Shisham Ke Patte Se Cancer Ka Ilaj in Hindi
वैज्ञानिक नाम एनिबा रोजाऐंडोर वाले शीशम के पेड़ का इस्तेमाल आमतौर पर हम अपने घरों में फर्नीचर वगैरह के निर्माण में करते हैं. इसकी मजबूत लकड़ी का इस्तेमाल इसी तरह के कई और कामों में किया जाता है. ब्राजील में शीशम के सदाबहार विशालकाय पेड़ पाए जाते हैं. इसकी लकड़ी बाजार में काफी महंगे कीमत पर मिलती है. इसलिए इसका प्रयोग इमारतों में अधिक किया जाता है. लेकिन ज़्यादातर लोग शीशम के औषधीय इस्तेमाल से अनभिज्ञ होंगे. यहाँ हम आपको बता दें कि औषधीय इस्तेमाल में भी शीशम हमारे बहुत काम आता है.
शीशम को आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के रूप में प्रयोग किया जाता है. शीशम के पत्तों से निकलने वाले चिपचिपे पदार्थ को कई रोगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है. इसके तेल को दर्दनाशक, अवसादरोधी, सड़न रोकने वाले, कामोत्तेजक, जीवाणु रोधक, कीटनाशक और स्फूर्तिदायक आदि के तौर पर प्रयोग किया जाता है. इस लेख के माध्यम से हम ये जानेंगे कि शीशम के पत्तों से कैंसर जैसी भयानक बीमारी का इलाज कैसे संभव हो पाता है.
कैंसर की बीमारी-
हमारा शरीर कई प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है. जैसे-जैसे शरीर को इनकी जरूरत होती है वैसे वैसे ये कोशिकाएं नियंत्रित रूप से विभाजित और बढ़ती रहती हैं. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि शरीर को इन कोशिकाओं की कोई जरूरत नहीं होती है, फिर भी इनका बढ़ना जारी रहता है.
कोशिकाओं का यह असामान्य विकास कैंसर कहलाता है जिसमें कोशिकाएं सामान्य नियंत्रण खो देती हैं. इस प्रकार कोशिकाओं का एक समूह लगातार अनियंत्रित वृद्धि करता है, जो आसपास के अजेसन्ट टिश्यू पर अटैक करता है, जो शरीर के दूर के हिस्सों में पहुंचता है और लसिका या ब्लड के माध्यम से बॉडी के अन्य भागों में फ़ैल जाता है. कैंसर सेल बॉडी के किसी भी ऊतक में विकसित हो सकती है.
कैंसर सेल्स जैसे-जैसे बढ़ती हैं और गुणा होती हैं वैसे ही वह कैंसर सेल्स के एक समूह का रूप ले लेती हैं जो ट्यूमर कहलाता है. यह ट्यूमर आस पास के ऊतकों पर हमला करता है और उन्हें नष्ट करता है. ट्यूमर कैंसरस या नॉन कैंसरस हो सकते हैं. कैंसर सेल्स एक जगह से शुरू होकर पूरे बॉडी (मेटास्टाज़ेज़) में फैल सकती है.
कैंसर के कारण-
कैंसर रोगों का एक व्यापक समूह है और इसके कई तरह के कारण होते हैं. कई जेनेटिक और पर्यावरण फैक्टर कैंसर के विकास के खतरे को बढ़ाते हैं. प्रत्येक जीव विज्ञान और रोग विज्ञान के अनुसार प्रत्येक कैंसर भिन्न प्रकार का होता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, कैंसर के लिए सामान्य कारक निम्नलिखित हैं :
- कैंसर के कारणों में से एक हैं इम्यून सिस्टम का खाराब होना
- खराब भोजन ग्रहण करना भी कैंसर का एक कारण हो सकता है
- कई बीमारियाँ तो हमें जेनेटिक्स कारणों से मिल जाती हैं, कैंसर भी इसी में से एक है
- कई बार दवाएं और चिकित्सा उपचार भी कैंसर का जोखिम बढ़ाती हैं
- संक्रामण के कारण भी कैंसर हो सकता है
- सूजन संबंधी विकार भी कैंसर के खतरे बढ़ाते हैं
- कैंसर होने की संभावनाओं को बढ़ती उम्र भी बढ़ाता है
- पर्यावरणीय कारक भी कैंसर की वजह बन सकते हैं
शीशम के पत्ते से कैंसर का इलाज - Shisham Ke Patte Se Cancer Ka Ilaj in Hindi
शीशम पेड़ के पत्ते भी कैंसर की बीमारी को दूर कर सकते हैं. इसके लिए कैंसरग्रस्त इंसान को शीशम के पत्तों का रस बना के 15 दिनों तक नियमित सेवन करना चाहिए. ऐसा करने से कैंसर की बीमारी में उसे काफी फायदा होता है. कैंसरग्रस्त इंसान को नियमित सुबह 4-5 शीशम के पत्तों को खाना चाहिए. यदि आप नियमित रूप से ऐसा करेंगे तो आपके कैंसर का असर काफी हद तक कम हो जाएगा. इसका कारण ये है कि शीशम के पत्तों में ऐसे दुर्लभ तत्वों की मौजूदगी होती है जिसकी वजह से कैंसर की बीमारी दूर हो सकती है.
शीशम के पत्तों का नियमित सेवन करनें से बोन कैंसर में काफी फायदा होता है. यदि आपके आसपास कोई भी कैंसरग्रस्त इंसान हो तो उसे शीशम के पत्तों का सेवन करने का आर्युवेदिक उपाय करने को कह सकते हैं. आपका ये छोटा सा प्रयास किसी को एक नया जीवन दे सकता है.