Shivlingi Seeds Benefits and How To Use in Hindi - शिवलिंगी बीज लाभ और कैसे उपयोग करें
हमारे आस-पास ऐसी बहुत सी चीजें मौजूद है जो औषधीय गुणों से भरपूर, हमारे लिए फायदेमंद हैं पर हम उनसे अनजान होते हैं। जानकारी का अभाव कई बार बगल में छोरा गांव में ढिंढोरा की कहावत को चरितार्थ करता है, जैसे शिवलिंगी बीज। जो अक्सर हमारे इर्द-गिर्द मौजूद होती है पर हम इससे और इसके गुणों से अनजान होने की वजह से अपनी समस्याएं सुलझाने के लिए हैरान होते है। तो आज हम ऐसी ही बहुगुणी वनस्पति की हम बात करेंगे जिसे शिवलिंगी बीज कहते हैं। हमारे वनों में, खेतों और खलिहानों में, आँगनो में और बाडों आदि में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती है। इन्ही में से एक है शिवलिंगी। शिवलिंगी का वैज्ञानिक नाम ब्रयोनोप्सिस लेसिनियोसा होता है। आप इसे अपने आस पास प्रचुर मात्रा में उगता हुआ देख सकते है। इसके बीजों की बनावट देखने से बिलकुल स्पष्ट रूप से शिवलिंग की रचना दिखाई देती है। शिवलिंगी बीज को सदियों से संतान प्राप्ति के लिए अचूक नुस्खे के तौर माना जाता रहा है। संतानविहीन दंपत्ती के लिये ये पौधा एक वरदान है। महिला को मासिक धर्म समाप्त होने के 4 दिन बाद प्रतिदिन सात दिनों तक संजीवनी के 5 बीज खिलाए जाए तो महिला के गर्भधारण की संभावनांए बढ़ जाती है। शिवलिंगी के बीजों को तुलसी और गुड के साथ पीसकर संतानविहीन महिला को खिलाया जाता है। महिला को जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- इसकी पत्तियों की चटनी बनती है। आयुर्वेद के अनुसार ये टॉनिक की तरह काम करती है। जिन महिलाओं को संतानोत्पत्ति के लिए इसके बीजों का सेवन कराया जाता है। उन्हें विशेषरूप से इस चटनी का सेवन कराया जाता है। पत्तियों को बेसन के साथ मिलाकर सब्जी के रूप में भी खाया जा सकता है। आदिवासीयों के अनुसार इस सब्जी का सेवन गर्भवती महिलाओं को करना चाहिए। जिससे होने वाली संतान तंदुरुस्त पैदा होती है।
- शिवलिंगी के बीजों का उपयोग कर एक विशेष फार्मुला तैयार करते हैं ताकि जन्म लेने वाला बच्चा चुस्त, दुरुस्त और तेजवान हो। शिवलिंगी, पुत्रंजीवा, नागकेशर और पारस पीपल के बीजों की समान मात्रा लेकर चूर्ण बना लिया जाता है और इस चूर्ण का आधा चम्मच गाय के दूध में मिलाकर सात दिनों तक उस महिला को दिया जाता है। जिसने गर्भधारण किया होता है।
- इसके बीजों के चूर्ण को बुखार नियंत्रण और बेहतर सेहत के लिए उपयोग में लाते हैं। अनेक हिस्सों में इसके बीजों के चूर्ण को त्वचा रोगों को ठीक करने के लिए भी इस्तमाल किया जाता है।
- तो इस तरह शिवलिंगी बीज को साधारण नहीं समझे और जरूरत पड़ने पर इसके गुणों का लाभ जरूर उठाएं।