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Last Updated: Aug 29, 2019
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थायरॉइड की गाइड लाइन
Dr. Ashish SharmaAyurvedic Doctor • 18 Years Exp.M.Sc - Psychology, PGDEMS, Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS)
गले में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि से संबंधित समस्या इन दिनों आम है। खासकर महिलाएं इसकी शिकार ज्यादा हैं। इससे निकलने वाले हॉर्मोन थायरॉक्सिन के सामान्य से कम या ज्यादा स्त्रावित होने पर कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। जैसे वजन का कम या ज्यादा होना, बालों का झड़ना, त्वचा का रूखापन, कभी कब्ज व कभी दस्त, त्वचा का ठंडा व गर्म रहना, भूख ज्यादा लगना या खत्म हो जाना आदि। अगर आप भी हाइपर या हाइपो थायरॉइडिज्म के शिकार हैं तो कुछ घरेलू नुस्खों और शारीरिक व्यायाम से इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं।
खाने के लिए
सिघांड़ा : यह कैल्शियम से लेकर आयोडीन तक की कमी को पूरा करता है और थॉयरॉक्सिन को नियंत्रित करता है। इसे चटनी, ज्यूस, सेककर, अचार, सब्जी, रोटी, खीर, हलवा, कच्चा व सिका हुआ आदि किसी भी रूप में खाया जा सकता है।
अनानास : गले के रोगों में अनानास का प्रयोग बहुत अच्छा रहता है। इसका प्रयोग चटनी, मुरब्बा, सलाद, ज्यूस, रायता के रूप में किया जाता हैै। इस बीमारी में आई सूजन को भी यह मिटाने में मदद करता है।
प्याज : गले का जमा कफ निकालने से लेकर खांसी, जुकाम, गला बैठना जैसे रोगों में प्याज की सब्जी, सलाद का प्रयोग लाभकारी है।
कमलककड़ी और कमल गट्टा : कमल की लकड़ी और बीज कैल्शियम और आयोडीन का प्रचुर स्त्रोत हैं।
गले की क्रियाएं
गर्दन को सांस छोड़ते हुए नीचे लाना, सांस लेकर पीछे ले जाना और इसी तरह दाईं और बाईं तरफ लाकर गोल-गोल घुमाना।
उज्जयी प्राणायाम : जीभ को अंदर से मोड़कर तालू पर लगाएं और गले को आवाज प्रभाव देते हुए नाक से सांस खीचें। ऎसा पांच से 10 बार करें।
योगासन
सर्वांगासन : सर्वांगासन थायरॉइड क्रिया के लिए बहुत लाभकारी है। जमीन पर पीठ केवल लेटकर दोनों पैरों को ऊपर उठाकर कुछ समय के लिए रोकना है।
सिंहासन : कागासन स्थिति में बैठ कर सिंह की तरह दहाड़ करके आवाज करें।
गले की लपेट
गले पर हल्का सा तेल लगाकर गीला कपड़ा बांधें और उसके ऊपर मफलर या कोई ऊनी कपड़ा बांधें।
परहेज : इस बीमारी में सोयाबीन ओर केला का सेवन निषेध है।