टाइफाइड में क्या खाएं - Typhoid Mein Kya Khaye!
टाइफाइड के जीवाणु को साल्मोनेला टाइफी कहा जाता है. यह हमारे मुंह से हमारे शरीर के अंदुरुनी हिस्से में प्रवेश करता है. अधिकतम 3 सप्ताह तक हमारी आंतों में अपना घर बनाता है. उसके बाद यह आंतों की दीवार से होते हुए खून में प्रवेश कर जाता है. खून की सहायता से यह शरीर के कई अंगों में फैल जाता है. हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र साल्मोनेला टाइफी से मुकाबला नहीं कर पाता है. क्योंकि यह जीवाणु हमारी कोशिकाओं में बिना प्रतिरक्षा प्रणाली से प्रभावित हुए सुरक्षित रूप से निवास कर सकता है.
जीवाणुओं के कारण दुनिया भर में होने वाला टाइफाइड, भारत की भी एक सामान्य बीमारी है. टाइफाइड के जीवाणु हमारी आंखों और रक्त प्रवाह में संक्रमण करते हैं. यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैलता है. एक अनुमान के अनुसार, टाइफाइड के मरीज़ का यदि उपचार नहीं किया जाए तो 4 में से एक इंसान की मौत भी हो सकती है. टाइफाइड के आम तौर पर कई लक्षण होते हैं जिनके आधार पर चिकित्सक या फिर कोई भी इसके होने का अनुमान लगा सकता है. आइए टाइफाइड के आयुर्वेदिक उपचारों को जानें.
1. केला खाना है लाभकारी-
केले बुखार को कम करने में सहायक होता हैं और टाइफाइड से पीड़ित मरीजो में दस्त का उपचार कर सकते हैं. केले में पाए जाने वाला पेक्टिन एक घुलनशील फाइबर आंतों में तरल पदार्थ को अवशोषित करता है जिससे दस्त कम होता है. इसके अलावा, केले में मौजूद पोटेशियम से बुखार और दस्त के दौरान खोने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स को स्थापित करने में मदद मिलती है.
2. लहसुन-
लहसुन में मौजूद एंटीबायोटिक गुण टाइफाइड बुखार के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया से मुकाबला करने में मदद करते हैं. यह आपकी इम्यून सिस्टम को ताक़त देने में मदद करेगी. इसके अलावा लहसुन शरीर से हानिकारक टॉक्सिक पदार्थों को नष्ट करने और रिकवरी प्रक्रिया में तेजी लाता है. टाइफाइड बुखार के लक्षणों से निजात पाने के लिए कुछ हफ्तों तक खाली पेट 2 कलियाँ लहसुन की खाएं.
3. छाछ का सेवन-
टाइफाइड के इलाज में ताज़ा छाछ पीना भी कारगर सिद्ध होता है. छाछ को पाचन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सेवन किया जाता है, इसके अलावा, यह टाइफाइड बुखार की रिकवरी करने में सहायता करती है. यह डिहाइड्रेशन से भी बचाती है. जब तक आप पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते हैं तब तक रोजाना छाछ पिएं.
4. सेब का सिरका पियें-
सेब का सिरका उर्जा प्रदान करता है और टाइफाइड बुखार के लिए एक कारगर उपाय है. इसके एसिडिक यौगिक त्वचा से गर्मी बाहर करने में मदद करता हैं, जिससे शरीर के तापमान में कमी होता है. इसके अलावा सेब का सिरके में मौजूद मिनरल, दस्त के कारण खनिजों की आई कमी की पूर्ति करते हैं.
5. तुलसी खाना है सहायक-
तुलसी को कई चिकित्सीय गुणों के लिए जाना जाता है. इसका सदियों से आयुर्वेदिक औषधि में इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी तरह, यह टाइफाइड बुखार को कम करने में भी मदद करता है. तुलसी में एंटीबायोटिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो टाइफाइड बुखार के कारण बैक्टीरिया से निजात दिलाने में सहायता कर सकते हैं. तुलसी बुखार को कम करने, पेट को शांत करने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती है.
6. घरेलू ओ.आर.एस-
द्रव प्रतिस्थापन डायरिया से खो जाने वाले द्रव की पूर्ति और डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है. आप ओरल रीहाइड्रेशन सलूशन का इस्तेमाल कर सकते हैं. ओ.आर.एस टाइफाइड लक्षणों की तीव्रता को कम और रिकवरी में मदद करता है. ओ.आर.एस को घर पर भी बनाया जा सकता हैं.
7. स्वस्थ आहार-
जब आप टाइफाइड से कमजोर हो गए हैं, तो शरीर को प्रयाप्त पोषण प्रदान करने के लिए एक विशेष आहार का सेवन करना जरुरी है. एक अच्छा आहार आपके शरीर के तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा. ऊर्जा प्रदान करने के लिए अपनी कैलोरी के सेवन को बढ़ाएं.
8. पिएं खूब पानी-
यदि आप स्वस्थ भी हैं तभ भी पानी पीना उतना ही जरुरी है जब आप बीमार होते हैं. हाई फीवर और दस्त के कारण डिहाइड्रेशन होना सामान्य है हैं. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अपने द्रव सेवन को बढ़ाएं. यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने और अपशिष्ट पदार्थ और टॉक्सिक पदार्थों के नष्ट करने में सुधार करेगा.