ये आहार हैं टीबी से लड़ने में मददगार है- जानिए आपके काम की 10 टिप्स
टी बी एक ऐसा संक्रामक रोग है जिसकी ठीक से देखभाल न की जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है। यह संक्रमण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। कुपोषित लोगों में टीबी विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है। टीबी आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों पर भी खराब असर डालता है। टीबी के मुख्य लक्षणो में थूक में खून आना, पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन कम होना है। इसके अलावा भूख न लगना, वजन कम होना और थकान भी शामिल हैं।हालांकि टीबी के रोगी के लिए कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इन विशिष्ट खाद्य पदार्थों की सहायता से इस बीमारी से निपटने में बहुत मदद मिल सकती है।
1- कैलोरी से भरपूर आहार-
टीबी के मरीज़ अधिकतर कुपोषण का शिकार होते हैं।उनका शरीर इतना कमज़ोर होता है कि वो बीमारी के लक्षणों को सहन करने में असमर्थ हो जाता है। साथ ही इस बीमारी के चलते घटता वज़न भी टीबी से पीड़ित व्यक्ति को मुश्किल में डाल देता है। ऐसे में कैलोरी से भरपूर खाद्य पदार्थ जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं वे टीबी रोगी की बढ़ती चयापचय मांगों को पूरा कर सकते हैं और वजन घटाने को भी रोक सकते हैं। टीबी के मरीजों के लिए केला, अनाज दलिया, मूंगफली की चिक्की, गेहूं और रागी जैसे खाद्य पदार्थ काफी फायदेमंद होते हैं।इसलिए कोशिश करें कि पीड़ित व्यक्ति को ऐसा खाना दें जिससे उसके शरीर में भरपूर कैलोरी पहुंचे जो उसके शरीर के लिए ताकत का स्त्रोत बन सकें। रागी के दानों से बने रवा के लड्डू या दलिया आवश्यक ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं।
2- खिचड़ी से मिलेगी शक्ति-
टीबी से बीमार लोगों की सेहत में सुधार के लिए खान पान को सुधारना आवश्यक है। ऐसे में खिचड़ी आपका समस्या का समाधान कर सकती है। दाल, चावल और सब्जियों से बनी खिचड़ी का एक कटोरा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और शरीर के लिए आवश्यक अन्य सभी पोषक तत्वों का एक पूरा पैकेज है। यह एक संपूर्ण भोजन है और पचने में आसान है। चूंकि टीबी के रोगियों की भूख कम होती है और दवाओं के कारण वे ज्यादा नहीं खा पाते हैं, इसलिए यह एक-डिश उन्हें सभी पोषक तत्व प्रदान करेगी।
3- प्रोटीन को दें प्राथमिकता-
टीबी के रोगियों को भूख में कमी हो जाती है। ऐसे में उन्हें ऐसे आहार की ज़रूरत है जिससे कम खाने में भी उन्हें भरपूर ऊर्जा मिले। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रोगी को प्रोटीन से भरपूर खाना देना चाहिए। प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत अंडे, पनीर और सोया चंक्स का सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे प्रोटीन से भरपूर होते हैं। इन खाद्य पदार्थों को शरीर आसानी से अवशोषित कर सकता है और आपको आवश्यक ऊर्जा दे सकता है। प्रोटीन से भरपूर सोयाबीन न केवल प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है, बल्कि यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है जो कि टीबी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने के लिए आवश्यक है। इसके अलावा अपने खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए चावल या दाल बनाते समय सोया नगेट्स या टोफू मिलाएं। पनीर के क्यूब्स को एक खिचड़ी या दलिया में मिलाएं।
4- विटामिन ए, सी और ई का भरपूर सेवन करें-
विटामिन ए ,सी औऱ ई का सेवन करने से रोगी के शरीर को ऊर्जा मिलती है औऱ इम्यूनिटी बढ़ती है। विटामिन सी के सेवन से शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसलिए डॉक्टर टीबी के रोगी इन विटामिन्स से भरपूर चीज़ों के सेवन की सलाह देते हैं। इन सभी विटामिन्स के लिए आप संतरा, आम, कद्दू ,गाजर, अमरूद, आंवला, टमाटर, नट्स और बीज जैसे फल और सब्जियां खाएं। इन खाद्य पदार्थों को टीबी रोगी के दैनिक आहार में शामिल किया जाना चाहिए। अमरूद और आंवला जैसे फल विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो टीबी के रोगी के लिए बहुत लाभकारी हैं।
5- जिंक से भरपूर भोजन लें-
जिंक एक पोषक तत्व है जो आपके शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह डीएनए के निर्माण, कोशिकाओं के विकास, प्रोटीन के निर्माण, क्षतिग्रस्त ऊतकों को ठीक करने और एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करता है।इसलिए यह टीबी के रोगी में अपनी बीमारी से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।चूंकि आपका शरीर स्वाभाविक रूप से ज़िंक का उत्पादन नहीं करता है, इसलिए आपको इसे भोजन के माध्यम से प्राप्त करना चाहिए। ज़िंक से भरपूर आहार की बात करें तो नट्स जिंक का एक बड़ा स्रोत हैं जो शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा सूरजमुखी के बीज, चिया बीज, कद्दू के बीज और अलसी के बीज टीबी के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। अपने आहार में इन खाद्य पदार्थों को शामिल करें जो आपको टीबी जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करेंगे।
6- विटामिन बी कॉम्प्लेक्स है आवश्यक-
हमारे शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए बी विटामिन बहुत महत्वपूर्ण है। ये आपके शरीर में ऊर्जा स्तर, मस्तिष्क की सेहत और चयापचय पर सीधा प्रभाव डालता है। इतना ही नहीं विटामिन बी कॉम्प्लेक्स आपके शरीर में होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है और रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मदद करता है। विटामिन बी काम्पलेक्स के मुख्य स्त्रोत की बात करें तो इनमें साबुत अनाज अनाज, नट्स, बीज, मछली और चिकन पत्तेदार साग ,एवोकाडो ,दूध ,पनीर औऱ दही में भरपूर मात्रा में मिलता है ।
7- ग्रीन टी-
अगर आप टीबी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो चाय और कॉफी का सेवन आपको कम ही करना चाहिए। हालांकि आप इनकी जगह ग्रीन टी को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। ग्रीन टी टीबी के इलाज में फायदेमंद होती है क्योंकि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।ये मेटाबॉलिज़्म भी बढ़ाती है। खासकर टीबी के रोगी को भूख ना लगने कीि शिकायत इससे दूर हो सकती है क्योंकि इसके सेवन से आपका पाचन तंत्र तेज़ी से काम करेंगा और भूख ना लगने की समस्या दूर होगी।
8- लहसुन आएगा काम-
लहसुन के औषधीय गुणों से हम समय समय पर रूबरू होते ही रहते हैं। कभी पाचन के लिए तो कभी कोलेस्ट्राल को कम करने के लिए इसके सेवन की सलाह दी जाती है। पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि टीबी के मरीजों के लिए भी लहसुन एक चमत्कार है। जानकारों की सलाह है कि टीबी के रोगी को लहसुन की दो-तीन कलियां रोज सुबह चबाकर खानी चाहिए, इससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।दरअसल लहसुन में मौजूद एलिसिन नाम के तत्व का टीबी के कीटाणु पर सीधा असर होता है। दावा ये भी है कि अगर लहसुन को दो-तीन मिनट तक चबाया जाए तो इससे टीबी को नियंत्रित किया जा सकता है। तो फिर बिना वक्त गंवाए इसे अपने रुटीन का हिस्सा बना लें जिससे आपको जल्दी ही स्वास्थ्य लाभ हो सके।
9- पुदीने के गुण आएंगे काम-
टीबी के रोगी के लिए पुदीना बहुत ही फायदेमंद है। पुदीने में मौजूद अंटी बैक्टीरियल गुण आपके शरीर में टीबी से हो रहे नुक्सान को सुधारने का काम करतें हैं।पुदीने के सेवन से आपके शरीर में खराब उतकों को स्वस्थ्य होने में मदद मिलेगी। पुदीने का सेवन आप चटनी में सलाद में या अन्य खाने में डालकर कर सकते हैं। आप चाहें तो पुदीने के रस में शहद औऱ गाजर का रस और सिरका मिलाकर पी सकते हैं। इससे टीबी के रोग में बहुत लाभ होता है।
10- काली मिर्च का करें सेवन-
आपकी रसोई में मौजूद काली मिर्च टीबी के रोगियों के लिए वरदान से कम नहीं। इसके सेवन से फेफड़ों की दिक्कत में राहत मिलती है। दरअसल काली मिर्च के औषधीय गुण उसे सूजन दूर करने की क्षमता देते हैं। इसके सेवन से फेफड़ों की सफाई होती है औऱ बलगम कम बनता है। यही नहीं ये टीबी में होने वाले सीने के दर्द,खराश और खांसी में भी राहत देती है।इसलिए टीबी के रोगी के खाने में काली मिर्च के ज्यादा से ज्यादता इस्तेमाल करें।
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