स्वर्ण भस्म के फायदे - Swarn Bhasm Ke Fayde!
स्वर्ण भस्म, एक प्राचीन भारतीय लोकप्रिय आयुर्वेदिक दवा है. इसे भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में सबसे उपयोगी तत्त्व के रूप में स्वीकार कर लिया गया है. स्वर्ण भस्म गोल्ड(स्वर्ण) से तैयार किया जाता है. स्वर्ण भस्म को बनाने के लिए इसमें सोने के अतिरिक्त हेम, हाटकं, ब्रह्मकंचन, चामीकरा, शतकुंभ, तपनीय रुक्कम जाबूनद हिरण्य, सुरल और जातरूपकम का इस्तेमाल किया जाता है. स्वर्ण भस्म प्रमेह और उपदंश के प्रभावी उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है. यह एक हार्ट टॉनिक के रूप में बहुत प्रभावी है. यह एक सामान्य लाइफ पॉवर बूस्टर है. आइए इस लेख के माध्यम से हम स्वर्ण भस्म के फ़ायदों के बारे में जानें ताकि लोगों में इसे लेकर जानकारी बढ़े और वो इसका लाभ ले सकें.
स्वर्ण भस्म का इस्तेमाल-
स्वर्ण भस्म इनफर्टिलिटी, टिश्यू डैमेज, अस्थमा, टोक्सिसिटी, स्किन डिजीज, टीबी, एनीमिया और अन्य बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक उपचार में इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सा में स्वर्ण को बहुत उपयोगी माना जाता है और एक कमजोर व्यक्ति को शक्ति प्रदान करने के लिए इस्तेमाल किया गया है. यह ब्लड को प्योर करने में मदद करता है और ह्रदय को मजबूत बनाता है. यह यौन शक्ति और मानव बुद्धि में भी वृद्धि करता है और इसे अम्लतत्वनाशक (मेदे में खटाई दूर करने वाला सार) और विरोधी संक्रमण की देखभाल करने के लिए सलाह दी जाती है.
स्वर्ण भस्म के फायदे-
- प्रतिरोधक क्षमता स्सुदधारने में: - स्वर्ण भस्म का सेवन मानव शरीर के प्रतिरोध शक्ति में अपेक्षित सुधार लाती है. यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मानव शरीर को मजबूत बनाने के लिए जिम्मेदार है.
- वैकल्पिक टॉनिक के रूप में: - यह एक वैकल्पिक और एक तंत्रिका टॉनिक के रूप में कार्य करता है यदि नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाए.
- एनीमिया और जीर्ण ज्वार के उपचार के लिए: - स्वर्ण भस्म एनीमिया और जीर्ण ज्वर के इलाज में उत्कृष्ट है.
- त्वचा का रंग निखारे: - इसके सोने(स्वर्ण) के अंश(आधार) के कारण, यह रंग में सुधार लाने में सहायक है.
- पुरानी बीमारियों का भी करे नाश :- स्वर्ण भस्म सभी पुरानी बीमारियों का नाश करता है जब लगातार इस्तेमाल किया जाए.
- खांसी और अनिद्रा आदि के उपचार में: - यह खांसी, दमा, मूत्र विकार, अनिद्रा और कमजोर पाचन में उपयोगी है.
- मन्श्पेशियों की मजबूती के लिए: - यह कमजोर मांसपेशियों, वृद्धावस्था के साथ जुड़ी कमज़ोरी में मजबूती प्रदान करता है.
- टीबी के उपचार में: - यह क्षय रोग के इलाज के लिए उत्कृष्ट है.
- यौनशक्ति बढ़ाने में: - यह यौन शक्ति को बढ़ाता है.
- एंटी एजिंग के रूप में: - स्वर्ण भस्म ऊतकों के अध: पतन की प्रक्रिया को धीमा कर देती है इस प्रकार समय से पहले बूढ़ा होने की प्रक्रिया को रोकने के लिए मदद करता है.
- इसका सेवन आपको बनाए जवान: - यह झुर्रियों, त्वचा की सुस्ती, आंख, दुर्बलता, थकान, आदि के आसपास काले घेरे की तरह उम्र बढ़ने के लक्षणों को रोकने में मदद करने के साथ ही स्वर्ण भस्म ऊतकों और मानव शरीर के स्नायुबंधन को मजबूत करता है.
यह उत्साह, ऊर्जा और सहनशक्ति को बनाए रखने में अत्यधिक प्रभावी है.
स्वर्ण भस्म लेने में बरतें ये सावधानियाँ
स्वर्ण भस्म लेने से पहले डॉक्टर से इसके और अपनी स्थिति के बारे में ज़रूर बात करें.
- आम तौर से स्वर्ण भस्म दिन में दो बार लेनी चाहिए. किंतु आपको डॉक्टर से बात करने के बाद ही अपने लिए तैय करना चाहिए की स्वर्ण भस्म की सही मात्रा क्या है.
- स्वर्ण भस्म सबसे अधिक भोजन के बाद लेने की सूचना है. हर व्यक्ति की ज़रूरत फरक होती है, तो अपने डॉक्टर से पनी स्थिति के बारे में परमर्शक करें स्वर्ण भस्म लेने से पहले.