Sun Stroke Symptoms and Treatment in Hindi - लू लगने के लक्षण, उपचार
गर्मियों में लू लगने की समस्या आम है. अंग्रेजी में इसे हीट स्ट्रोक और सनस्ट्रोक के नाम से जाना जाता है. जब तापमान चरम पर होता है और गर्म हवा के झोंके चलते हैं तब लू लग सकती है. इसमें हमारे शरीर के द्रव सूखने जाते हैं जिससे पानी और नमक की कमी हो जाती है और लू लगने का खतरा उत्पन्न हो जाता है. लू लगने पर शरीर में गर्मी, खुश्की और थकावट महसूस होने लगती है. लू लगने के कारण कई और मामूली बीमारियां जैसे कि हीट एडेमा (शरीर का सूजना), हीट रैश, हीट क्रैम्प्स (शरीर में अकड़न) और हीट साइनकॉप (बेहोशी) आदि भी हो सकती हैं. चिकित्सकिय भाषा में शरीर के तापमान को 105 डिग्री फारेनहाइट से अधिक रहने पर और शरीर के सेंट्रल नर्वस सिस्टम में जटिलताओं के पेश आने पर लू लगना कहते हैं.
लू लगना के लक्षण - Symptoms of Sunstroke in Hindi
- लू लगने पर शरीर में गर्मी, खुश्की, सिरदर्द, कमजोरी, शरीर टूटना, बार-बार मुंह सूखना, उलटी, चक्कर, सांस लेने में तकलीफ, दस्त और कई बार निढाल या बेहोशी जैसे लक्षण नजर आते हैं. ध्यान रहे कि लू लगने पर पसीना नहीं आता है
- लू लगने पर आँखों में जलन भी होती है
- लू लगने के कारण अचानक बेहोशी व अंततः रोगी की मौत तक हो सकती है
- इसमें निम्न रक्तचाप और लिवर-किडनी में सोडियम पोटैशियम का संतुलन बिगड़ जाता है. इसलिए बेहोशी भी आ सकती है. इसके अलावा ब्रेन या हार्ट स्ट्रोक की स्थिति भी बन सकती है
- इस दौरान शरीर का तापमान एकदम से बढ़ जाता है. अक्सर बुखार बहुत ज्यादा मसलन 105 या 106 डिग्री फॉरनहाइट तक पहुंच जाता है
- हाथ और पैरों के तलुओं में जलन-सी होती रहती है
लू लगना के सामान्य उपचार - Treatment of Sunstroke in Hindi
लू लगने वाले व्यक्ति को आसानी से कुछ सामान्य उपचार के जरिए भी बचाया जा सकता है. कुछ छोटे-मोटे आसन उपायों पर नजर डालिए-
- जब भी बाहर गर्मी चरम पर हो तो कम से कम बाहर निकलकर लू से बचा जा सकता है. लेकिन यदि बाहर जाना आवश्यक हो तो अधिक से अधिक पानी पीकर निकलें. ध्यान रहे कि खाली पेट न निकलें
- पीड़ित व्यक्ति को सबसे पहले छांव में लायें. फिर उसके लिए हवा का इंतजाम करें. गर्मी के कारण शरीर का तापमान हुई वृद्धि, छाया में लाने से तापमान सामान्य आना शुरु हो जाता है
- उसव्यक्ति को नमक शक्कर और पानी का घोल मुँह से पिलायें, उसके कपड़े निकालकर सिर्फ अंदरूनी वस्त्र रखें. बेहतरी के लिए शरीर पर हल्का सा गर्म पानी भी छिड़क सकते हैं
- आप चाहें तो गीली चादर में लपेटकर भी तापमान को कम करने का प्रयास कर सकते हैं
- हाथ पैर की मालिश करें जिससे रक्त संचरण प्रभावित होता है
- संभव हो तो बर्फ के टुकड़े कपड़े में लपेटकर गर्दन, बगलों और जांघों पर रखे. इससे गर्मी जल्दी निकलती है
- धूप में घर से बाहर निकलें तो छतरी का इस्तेमाल करें. नंगे बदन और नंगे पैर धूप में ना खड़े हों
- तरल पदार्थों के रूप में आप नींबू पानी, आम पना, छाछ, लस्सी, नारियल पानी, बेल या नींबू का शर्बत, खस का शर्बत जैसे तरल पदार्थों का उपयोग करते रहें
- ढीले और सूती कपड़े पहनना ज्यादा उचित होता है
- अचानक से गर्मी से एकदम ठंडे कमरे में ना जाएं
- जितना ज्यादा हो सके हरी सब्जियों का सेवन करें. खीरा, ककड़ी, लौकी, तौरी आदि का भरपूर सेवन करें
- यदि आपके पास सुविधा हो तो ठंडे वातानुकूलित कमरे में रहें
- इमली के गूदे को हाथ पैरों पर मलें
- शरीर का तापमान तेज होने पर सिर पर ठंडी पट्टी रखें
- घर से बाहर निकलते समय जेब में कटा प्याज रखें.