Urine Infection in Hindi - यूरिन इनफैक्शन
यूरिन इनफैक्शन को यूरिनरी ट्रैक्ट इनफैक्शन (यूटीआई) भी कहते हैं। ज्यादातर ये समस्या महिलाओं में पाई जाती है। ये समस्या वयस्कों की अपेक्षा बच्चों में ज्यादा देखी जाती है। वहीं अगर ये समस्या बच्चों को हो जाए तो ज्यादा गंभीर होती है। बच्चों में ये समस्या बिस्तर गीला करने की वजह से हो जाती है। अपने जीवनकाल में चालीस फीसदी महिलाओं और बारह फीसदी पुरुषों में ये समस्या देखी जा सकती है। गर्भवती महिलाओं में ये संक्रमण काफी सामान्य होता है। जब एक महिला बच्चे को जन्म देती है तो उसके प्रेग्नेंसी हॉर्मोन का विकास शरीर के अंदर होता है, और इसके फलस्वरूप उसके यूरिनरी ट्रैक्ट में भी काफी परिवर्तन होते हैं। जैसे ही किसी महिला का गर्भाशय बढ़ता है, यह ब्लैडर पर अतिरिक्त दबाव डालने लगता है। इससे ब्लैडर से पूरी तरह मूत्र का निकलना संभव नहीं हो पाता है। जो मूत्र ब्लैडर के अंदर बच जाता है, उससे संक्रमण की प्रबल संभावना रहती है। । अगर आप इस इन्फेक्शन को शुरूआती चरणों में नहीं रोक पाती तो इससे किडनी में भी इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।
ऐसे पहचानें यूरिन इनफैक्शन- यहां दिए गए कुछ लक्षणों से आप पहचान कर सकते हैं कि कहीं आप भी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन के शिकार तो नहीं हो गए...
- पेशाब करते वक्त जलन या दर्द होना
- बार-बार पेशाब लगना
- खुजली होना
- बदबूदार पेशाब होना
- पेशाब का कलर बदलना
- पीठ के नीचे हिस्से में दर्द
यूरिन इनफैक्शन के कारण- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन का सबसे बड़ा कारण कॉमन टायलेट का इस्तेमाल करना है। इसके अलावा पेशाब रोकना और पेशाब के बाद सफाई न रखने से भी इन्फैक्शन हो जाता है। बेहतर होगा कि टॉयलेट हमेशा साफ सुधरा रखें, पेशाब रोके नहीं और और पब्लिक कमोड का जितना हो सके कम इस्तेमाल करें। इसके अलावा अंडरगार्मेंट्स और प्राइवेट पाट्र्स की सफाई का भी ध्यान रखें। कभी-कभी सेक्स की वजह से भी बैक्टीरिया महिलाओं के मूत्रमार्ग में पहुंच जाते हैं।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन बैक्टीरिया से होता है। डॉक्टर इस बीमारी में एंटीबायोटिक देते हैं जिससे बैक्टीरिया में प्रतिरोधक क्षमता आ जाती है जिससे दवाएं बेअसर होने लगती हैं। यहां दिए गए ये घरेलू उपाय अपनाकर इस समस्या का निदान किया जा सकता है।
अपनाएं ये घरेलू उपाय
ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें- पूरे दिन में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेने से आपके सिस्टम से बैक्टीरिया बाहर होते हैं। तांबे के बर्तन में रातभर पानी रखकर पिएं। तांबे में कीटाणुनाशक गुण होते हैं। ये आपके शरीर से बैक्टीरिया दूर करता है।
1. अनानास-
अनानास में बेहतरीन एंटी बायोटिक गुण होते हैं, जो कि यूरिनरी ट्रैक्ट का इन्फेक्शन दूर करने में काफी प्रभावी होते हैं। अनानास में ब्रोमेलेन नाम का एंजाइम होता है, जो कि यूरिनरी ट्रैक्ट के इन्फेक्शन को आसानी से दूर कर देता है। आप या तो नाश्ते में, या फिर दोपहर के खाने के बाद अनानास का फल के रूप में सेवन कर सकती हैं। आप इसे ग्राइंडर में डालकर इसका रस निकालकर पी सकती हैं।
2. बेकिंग सोडा- बेकिंग सोडा शरीर में एसिड और बेस को संतुलित रखता है। यूरिन इन्फैक्शन के लक्षण दिखें तो एक गिलास पानी या दूध में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर दो बार पिएं।
3.प्याज- प्याज शरीर से टॉक्सिन बाहर करता है। यूरिन इन्फैक्शन होने पर प्याज का सेवन दोनों टाइम सलाद के रूप में करें।
4. छाछ- छाछ शरीर से बैक्टीरिया बाहर निकालने के साथ यूरिन इन्फैक्शन के दौरान होने वाली जलन को भी दूर करता है।
5. करौंदे का जूस- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन में करौंदे के जूस को अचूक उपाय माना जाता है। आपको करौंदा पसंद हो तो उसे कच्चा भी खा सकते हैं। इसका जूस निकालकर इसमें सेब का जूस मिलाकर पीने से इनफैक्शन में काफी राहत मिलती है।
6. हरी इलायची- यूरिनरी इन्फैक्शन के दौरान मूत्रमार्ग पर बेहद जलन होती है। इसके उपचार के लिए ठंडे दूध के साथ इलायची का पाउडर लें। इसके अलावा कच्ची इलायची भी खाने के बाद खा सकते हैं।
7. ब्लूबेरी- ब्लूबेरी में बैक्टीरिया को पूरी तरह नष्ट करने के गुण होते हैं। हाल में ही हुए एक शोध के अनुसार ब्लूबेरी का रस गर्भवती महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट का इन्फेक्शन रोकने में मदद करता है। आप सुबह के नाश्ते में भी इस फल का रस के रूप में सेवन कर सकती हैं।
8. सिट्रस फ्रूट या खट्टे फल खाएं- सिट्रस फ्रूट जैसे, नींबू, संतरा, आंवला और मौसमी जैसे फलों में मौजूद साइट्रिक एसिड यूरिन में इनफैक्शन क्रिएट करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करता है।