प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण - Symptoms Of Prostate Cancer!
कैंसरों में एक कैंसर प्रोस्टेट कैंसर नाम का भी है. कैंसर जानलेवा बिमारियों में से एक है. इसके कई प्रकारों में से एक प्रोस्टेट कैंसर भी है. ये पुरुषों की पौरुष ग्रंथि में होने वाला एक कैंसर है. आपको बता दें कि पौरुष ग्रंथि, वीर्य उत्पादित करने वाली एक छोटी अखरोट के आकार की ग्रंथि है जिससे शुक्राणु ट्रांसपोर्ट होते हैं. प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला सबसे आम कैंसर है. हलांकि ये आम तौर पर धीरे धीरे बढ़ता और शुरुआत में सिर्फ पौरुष ग्रंथि तक ही सीमित रहता है. यहाँ तक तो ये कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाता है. लेकिन किसी भी बिमारी का अनिदान शुरुवात में ही कर देना ठीक रहता है इसलिए प्रोस्टेट कैंसर का भी निदान शुरुआत में ही हो जाये तो (जब वो पौरुष ग्रंथि तक ही सीमित होता है) उपचार के सफलता की सम्भावना ज्यादा होती है. ये आवश्यक नहीं है कि पौरुष ग्रंथि में आई अनियमितता प्रोस्टेट कैंसर ही हो. इसलिए ये बेहद आवश्यक है कि इसका पता इसके शुरुवात में ही लगाया जाए. इसके लिए इसके शुरुवाती संकेतों को समझना आवश्यक है. तो आइए इस लेख के माध्यम से हमलोग प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों पर एक नजर डालें.
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
अलग अलग लोगों में कैंसर के अलग अलग लक्षण पाए जाते हैं. कुछ पुरुषों में कोई भी लक्षण नहीं मिलते. प्रोस्टेट कैंसर के कुछ लक्षण निम्न हैं:
1. मूत्रत्याग शुरू करने में परेशानी.
2. मूत्र का प्रवाह बाधित होना बार बार पेशाब आना.
3. खासकर रात में मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करने में कठिनाई मूत्रत्याग करने में दर्द या जलन महसूस होना मूत्र या वीर्य में खून आना.
4. पीठ, कूल्हों या श्रोणि में दर्द जो ठीक न हो.
5. स्खलन में दर्द.
इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो बिना किसी झिझक के तुरंत अपने डॉक्टर को अवश्य दिखाएँ. ध्यान दें कि यह लक्षण कैंसर के अलावा किसी और असामान्यता के कारण भी हो सकता है जिसका पता जांच के बाद ही चलता है.
प्रोस्टेट कैंसर के कारण
आपको बता दें कि इसके होने के स्पष्ट कारणों का अभी पता नहीं लगाया जा सका है लेकिन फिर भी कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि कोशिकाओं में आने वाली अनियमितता इसका एक कारण हो सकता है. असामन्य कोशिकाओं के DNA में म्यूटेशंस की वजह से सामान्य कोशिकाओं की तुलना में यह कोशिकाएं जल्दी बढ़ती और विभाजित होती हैं. इस वजह से असामन्य कोशिकाएं जीवित रहती हैं और अन्य नष्ट होती जाती हैं. ये असामान्य कोशिकाएं एक ट्यूमर बनाती हैं जो बढ़कर आसपास के ऊतकों पर हमला करता है. कुछ असामान्य कोशिकाएं बढ़कर शरीर के अन्य अंगों में भी फ़ैल सकती हैं. निम्न कारक प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं:
वृद्धावस्था: उम्र के साथ प्रोस्टेट कैंसर होने का जोखिम भी बढ़ता है.
अनुवांशिक परेशानी: अगर आपके परिवार में किसी प्रोस्टेट कैंसर या ब्रैस्ट कैंसर है या रह चुका है, तो आपको प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा ज़्यादा है.
मोटापा: मोटापे से ग्रस्त पुरुषों में इस बीमारी के ज़्यादा गंभीर होने की सम्भावना रहती है जिसका उपचार किया जाना मुश्किल हो जाता है.
प्रोस्टेट कैंसर के बचाव के उपाय
निम्न बातों का ध्यान रखकर प्रोस्टेट कैंसर होने की सम्भावना को घटाया जा सकता है. स्वस्थ आहार खाएं: ज़्यादा से ज़्यादा फल और सब्ज़ियां खाएं. फलों और सब्ज़ियों से कई विटामिन और खनिज मिलते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं. वसा-युक्त भोजन का सेवन न करें. आप प्रोस्टेट कैंसर से आहार के माध्यम से बच सकते हैं या नहीं यह पूर्ण रूप से सिद्ध नहीं हुआ है. लेकिन स्वस्थ आहार से सम्पूर्ण स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर करने में मदद मिलती है. व्यायाम करें: व्यायाम से स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. ऐसा पाया गया है कि जो पुरुष व्यायाम नहीं करते उनका PSA लेवल ज़्यादा होता है जबकि जो पुरुष व्यायाम करते हैं उनमें इसका कम जोखिम रहता है.