Water Pollution in Hindi - जल प्रदुषण के कारण और उपाय
जल का महत्त्व हम इसी बात से समझ सकते हैं कि हमारे शरीर का लगभग 70 प्रतिशत पानी है. इसलिए कह सकते हैं कि वायु के बाद हमारी दूसरी महत्वपूर्ण जरूत ही है. हालांकि धरती पर भी चार में से तीन हिस्सा पानी का ही है. लेकिन विडम्बना है कि अत्यधिक जल प्रदुषण और सागरों का पानी खारा होने के कारण हम इसका प्रयोग नहीं कर पाते हैं. जाहिर है जल प्रदुषण के कई कारण हैं. ये सभी कारण कहीं न कहीं हमारे मानवीय इच्छाओं का शिकार है. हालात इतना गंभीर है कि भारत में कोई भी ऐसा जल स्रोत नहीं बचा है, जो जरा भी प्रदूषित न हो. दूसरी हकीकत यह है कि देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा जल स्त्रोत बहुत ज्यादा प्रदूषित हो चुके हैं. आइए जल प्रदुषण के कारण और इसके निवारण के बारे में जानें.
1. औद्योगिक कूड़ा
हमारे उद्योगों से भारी मात्रा में कचड़े और प्रदूषित जल का निर्माण होता है. लेकिन इसके निस्तारण के पर्याप्त उपाय न हो पाने के कारण ये आद्योगिक कूड़ा हमारे नदियों में जाकर अपने हानिकारक तत्वों के साथ भूमिगत जल में मिल जाता है.
2. कृषि क्षेत्र में अनुचित गतिविधियां
कृषि कार्यों के बदौलत ही हमें अन्न मिल पाता है लेकिन कृषि में इस्तेमाल होने वाले जहरीले रसायन इतने खतरनाक होते हैं कि ये भूमिगत जल को भी प्रदूषित करते हैं. इसके कारण कई तरह की बीमारियाँ भी उत्पन्न होती हैं.
3. नदियों के पानी की गुणवत्ता में कमी
हमारे देश की नदियाँ हमारे लिए जरुरी पानी उपलब्ध तो करा देता है लेकिन इसकी गुणवत्ता भी लगातार खराब होती जा रही है. इसके लिए हमारे उद्योग और अन्य कई कारण जिम्मेदार हैं इसलिए हमें पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए.
4. सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाज
जल को प्रदूषित करने में हमारे परम्पराओं और रीति रिवाजों की भी प्रमुख भूमिका है. जैसे पानी में शव को बहाने, नहाने, कचरा फेंकने आदि से हमारी नदियाँ और अन्य जल के स्त्रोत प्रदूषित होते हैं. हमें इसे रोकना होगा.
5. जहाजों से होने वाला तेल का रिसाव
आपने अक्सर खबरों में सूना होगा कि समुन्दर में तेल वाहक जहाजों से तेल का रिसाव होता है. कई बार तो पूरा टैंकर ही तबाह हो जाता है. हलांकि इसे अवशोषित किया जाता है लेकिन फिर भी काफी हिसा पानी में मिल जाता है और जल को प्रदूषित कर देता है.
6. अम्ल वर्षा
अम्ल वर्षा, वायु प्रदुषण के कारण होता है. वायु प्रदुषण के कारण हवा में कई ख़तरनाक रसायन और अम्ल मिश्रित हो जाते हैं. जब बारिश होती है तो पानी के साथ मिलकर ये धरती पर गिरते हैं. जिससे कई बार काफी नुकसान होता है, जल तो प्रदूषित होता ही है.
7. ग्लोबल वार्मिंग
ग्लोबल वार्मिंग हमारे लिए कई खतरे उत्पन्न कर रहा है. इन खतरों में कई ऐसे हैं जिनसे हमारा अस्तित्व भी खतरे में है. जल प्रदुषण, ग्लोबल वार्मिंग के इन्हीं दुष्प्रभावों में से एक है. इस दिशा में बहुत प्रयास किए जाने की जरुरत है.
8. यूट्रोफिकेशन
जल प्रदुषण के लिए जिम्मेदार अनेकों कारणों में से एक यूट्रोफिकेशन भी है. इसके कारण होने वाले जल प्रदुषण के कारणों को ख़त्म करके इसे रोका जा सकता है. इस दिशा में प्रयास किये जाने की जरुरत है.
9. औद्योगिक कचरे के निपटान की अपर्याप्त व्यवस्था
चाहे जल प्रदुषण की बात हो या वायु प्रदुषण की इन सबके लिए आद्योगिक कचरे जिम्मेदार हैं. इससे होने वाला प्रदुषण इस कचरे के निपटान की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण और भी बढ़ जाता है.
10. डीनाइट्रिफिकेशन
डीनाइट्रिफिकेशन भी जल प्रदुषण के लिए जिम्मेदार अनेक प्रमुख कारणों में से एक है. यदि इससे जल्दी ही निपटा न गया तो इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं. जल प्रदुषण को गंभीरता से लेने की जरूरत है.
जल प्रदूषण का समाधान
मिट्टी के कटाव की वजह से भी जल प्रदूषित होता है. ऐसे में, यदि मिट्टी का संरक्षण होता है तो हम कुछ हद तक पानी का प्रदूषण रोक सकते हैं. हम ज्यादा से ज्यादा पौधे या पेड़ लगाकर मिट्टी के कटाव को रोक सकते हैं. खेती के ऐसे तरीके अपना सकते हैं, जो मिट्टी की सेहत की चिंता करें और उसे बिगाड़ने के बजाय सुधारे. इसके साथ ही जहरीले कचरे के निपटान के सही तरीकों को अपना भी बेहद महत्वपूर्ण है. शुरुआत में, हम ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल न या कम करें जिनमें उन्हें नुकसान पहुंचाने वाले जैविक यौगिक शामिल हो. जिन मामलों में पेंट्स, साफ-सफाई और दाग मिटाने वाले रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है, वहां पानी का सुरक्षित निपटान बेहद जरूरी है. कार या अन्य मशीनों से होने वाले तेल के रिसाव पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी है. ये भी समाधान हो सकता है.
1. पानी के रास्ते और समुद्री तटों की सफाई.
2. प्लास्टिक जैसे जैविक तौर पर नष्ट न होने वाले पदार्थों का इस्तेमाल न करें.
3. जल प्रदूषण को कम करने के तरीकों पर काम करें.