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Last Updated: Jul 04, 2023
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अपनी कॉफी को विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से बनाइए स्वादिष्ट और सेहतमंद

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Dt. Diets And MoreDietitian/Nutritionist • 11 Years Exp.Diploma in Diet and Nutrition
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काफी के दीवानों की दीवानगी कुछ अलग ही स्तर की होती है। उन्हें काफी के स्वाद के आगे कुछ और अच्छा ही नहीं लगता। काफी के दीवानों से अलग कुछ लोग कॉफी को कैफीन की मात्रा के लिए कोसते हैं। उसके एडिक्शन को लेकर कॉफी पर सवाल उठाते हैं। पर सोचिए अगर कॉफी स्वाद के साथ सेहत की भी कैरियर बन जाए।

अगर आपकी मनपसंद कॉफी में ही आपको विटामिन, पोषक तत्व और एंटीआक्सीडेंट मिलने लग जाएं। ऐसे में तो ये सोने पर सुहागा हो जाएगा। ना विटामिन की गोली खाना याद रखना और इसके साथ ही काफी का स्वाद हर बार मिलता रहेगा। ये तो हम सभी जानते हैं कि एंटीऑक्सीडेंट की भूमिका शरीर में कितनी जरुरी है।

हमारे शरीर में ये सुपरहीरो की तरह काम करते हैं। यह कोशिकाओं को खराब होने से बचाते हैं, इससे उम्र बढ़ने से लेकर कैंसर से निजात तक की समस्या का बचाव होता है। वैसे तो हरी सब्जियों में प्राकृतिक रूप में पाए जाते है। लेकिन अगर यही एंटीऑक्सीडेंट्स हमें अपनी मनपसंद कॉफी में मिल जाय तो क्या कहने। ये आम के साथ गुठलियों के दाम मिलने की बात हो जाएगी।

इस लेख में हम ऐसे कुछ उपाय बता रहे हैं कि जिससे स्वादिष्ट काफी विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स से मिलकर सेहतमंद भी बन जाएगी।

काफी में दालचीनी का तड़का

आप सोच रहे होंगे यह क्या अटपटी बात है। काफी में तड़का वो भी दालचीनी का पर शब्दों पर मत जाइए। काफी और दालचीनी मिलकर शानदार एंटीऑक्सीडेंट बन जाते हैं।  सुबह की जावा कॉफी में अगर कुछ दालचीनी मिला लें तो यह स्वाद के साथ बेहतरीन एंटीऑक्सिडेंट पेय बन जाती है। दालचीनी का उपयोग मसाले और औषधि दोनों के रूप में किया जाता है। यह हृदय और मस्तिष्क की रक्षा करती है। दालचीनी कैंसर के खतरे को कम कर सकती है और साथ ही यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ा सकती है।

लीजिए मशरूम कॉफी का मजा और सेहत भी

अब यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन अगर आपकी कॉफी में मशरूम मिलाया जाए तो यह  सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। मशरू में  एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके साथ ही इसमें प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुण होते हैं। अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ, मशरूम कैंसर रोधी भी होते हैं। यह पाचन समस्याओं और लीवर की समस्याओं में भी बहुत कारगर हैं। बाजार में काफी के साथ मिलाने के लिए मशरूम पाउडर आते हैं या फिर मशरूम कॉफी भी आसानी से मिल जाएगी।

मांसपेशियों में दर्द है तो काफी में अदरक मिलाएं

नियमित कॉफी में कुछ अदरक मिलाकर पीने से कई तरह के फायदे होते हैं। जी मिचलाने के लिए अदरक काफी फायदेमंद होता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और सूजन रोधी यौगिक भी होते हैं। इसके अलावा, अदरक मांसपेशियों के दर्द को भी कम कर सकता है, कोलेस्ट्रॉल कम कर सकता है और पाचन तंत्र में मदद कर सकता है। यानी अदरक वाली चाय के बाद अब अदरक वाली काफी का विचार भी स्वाद और सेहत से भरपूर है।

हल्दी छिड़कें

हल्दी अपने करक्यूमिन यौगिकों के साथ एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ आती है और यह सूजन-रोधी भी है। यह लीवर को डिटॉक्सीफाई कर सकता है, पाचन में होने वाली गड़बड़ी से निपटने में मदद कर सकता है और अवसाद का भी इलाज कर सकता है। तो, स्वस्थ जीवन के लिए अपनी कॉफी में एक चुटकी हल्दी मिलाएं।

मैका पाउडर और काफी की जुगलबंदी

आप अपनी कॉफी में कुछ मैका पाउडर मिला सकते हैं, जो मैका रूट प्लांट से आता है। मैका प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है और हमारे शरीर में हार्मोन को संतुलित करता है। यह हमारे शरीर में ऊर्जा के स्तर, सेक्स ड्राइव और एथलेटिक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। फैटी एसिड के कम प्रतिशत के साथ मैका में एमिनो एसिड और विटामिन सी में उच्च मात्रा में पाया जाता है। कॉफी के साथ रोजाना 1-3 चम्मच मैका पाउडर का सेवन करना चाहिए।

कोलेजन

कोलेजन शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में प्रोटीन है, और प्रत्येक कोशिका के कार्य करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। अपनी कॉफी में कोलेजन का एक स्कूप जोड़ने से जोड़ों की परेशानी को दूर करने, स्वस्थ हड्डियों को बढ़ावा देने, मांसपेशियों को बढ़ाने और झुर्रियों से लड़ने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, कोलेजन में कई फायदेमंद अमीनो एसिड होते हैं और स्वाभाविक रूप से ग्लूटन फ्री होते हैं।

कोकोनट मिल्क

काफी की दीवानगी के साथ अगर आपको पता चला है कि यदि आप लैक्टोज असहिष्णु हैं तो निराश होने की जरुर नहीं है। ऐसे बहुत से लोग या फिर ऐसे लोग जो अपने आहार से डेयरी को खत्म कर रहे हैं, उनके लिए नारियल का दूध एक उत्कृष्ट कॉफी क्रीमर विकल्प है। नारियल का दूध या कोकोनट मिल्क में कैलोरी में कम होती है और मीडियम चेन सैच्युरेटेड फैटी एसिड उच्च स्तर पर होता है। यह शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है और इसमें स्वस्थ मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन सी, ई और बी होता है। तो हो गयी ना काफी मजेदार के साथ सेहत से भरी।

हेज़लनट ऑयल

हेज़लनट ऑयल में फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और ओलिक एसिड जैसे स्वस्थ वसा होते हैं, जो शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाते हैं और कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। चूंकि हेज़लनट ऑयल तेज होता है ऐसे में इसे काफी में इस्तेमाल करने से पहले ये जानना जरुरी है कि काफी की कितनी मात्रा होनी चाहिए कि आपको स्वाद काफी का और फायदा हेजलनट ऑयल का मिले।

पेपरमिंट का तेल

पेपरमिंट ऑयल मिनरल और विटामिन से भरपूर होता है। अपने सूजन रोधी भड़काऊ गुणों के कारण, पेपरमिंट ऑयल गले की मांसपेशियों को दूर करने और पेट की समस्याओं जैसे अपच, नाराज़गी और मतली को शांत करने में मदद कर सकता है। हेज़लनट तेल की तरह ही पेपरमिंट के तेल का इस्तेमाल करना है तो उसे कम मात्रा में इस्तेमाल करें और काफी को अपने स्वाद के हिसाब से बढ़ा लें

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