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Last Updated: Jan 10, 2023
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हल्दी के औषधीय गुण
Dr. Ashish SharmaAyurvedic Doctor • 18 Years Exp.M.Sc - Psychology, PGDEMS, Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
हल्दी के गुण अनंत हैं। हल्दी पर रोज नए शोध हो रहे हैं। भारतीय आहार शैली में यह आदिकाल से शामिल रही है। किसी समय इसे रंग के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता था। यह एक सर्वगुण संपन्न एंटीबायोटिक्स तो है ही, प्राकृतिक चमत्कार के रूप में भी इसकी ख्याति है। यह कैंसर से लेकर अल्झाइमर्स तक कई बीमारियों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इन २० कारणों की वजह से हल्दी को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिएः
1. यह एक प्राकृतिक एंटिसेप्टिक एवं एंटिबैक्टेरियल एजेन्ट है। हल्दी का पावडर जले और कटे अंग पर लगाने से संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है।
2. हल्दी को फूलगोभी के साथ मिलाकर खाने से प्रोस्टेट कैंसर की आशंका जाती रहती है। इसके अलावा अगर प्रोस्टेट कैंसर हो तो उसका बढ़ना रुक जाता है।
3. हल्दी स्तन कैंसर को फेफड़ों में जाने से रोक देती है।
4. हल्दी से मेलानोमा यानी काले तिल उभरना रुक सकता है। इसके अलावा हल्दी त्वचा का रूप निखारने के लिए सदियों से भारत में इस्तेमाल की जाती रही है।
5. बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया यानी रक्तकैंसर का जोखिम कम हो जाता है।
6. लिवर शुद्धि के लिए यह एक प्राकृतिक छन्नी है।
7. हल्दी मस्तिष्क में बनने वाले एम्लोयड प्लॉक की वृद्धि एवं निर्माण रोककर एल्जाइमर्स की बढ़त पर रोकथाम कर लेती है।
8. यह कई प्रकार के कैंसर की वृद्धि पर रोकथाम लगाती है।
9. यह दाह और जलन को दूर करने का एक प्राकृतिक पदार्थ है। यह कई एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्रस से बेहतर काम करती है और इसके कोई साइड-इफेक्ट्स भी नहीं होते।
10. यह प्राकृतिक दर्द-निवारक है।
11. हल्दी मल्टीपल स्क्लेरोसिसस की रोकथाम करने में समर्थ है।
12. यह वजन कम करने के साथ फैट मेटाबोलिज्म में मदद करती है।
13. अर्से से इसे अवसाद दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
14. हल्दी आर्थ्राइटिस और रिह्यूमेटाइड ऑर्थ्राइटिस का प्राकृतिक निरोधक है।
15. हल्दी कीमोथैरेपी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा पैक्लिटेक्सेल के प्रभाव को बढ़ा देती है और इसके साइड-इफेक्ट्स को कम कर देती है।।
16. पैंक्रियाज ग्रंथि के कैंसर पर हल्दी के प्रयोग पर हुए शोधों के नतीज़े सकारात्मक आ रहे हैं।
17. किसी भी ग्रंथि में नई रक्त नलिकाओं के निर्माण को हल्दी सफलतापूर्वक रोक देती है।
18. घाव को जल्दी भरने के साथ-साथ यह क्षतिग्रस्त त्वचा को भी ठीक करती है।
19. सोरायसिस सहित त्वचा की कई बीमारियों के इलाज़ में हल्दी से मदद मिलती है।
20. कच्ची हल्दी पर हुए प्रयोगों से पता चलता है कि इससे शराब के कारण क्षतिग्रस्त हुए लिवर को ठीक करने में मदद मिलती है।
सावधानियाँ...
पित्ताशय की पथरी एवं पित्त की रुकावट के मरीजों को हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाएँ हल्दी का खूब उपयोग करती हैं लेकिन इससे गर्भाशय की प्रक्रिया भी तेज होने लगती है इसलिए किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह से इसे इस्तेमाल करना चाहिए
1. यह एक प्राकृतिक एंटिसेप्टिक एवं एंटिबैक्टेरियल एजेन्ट है। हल्दी का पावडर जले और कटे अंग पर लगाने से संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है।
2. हल्दी को फूलगोभी के साथ मिलाकर खाने से प्रोस्टेट कैंसर की आशंका जाती रहती है। इसके अलावा अगर प्रोस्टेट कैंसर हो तो उसका बढ़ना रुक जाता है।
3. हल्दी स्तन कैंसर को फेफड़ों में जाने से रोक देती है।
4. हल्दी से मेलानोमा यानी काले तिल उभरना रुक सकता है। इसके अलावा हल्दी त्वचा का रूप निखारने के लिए सदियों से भारत में इस्तेमाल की जाती रही है।
5. बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया यानी रक्तकैंसर का जोखिम कम हो जाता है।
6. लिवर शुद्धि के लिए यह एक प्राकृतिक छन्नी है।
7. हल्दी मस्तिष्क में बनने वाले एम्लोयड प्लॉक की वृद्धि एवं निर्माण रोककर एल्जाइमर्स की बढ़त पर रोकथाम कर लेती है।
8. यह कई प्रकार के कैंसर की वृद्धि पर रोकथाम लगाती है।
9. यह दाह और जलन को दूर करने का एक प्राकृतिक पदार्थ है। यह कई एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्रस से बेहतर काम करती है और इसके कोई साइड-इफेक्ट्स भी नहीं होते।
10. यह प्राकृतिक दर्द-निवारक है।
11. हल्दी मल्टीपल स्क्लेरोसिसस की रोकथाम करने में समर्थ है।
12. यह वजन कम करने के साथ फैट मेटाबोलिज्म में मदद करती है।
13. अर्से से इसे अवसाद दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
14. हल्दी आर्थ्राइटिस और रिह्यूमेटाइड ऑर्थ्राइटिस का प्राकृतिक निरोधक है।
15. हल्दी कीमोथैरेपी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा पैक्लिटेक्सेल के प्रभाव को बढ़ा देती है और इसके साइड-इफेक्ट्स को कम कर देती है।।
16. पैंक्रियाज ग्रंथि के कैंसर पर हल्दी के प्रयोग पर हुए शोधों के नतीज़े सकारात्मक आ रहे हैं।
17. किसी भी ग्रंथि में नई रक्त नलिकाओं के निर्माण को हल्दी सफलतापूर्वक रोक देती है।
18. घाव को जल्दी भरने के साथ-साथ यह क्षतिग्रस्त त्वचा को भी ठीक करती है।
19. सोरायसिस सहित त्वचा की कई बीमारियों के इलाज़ में हल्दी से मदद मिलती है।
20. कच्ची हल्दी पर हुए प्रयोगों से पता चलता है कि इससे शराब के कारण क्षतिग्रस्त हुए लिवर को ठीक करने में मदद मिलती है।
सावधानियाँ...
पित्ताशय की पथरी एवं पित्त की रुकावट के मरीजों को हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाएँ हल्दी का खूब उपयोग करती हैं लेकिन इससे गर्भाशय की प्रक्रिया भी तेज होने लगती है इसलिए किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह से इसे इस्तेमाल करना चाहिए