सिर और गर्दन के कैंसर के उपचार - Sir Aur Gardan Ke Cancer Ke Upchar!
सिर और गर्दन पर होने वाले कैंसर से दुनिया में कई लोग परेशान हैं. आपको बता दें कि ये कैंसर कैंसर इस क्षेत्र विशेष में होने वाले ट्यूमर से फैलता है. ये कैंसर ओरल कैविटी, ग्रसनी, गला, नाक कैविटी, पैरानेजल साइनस, थायराइड और सेलिवेरी ग्लैंड में होता है. सिर और गले में होने वाला कैंसर दुनिया में होने वाला पांचवें नंबर का कैंसर है. यह दुनिया के उन क्षेत्रों में ज्यादा होता है, जहां अधिक मात्रा में तंबाकू और अल्कोहल का सेवन किया जाता है. भारत में मुंह और जीभ का कैंसर सिर और गर्दन के कैंसर से अधिक सामान्य है. और तो और, यह भी देखा गया है कि गले और सिर के कैंसर से प्रभावित होने वालों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या अधिक होती है. ये महिलाओं और पुरुषों दोनों को हो सकते हैं. भारत में इस कैंसर के हर वर्ष दो लाख से अधिक मामले सामने आते हैं. इसके अलावा, सिर और गले का कैंसर पुरुषों में होने वाले सभी प्रकार के कैंसर का तीस फीसदी होता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम सिर और गर्दन के कैंसर के विभिन्न उपचारों को जानें ताकि इस विषय में लोगों की जानकारी बढ़ सके.
सिर और गले के कैंसर के कारक-
तंबाकू सिर और गले के कैंसर के सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर में से एक माना जाता है. इसके साथ ही इस बात के भी तथ्य मिले हैं कि तंबाकू के कैंसरकारी प्रभाव के लिए कुछ हद तक जेनेटिक भी जिम्मेदार होती है. यदि तंबाकू के साथ एल्कोहल का सेवन किया जाए, तो जोखिम और भी बढ़ जाता है. ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) को भी सिर और गले के कैंसर का एक फैक्टर माना गया है. सिर और गले का कैंसर मुख्य रूप से एचपीवी के टॉन्सिल और तालू पर अटैक होने का डर होता है. इसके साथ ही रेडिएशन, सुपारी खाने, कुछ विशेष विटामिन की कमी, पेरिओडोन्टल यानी मसूड़ों की बीमारी और इंडस्ट्रियल फैक्टर जिम्मेदार होते हैं.
सिर और गले के कैंसर के कुछ लक्षणों में-
1. मुंह में सूजन या ब्लीडिंग आना
2. गले में सूजन होना
3. निगलने में समस्या
4. आवाज कर्कश होना
5. दीर्घकालिक खांसी या खांसी के साथ ब्लीडिंग होना
6. गर्दन पर गांठ
7. कान में दर्द, सुनायी देना बंद होना अथवा कान में घंटियां बजते रहना
इन उपायों को गले और सिर के कैंसर के रिस्क फैक्टर को कम करने के लिए अपनाएं-
1. टोबाको और स्मोकिंग को हमेशा के लिए छोड़ कर
2. एल्कोहल का सिमित सेवन
3. मारिजुआना को प्रतिबंधित कर के
4. एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन और लिप बाम का उपयोग करके
5. ज्यादा सेक्स पार्टनर होने से एचवीपी वायरस का जोखिम में वृद्धि होता है. इसलिए अपने पार्टनर के पति वफादर रहकर भी इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है.
निदान-
इस बिमारियों के कारणों का निदान करने के लिए डॉक्टर फिजिकल टेस्ट के साथ ही अन्य टेस्ट भी करता है. फिजिकल टेस्ट के दौरान डॉक्टर एक छोटा शीशा या लाइट के माध्यम से मुंह, नाक, गले, गर्दन और जीभ की जांच करता है. इसके साथ ही डॉक्टर रोगी के गले होंठ, मसूड़ों और गालों पर किसी प्रकार की संभावित गांठ की भी जांच कर सकता है. इसके अलावा सिर और गले के कैंसर का पता लगाने के लिए एंडोस्कोपी, एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई, पीईटी स्कैन के साथ ही ब्लड, यूरिन और अन्य लैब टेस्ट भी करने की सलाह दे सकता है.
सिर और गले के कैंसर का ट्रीटमेंट-
- ट्रीटमेंट: - सिर और गले के कैंसर का ट्रीटमेंट ट्यूमर की स्थिति, पोजीशन, स्टेज और मरीज की सेहत पर निर्भर करता है. इलाज की प्रक्रिया में मुख्य रूप से एक अथवा अधिक तरीकें इस्तेमाल किये जा सकते हैं.
- सर्जरी: - कैंसर को नष्ट करने के लिए, डॉक्टर सर्जरी की मदद ले सकते हैं. इसमें कैंसर प्रभावित जगह के आसपास स्थित कुछ हेल्थी सेल्स को भी हटाना पड़ सकता है. यदि डॉक्टर कैंसर के फैलने को लेकर आशंकित हैं, तो वह गले के लिम्फ नोड को भी रिमूव कर सकता है.
- कीमोथेरेपी: - कीमोथेरेपी एक पारिभाषिक शब्द है, जिसका संबंध कैंसर को पूरे बॉडी से खत्म करने वाली दवाओं के समूह से होता है. इस ट्रीटमेंट के कुछ हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं, जैसे भूख कम होना, हेयर फॅाल होना, मुंह में सूजन, थकान इत्यादी. कीमोथेरेपी करने से पहले रोगी को डॉक्टर से इन हानिकरक प्रभावों और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में विचार विमर्श कर लेनी चाहिए.
- रेडिएशन थेरेपी: - रेडियोथेरेपी में उच्च क्षमता युक्त किरणों के माध्यम से कैंसर सेल्स को नष्ट किया जाता है. यह रेडिएशन इंटरनल और आउटर दोनों प्रकार से दिये जा सकता है.
सिर और गले के कैंसर के ट्रीटमेंट के बाद बरतें ये सावधानियाँ-
ट्रीटमेंट के बाद रोगी को चबाने, खाने और बात करने में समस्या हो सकती हे. अगर ऐसा होता है तो रिहेबिलिटेशन की मदद लेनी पद सकती है, जिसमें डॉक्टर या अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ के साथ मिलकर रोगी को सामान्य रूप से चबाने, खाने और बात करने में मदद करते हैं. ट्रीटमेंट के बाद भी डॉक्टर यह चेकअप करने के लिए कि कहीं कैंसर फिर से विकसित नहीं हो रहा है, वह रेगुलर चेकअप कर सकता है. फॉलो-अप टेस्ट में जांच, ब्लड टेस्ट और इमेजिंग टेस्ट शामिल हो सकते हैं. सिर और गले के कैंसर के ट्रीटमेंट के बाद भी रोगी का विशेष का ख्याल रखा जाता है. रोगी की ऐसी केयर करनी जरूरी होती है, ताकि ट्यूमर दोबारा विकसित न हो पाएं. फॉलो अप के बाद में इलाज से जुड़ी समस्याओं को दूर करने और स्मोकिंग छोड़ने जैसी आदतों के लिए काउंसलिंग की भी जरूरत पड़ सकती है.