तिल खाने के फायदे - Til Khane Ke Fayde!
तिल का उपयोग हमलोग बहुत पहले से ही करते रहे हैं. छोटे-छोटे काले या सफ़ेद रंग के तिल कई प्रकार के औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से युक्त होते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम सेसम इण्डिकम है. तिल के बीज के स्वास्थ्य लाभ विटामिन, खनिज, प्राकृतिक तेलों और कार्बनिक यौगिकों सहित कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज, तांबा, जस्ता, फाइबर, थायामिन, विटामिन बी 6, फोलेट, प्रोटीन और ट्रिप्टोफैन आदि प्रदान करते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से तिल खाने के फायदों को जानें.
1. मधुमेह के नियंत्रण में-
तिल के बीज में कई तरह के पोषक तत्त्व मौजूद होते है, उसमे से एक तत्त्व मैग्नीशियम है जो डायबिटीज से लड़ने में आपको मदद करती हैं. टाइप 2 डायबिटीज से लड़ने में तिल के बीज का तेल डायबिटीज की दवा के प्रभाव को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. यह दवा की कार्यक्षमता में सुधार और शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज के लेवल को प्रबंधित करता है जिससे डायबिटीज के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
2. एनीमिया से दिलाए राहत-
तिल के बीज में आयरन की प्रचुरता होती है, जो एनीमिया से पीड़ित रोगियों के लिए इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. तिल के बीज में सेसमोल नामक आर्गेनिक गुण होता है. यह रेडिएशन के हानिकारक प्रभावों से डीएनए की सुरक्षा करता है.
3. चिंता दूर करने में-
तिल के बीज में पाए जाने वाले मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स मांसपेशियों के कार्य को प्रबंधित करते हुए एक एन्टीस्पैस्मोडिक के रूप में कार्य करते हैं. विटामिन बी-1 को शिथिल करने वाले गुण होते हैं जो तंत्रिका के कार्यों में सहायता करते हैं. इस विटामिन की कमी से मसल्स क्रैंप और डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार हो सकती है. ट्रिप्टोफैन एक आवश्यक अमीनो एसिड है जो दर्द को कम कर देता है और नींद के पैटर्न और मूड को नियंत्रित करता है.
4. ह्रदय के लिए-
सफेद तिल के बीज का तेल में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी- इंफ्लेमेटरी गूण होता है जो धमनियों को सख्त होने से रोकता है, जो आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.
5. हाइपरटेंशन दूर करने में-
सफेद तिल के के बीज में मौजूद प्राकृतिक तेल हाई ब्लड प्रेशर को प्रबंधित करने में मदद करते हैं. इससे कार्डियोवास्कुलर सिस्टम से तनाव कम होता है और विभिन्न हृदय समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. इसके अलावा, मैग्नीशियम हाइपरटेंशन को कम करने के लिए जाना जाता है और इसमें आवश्यक खनिज से भरे हुए हैं. जिसे सेसामोल कहा जाता है, जिसमें एंटी-एथ्रोजेनिक गुण होते हैं.
6. गठिया के उपचार में-
इसमें कॉपर होता है, एक मिनरल जो एंटीऑक्सिडेंट एंजाइम सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, यह मिनरल ब्लड वेसल्स, हड्डियों और जॉइंट को ताकत प्रदान करता है. तिल के बीज में पाए जाने वाला मैग्नीशियम, अस्थमा और अन्य श्वसन समस्या को ठीक करने में मदद करता है.
7. पाचन को बेहतर करने में-
सफेद तिल में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को सही करता है, क्योंकि यह इटंस्टाइन को अपने कार्य सुचारू रूप से करने में मदद करता है. यह कब्ज जैसी समस्या को ठीक कर सकता है. फाइबर धमनियों और रक्त वाहिकाओं से खतरनाक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करता है जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस, दिल का दौरा और स्ट्रोक आदि होने की सम्भावना कम हो जाती है.
8. हड्डियों की मजबूती के लिए-
तिल के बीज में जिंक, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स पाए जाते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. यह मिनरल्स नई हड्डियों को बनाने और मजबूत करने में उनकी मरम्मत करने में मदद करते हैं.
9. बालों के लिए लाभकारी-
तिल में मौजूद ओमेगा-3, ओमेगा-6 और ओमेगा-9 जैसे आवश्यक फैटी एसिड होते हैं जो बालों को बढ़ाने में मदद करते हैं. तिल के बीज का तेल बालों को कंडीशन करता है और खोपड़ी को स्वस्थ रखता है, इस तरह से ये बालों को लंबा करने में मदद करता है. गर्म तिल के तेल के साथ नियमित मालिश करने से रक्त परिसंचरण बढ़ता है.