Sweet Flag (Vacha) Benefits and Side Effects in Hindi - वच के फायदे और नुकसान
वच के फायदे और नुकसान जानने से पहले इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जान लीजिए. संस्कृत में घोरबच के नाम से उल्लिखित वच का वैज्ञानिक नाम एकोरस कैलेमस है. भारत का ये स्थानीय पौधा 1800 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है. उँगलियों जैसी मोटी जड़ों वाले वच के पत्ते हरे, चमकीले नुकीले और सुगंध युक्त होते हैं. इसका औषधीय उपयोग पेट, मस्तिष्क, लीवर, गर्भाशय, फेफड़े और स्वर रज्जू से सम्बंधित समस्याओं में होता है. इसके फायदे और नुकसान निम्लिखित हैं.
1. तंत्रिका तंत्र में
जाहिर है. तंत्रिका तंत्र का हमारे शरीर में बहुत ज्यादा महत्व है. इसलिए तंत्रिका तंत्र का ठीक से काम करना बेहद जरूरी है. तंत्रिका तंत्र में आई समस्याओं से निपटने में वच का महत्वपूर्ण योगदान देखा गया है. इसके लिए सुबह पानी के साथ दो चुटकी वच की जड़ का पाउडर लगभग 1 महीने तक इस्तेमाल करें.
2. सरदर्द में लाभकारी
वच का इस्तेमाल सर दर्द में प्राचीन काल से ही किया जा रहा है. दरअसल वच की जड़ का पाउडर बनाकर पानी की सहायता से इसका पेस्ट बनाते हैं इस पेस्ट को सिर के ऊपर लगाने से सर दर्द में काफी राहत मिलती है. कई लोगों को सर में भारीपन जैसे समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों के लिए भी यह पोस्ट बेहद उपयोगी है. इसका फायदा गठिया में भी देखा जाता है.
3. विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में
कई बार हमारे शरीर में पाचन तंत्र में विषाक्त पदार्थों का आगमन हो जाता है. ऐसे में वच हमें इन से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होता है. वर्ष के सक्रिय घटक शरीर के विभिन्न हिस्सों में उपापचय को प्रोत्साहित करके इन विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायता करते हैं. इसके लिए 500 मिलीग्राम वॉच को शहद में मिलाकर प्रयोग किया जाता है. इसे गर्म पानी के साथ लेने पर ज्यादा फायदेमंद साबित होता है.
4. मुंहासों के लिए
आज की तारीख में मुंहासा कई लोगों को परेशान करता है. तरह-तरह के क्रीम लगाने या कई अन्य कारणों से लोगों में मुंहासे की समस्या में वृद्धि देखी जा रही है. इस मुंहासे से छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके इस्तेमाल करते हैं इसके लिए आप वर्ष की भी मदद ले सकते हैं वच धनिया और लोध्र की छाल का पेस्ट बनाकर इसे चेहरे पर मुंहासे की जगह पर लगाने से मुंहासे ठीक होता है.
5. बोलने से संबंधित समस्याओं में
किसी भी आदमी को यदि बोलने में समस्या हो तो यह उसके लिए बहुत ही अजीब लगने वाला एहसास होता है. बोलने की समस्याओं मैं वच ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इसके लिए वच की जड़ का पाउडर आवश्यकतानुसार दो महीने तक इस्तेमाल करने से बोलने की समस्या से पीड़ित को काफी हद तक आराम मिल सकता है.
6. याददाश्त सुधारने में
किसी भी व्यक्ति के यादाश्त को ठीक रखने के लिए जरूरी है. कि उसके दिमाग को शांति मिले जितना ज्यादा उसका दिमाग शांत और सक्रिय रहेगा उतना ही उसका याददाश्त ठीक रहेगा. किसी भी आदमी का मानसिक तनाव कम करने और उसकी याददाश्त में सुधार लाने के लिए वच की जड़ का पाउडर दिन में दो बार शहद के साथ लेने से यह प्रभावी होता है.
7. फोड़े-फुंसियों के उपचार में
शरीर में फोड़े फुंसी का होना भी आम बात है. कई बार यह हमें बेहद परेशानी में भी डाल देते हैं. इसलिए फोड़े-फुंसियों या गांव की परेशानी से बचने के लिए वच के जड़ का पाउडर बनाकर प्रभावित क्षेत्र में लगाएं.
8. कफ में
आमतौर पर होने वाली बीमारियों में कफ़ भी है. कफ़ से निपटने के लिए 500 मिलीग्राम वच के जड़ का पाउडर त्रिकटु पाउडर ढाई सौ मिलीग्राम और ढाई सौ ग्राम दूध के साथ मिलाकर इसका सेवन करें. इससे नाक की रुकावट शरीर दर्द गले में खराश और छींकने आदि की समस्याओं से निपटारा होता है. यह और भी कई समस्याएं जैसे फेफड़ों में जलन छाती की रुकावट घरघराहट आदि को भी कम करता है. खांसी को कम करने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है. इसके लिए 5 रत्ती वच चूर्ण को गुनगुने दूध के साथ लें.
9. सिफिलिस में
सिफलिस में वच का फायदा लेने के लिए हमें वच की जड़ का पाउडर, कॉस्टस पाउडर और अश्वगंधा पाउडर को एक साथ मिलाकर इस मिश्रण में घी को भी मिला कर सिफली से प्रभावित क्षेत्रों में बाहरी रूप से लगाएं इससे काफी राहत मिलती है.
10. बुखार में
बुखार एक आम बीमारी है. जिसके इलाज के लिए कई सारे उपाय मौजूद हैं इन उपायों में वच का भी नाम है. वच के जड़ का पाउडर मैं पानी मिलाकर बनी पेस्ट से बुखार की समस्या को ठीक किया जा सकता है. इस पोस्ट को आप माथे पर लगाएं इससे राहत मिलती है.
11. है.जा में
हमें भी वच के फायदे नजर आते हैं इसके लिए एक बड़ा चम्मच वच की जड़ का पाउडर 12 मिलीलीटर पानी में उबालें उबालने के बाद इसे छानकर दिन में तीन चार बार प्रिय ऐसा करने से काफी राहत मिलती है.
12. दस्त में
दस्त की समस्या से निपटने में भी वर्ष के फायदे देखे गए हैं दस्त से छुटकारा पाने के लिए आपको सुबह में दो छोटकी वच की जड़ का पाउडर शहद के साथ लेना होगा ऐसा करने से आप देखेंगे कि दस्त की समस्या काफी हद तक कम हो गई
वच का नुकसान
- अल्सर और जनन तंत्र के लिए अच्छा नहीं माना जाता है.
- लगातार बहुत दिन तक इसका प्रयोग करने से भी या नुकसान पहुंचा सकता है..
- वच के गर्भाशय में संकुचन पैदा करने के कारण इसे गर्भ के दौरान लेना सुरक्षित नहीं माना जाता है..
- स्तनपान कराने वाली माताओं को भी इस दौरान भी वच के सेवन से बचना चाहिए.
- वच एक गर्म प्रभाव वाला वाली बूटी है. इसलिए कुछ लोगों में यह ब्लीडिंग की समस्या बढ़ा सकती है..
- वच के इस्तेमाल से लोगों में सर दर्द होने की भी शिकायत देखी जाती है..
- जिन लोगों को भी हृदय से संबंधित बीमारियां होती हैं उन्हें वच का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
- बच्चों को यह बहुत कम मात्रा में दी जानी चाहिए.