सिफलिस के लक्षण - Syphilis Ke Lakshan!
सिफिलिस, एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जो जीवाणु के माध्यम से फैलती है. सिफलिस जिस जीवाणु के माध्यम से फैलती है उसका नाम 'टी.पैलिडम' बैक्टीरिया है. इस बीमारी में त्वचा पर होने वाले सिफिलिटिक छाले और श्लेष्मा झिल्ली में प्रत्यक्ष रूप से हस्तांतरित होता है. यह एक यौन संचारित संक्रमण (एसटीडी) है जो समय रहते इलाज न कराये जाने पर गंभीर रूप धारण करके आपका जीना दुश्वार कर सकता है.
इसका संक्रमण सिफिलिटिक छालों से इन्फेक्टेड व्यक्ति के साथ सेक्सुअल काॅंटेक्ट के माध्यम से भी फैलता है. इन्फेक्टेड व्यक्ति द्वारा दरवाज़ों के हैंडल या मेज़ जैसी वस्तुओं को टच करने से यह इन्फेक्शन नहीं फैलता है. यह वैजाइना, गुदा, मलाशय, होंठ और मुँह में छाला के माध्यम से हो सकता है. ओरल, गुदा या योनि सम्बन्धित सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान इस बीमारी के फैलने की संभावना होती है. बहुत ही दुर्लभ मामलों में चुम्बन के माध्यम से फैलता है.
आइए इस लेख के माध्यम से हम सफलिस के तमाम लक्षणों को जानें ताकि इस बीमारी का लोग समय रहते ही ट्रीटमेंट करा सकें.
सिफलिस के शुरुआती संकेत:
जननांगों, मलाशय, मुँह या त्वचा की सतह पर दर्दरहित छाला इस इन्फेक्शन का पहला संकेत है. कुछ लोगों का ध्यान इस छाले की तरफ जाता भी नहीं है क्योंकि यह पेनलेस होता है. कई बार ये छाले खुद ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन यदि ट्रीटमेंट न किया जाए तो बैक्टीरिया बॉडी में ही रह जाते हैं. पेनिसिलिन के साथ प्राइमरी ट्रीटमेंट द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है. ट्रीटमेंट के बाद सिफिलिस दोबारा वापस नहीं होता है, लेकिन इस बैक्टीरिया के ज्यादा कांटेक्ट में आने पर इस बीमारी की पुनरावृत्ति हो भी सकती है.
एक बार सिफिलिस से इन्फेक्टेड होने के बाद किसी व्यक्ति को इस बीमारी से फिर से इन्फेक्टेड होने से नहीं बचाया जा सकता. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं अपने अजन्मे बच्चे को सिफलिस प्रेषित कर सकती हैं, जिसके संभावित रूप के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. सिफिलिस इन्फेक्शन अपनी तीसरी स्टेज में लौटने से पहले 30 साल तक डीएक्टिवेट भी रह सकता है. आइए अब इस बीमारी के लक्षणों को क्रमबद्ध तरीके से समझें.
सिफलिस के लक्षण
- प्राइमरी सिफलिस
- दर्दरहित
- छाले पड़ना
- सेकेंडरी सिफलिस
- बिना खुजली वाले रैशेज जो बॉडी के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर पूरे बॉडी में फैल जाते हैं, जिसमें हथेलियां और तलवे शामिल हैं. रैशेज खुरदरे, लाल या लाल भूरे रंग के हो सकते हैं.
- मुँह, एनल और जेनाइटल में मस्से जैसे छाले
- मसल्स पेन
- फिवर
- गले में खराश
- सूजी हुई लसीका ग्रंथियां
- हेयर फाॅल
- सिरदर्द
- वजन घटना
- थकान
बिना ट्रीटमेंट किया हुआ माध्यमिक सिफलिस अविकसित और थर्ड स्टेज में वृद्धि कर सकता है.
- लैटेंट सिफलिस: यह स्टेज कई वर्षों तक रह सकता है. इस अवस्था के दौरान बॉडी बिना लक्षणों वाले बिमारियों का घर बन जाता है.
- थर्ड (फाइनल) सिफलिस
- ब्लाइंडनेस
- बहरापन
- मानसिक बीमारी
- स्मरण शक्ति की क्षति
- सॉफ्ट टिश्यू और बोन लोस
- नर्व डिसऑर्डर, जैसे स्ट्रोक या मेनिनजाइटिस
- हार्ट डिजीज
- न्यूरोसिफलिस, जो माइंड या रीढ़ की हड्डी में होने वाला संक्रमण है.
सिफलिस होने के कारण
यौन गतिविधियों के दौरान टी. पैलिडम बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक स्थानांतरित होने के कारण सिफलिस होता है. बैक्टीरिया आपकी त्वचा में लगी मामूली चोट अथवा खरोंच या श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं. सिफलिस अपने प्राथमिक और माध्यमिक चरणों या कभी-कभी प्रारंभिक अवधि के दौरान संक्रामक का कारण बनता है. यह गर्भावस्था के दौरान मां से गर्भ तक या प्रसव के दौरान शिशु को भी हस्तांतरित हो सकता है.
इस प्रकार के सिफलिस को 'जन्मजात सिफलिस' कहा जाता है. सिफलिस दरवाजे के हैंडल को संक्रमित व्यक्ति द्वारा छूने और टॉयलेट सीट जैसी वस्तुओं के साझा उपयोग से नहीं फैलता है. एक बार ठीक हो जाने के बाद सिफलिस दुबारा अपने आप नहीं होता है. हालांकि, यदि आप सिफलिस से ग्रसित किसी व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो आप फिर से संक्रमित हो सकते हैं.