जानें वजन घटाने पर आपके शरीर और दिमाग में क्या होते हैं बदलाव
मोटापे की समस्या को इन दिनो महामारी कहा जाय तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। जीवनशैली में शारीरिक सक्रियता की कमी, खाने का अनियमित समय, दिन भर कुर्सी पर बैठ कर काम करना, असमय खाना पीना, अनियमित दिनचर्या और वर्किंग आवर्स ने मोटापे को महामारी का रुप दे दिया है। मोटापे से निजात पाने के लिए डाइट से लेकर जिम तक हर कोई कोशिश कर रहा है। लोग सफल भी हो रहे हैं। पर क्या हमने सोचा कि वजन घटाने की हमारी कोशिश से हमारे शरीर और दिमाग पर क्या असर होता है। आइए जानते हैं वजन घटाने पर हमारे शरीर और खासकर दिमाग पर क्या असर होता है।
भूख ज्यादा लगती है
जब आप वजन घटाने की शुरुआत करते हैं तो सबसे पहले आप स्वस्थ आहार लेना शुरु करते हैं। हो सकता है कि पहले सप्ताह के दौरान आप केवल स्वस्थ आहार पर स्विच करके अपना वजन कम पाएं लेकिन धीरे-धीरे शरीर को इसी आहार की आदात हो जाती है। जैसे-जैसे आपका मेटाबॉलिज्म एडजस्ट होता है,आप कैलोरी बर्न होने की संख्या शुरुआत के मुकाबले घट जाएगी।
वास्तविकता ये भी है जैसे जैसे बाडी फैट पिघलता जाएगा, आपको ज्यादा भूख लगने लगेगी। इसका कारण है कि भोजन के बाद, फैट सेल लेप्टिन नामक एक हार्मोन रिलीज करती हैं। लेप्टिन के स्तर में यह वृद्धि आपके मस्तिष्क को संकेत देती है कि आपका पेट भर गया है और आपको खाना बंद कर देना चाहिए। लेकिन जब वसा कम हो जाता है तो लेप्टिन की संख्या कम हो जाती है और ज्यादा खाने लगते हैं। लेप्टिन की कमी की वजह से आपको ज्यादा से ज्यादा और वसायुक्त खाने की इच्छा होती है क्योंकि आपका मस्तिष्क शरीर के लेप्टिन के स्तर को सामान्य करने की कोशिश करता है। हालांकि अगर आपने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से इस मुकाम को पार कर लिया तो आपको बहुत फायदा मिलने वाला है।
घुटनों और जोडों पर दबाव कम होता है
यह तो हम सब जानते हैं कि वजन घटाने से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 मधुमेह के जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। वजन घटाने से घुटनों पर भार कम होता है। एक अध्ययन के मुताबिक शरीर के वजन का सिर्फ एक किलो वजन कम करने से जोड़ों पर चार किलो दबाव कम हो जाता है। यानी जितना वजन कम होगा उसका चार गुना भार घुटनों से कम होगा। यह सिर्फ घुटनों नहीं बल्कि हर जोड़ के लिए सही है। अगर आप अपना वजन करते हैं, खासकर अपनी तोंद कम करते हैं तो आपको आर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द, रीढ की हड्डी के दर्द से मुक्ति मिल सकती है।
आपकी उर्जा का स्तर बढ़ जाएगा
वज़न घटाने की प्रक्रिया में कुछ अतिरिक्त वजन कम होते ही आप का पहला अनुभव जो होता है वो पहली चीज है खुद को उर्जावान महसूस करना। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप जितना कम वजन उठा रहे हैं, उतनी ही अधिक ऊर्जा आप अन्य महत्वपूर्ण चीजों को करने के लिए बचाते हैं। मतलब आपके शरीर के भार उठाने में जो शक्ति लगती थी अब वही बची हुई शक्ति शारिरिक क्रियाओं में लगती है। इसके साथ ही जब शरीर का वजन कम होता है तब ऑक्सीजन दक्षता में सुधार होता है। यही वजह है कि सीढ़ियों पर चढ़ते समय या बस पकड़ने की कोशिश करते समय आपकी सांस नहीं फूलेगी।
आपकी याद्दाश्त सुधऱती है
आपके शरीर का एक और अंग है जिसे वजन कम होने से बहुत फायदा होता है। वो अंग है आपका मस्तिष्क। इसे लेकर दुनिया भर मे स्टड़ी हुई है। ऐसे ही कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि अतिरिक्त फैट जब कम हो जाता है तो व्यक्ति कि प्लानिंग, स्ट्रैटजी, मैनेजमेंट और आर्गेनाइज करने की क्षमताओं में सुधार हो सकता है। स्टडी के मुताबिक वजन घटाने के बाद आपका दिमाग भी ज्यादा सक्रिय हो जाता है।
आपकी त्वचा और बेहतर हो जाती है
वजन घटाने की आपकी यात्रा में आपको कई बोनस मिलते हैं। एक बोनस है स्वस्थ और सुंदर दिखना। कुछ लोग जिन्होंने एक स्वस्थ जीवन शैली जीने और अपना वजन कम करने का फैसला किया है, उनकी पर्सनालिटी में भी जबरदस्त बदलाव देखा है। उनकी त्वचा साफ हो गई और नाखून के आसपासऔर दूसरी जगहों से रेशे निकलना बंद हो गए छिलना बंद हो गया, उनके बाल घने हो गए और उनके नाखून मजबूत हो गए।
अलर्जी में भी राहत
आपके शरीर का वजन आपके श्वसन तंत्र पर दबाव डालता है। अगर आपको सीजनल एलर्जी बार-बार होती है तो आपका बढ़ा वजन आपकी एलर्जी के लक्षणों को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाता है। जैसे-जैसे आप पतले होते जाते हैं, श्वास नलिकाएं साफ हो जाती हैं और आपकी एलर्जी का स्तर घटने लगता है। कई बार ऐसा देखा गया है कि वजन कम होने के बाद बहुत से लोगों के इनहेलर छूट भी सकते हैं। सीजनल एलर्जी की दवाओं को लेने की फ्रीक्वेंसी में भी काफी हद तक कमी आ जाती है।
आपके हाथ और पांव छोटे हो जाते हैं
जब आप अतिरिक्त वजन कम करते हैं, तो आप अपने पूरे शरीर से फैट कम होता है। इसमें आपके पैर और हाथ भी शामिल होते हैं। इसलिए फैट लॉस प्रोग्राम के दौरान जब आपके पसंदीदा जूते आपके पैरों से फिसलने लगें तो घबराएं नहीं। आपको खुश होना चाहिए। ऐसी स्थिति में आप अपने बूट्स को ज्यादा आराम से बंद कर सकते हैं क्योंकि पैरों का फैट कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में आपको अपनी अंगूठियों को री-साइज कराने के लिए भी तैयार रहना चाहिए क्योंकि फैट आपकी उंगलियोंसे भी गया है और आपकी उंगलियां भी पतली हो जाएंगी।
आपको ज्यादा ठंड लगेगी
आप अपना वजन कम करते हैं तो आपका शरीर खासकर ठंड के मौसम में तापमान में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है, आपको ठंड ज्यादा लगती है। इसका कारण यह है कि आपका मेटाबॉलिज्म रेट धीमा हो जाता है। फैट कम होने की वजह से आपका शरीर अधिक से अधिक ऊर्जा बचाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि इसमें अब बहुत अधिक अतिरिक्त कैलोरी नहीं है।
आपको ठंड लगने का एक और कारण है कि फैटलॉस की वजह से आप सचमुच इन्सुलेटिंग परत खो देते हैं जो आपके शरीर को कंबल जैसा महसूस करता है और इसे गर्म रखता है।
आपका मासिक चक्र बदल सकता है
आपके शरीर का वजन आपके हार्मोन का स्तर से सीधी तरह संबंधित है। ऐसे में जब आप वेटलॉट के दौरान अतिरिक्त फैट से मुक्ति पा लेते हैं, तो इसका असर आपके एंडोक्राइन सिस्टम पर भी पड़ता है। आपके एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में बदलाव आ सकता है जिसका नतीजा मासिक धर्म की अनियमितता, भारी या हल्का प्रवाह, और आपके चक्र का छोटा या लंबा होना हो सकता है।
सरदर्द कम होगा
सामन्यतः मोटापा सीधे सिरदर्द को ट्रिगर नहीं करता है, लेकिन मोटापे से माइग्रेन होने का खतरा 50% बढ़ जाता है। फैट सेल्स आपके शरीर में सूजन की मात्रा को बढ़ाती हैं। कुछ स्थितियों में,यह सूजन माइग्रेन का कारण बन सकती है। इसलिए मोटापे से मुक्ति से सिरदर्द में भी राहत मिलती है।
आपके खर्राटे बंद हो जाएंगे
मामूली वजन घटाने से भी आपकी गर्दन के आसपास अतिरिक्त वजन कम हो जाता है। आम तौर पर गर्दन के आसपास का जमा फैट आपसे ऊपरी वायुमार्ग को अवरुद्ध करता है जो आमतौर पर स्लीप एपनिया और खर्राटों के लक्षणों को बढ़ाता है। जब ये वजन कम हो जाता है तो आपके खरार्टे भी बहुत हद तक खत्म हो जाते हैं।
अच्छी नींद
एक शोध के मुताबिक आपके शरीर के वजन का कम से कम 5% कम करने से आपको रात में बेहतर और लंबी नींद लेने में मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि वजन घटाने पर रात के मध्य में खर्राटे, कुपाचन , एसिडिटी जैसे लक्षण काफी कम हो जाते हैं। मध्यरात्रि में आपको जगाने के लिए कुछ भी नहीं होने से, आपकी नींद की गुणवत्ता काफी बेहतर हो जाती है। इसका एक फायदा यह भी है कि अगर आप अच्छी नींद ले रहे हैं तो ये आपको बहुत तेजी से वजन कम करने में मदद करता है।
दिमाग की सक्रियता बढ़ती है
आप जब वेट लॉस के जरिए अतिरिक्त वजन को कम करते हैं तो रक्त वाहिकाओं पर दबाव कम होता है। इससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ता है और मस्तिष्क की सक्रियता काफी बढ़ जात है। वो अपने हर काम को ज्यादा तेजी से करता है।
ध्यान और प्रॉबलम साल्विंग बढ़ती है
वजन घटाने से एकाग्रता, ध्यान, समस्या को सुलझाने की तकनीक, प्राबलम साल्विंग की गति ये सब बढ़ जाती है। वेटलॉस सर्जरी कराने वाले लोगों को किए गए कई अध्ययनों से पता चला है कि वजन घटाने की सर्जरी कराने वाले लोगों ने 3 महीने में ही याददाश्त, एकाग्रता और समस्या को सुलझाने के कौशल में सुधार देखा।
लालच की प्रवृति घटती है
जो लोग अपनी शुरुआती इच्छाशक्ति से अपनी लालच पर काबू पाकर वजन कम कर लेते हैं।वजन कम होने के बाद उनका शरीर भी उनका साथ देने लगता है। एक स्टडी में किए गए ब्रेन स्कैन से पता चला है कि जिन लोगों ने अपना वजन कम किया और 9 महीने तक अपना वजन मेंटेन किया, उन्होंने वजन कम करने से पहले की तुलना में उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों की छवियों को दिखाने पर अलग तरह से प्रतिक्रिया दी। मस्तिष्क के इन इलाकों में इन हाईकैलोरी या जंक फूड या स्वाद बढ़ाने वाले चीजों को देखने पर उतनी तेजी से प्रतिक्रिया नहीं हुई। वहीं सेल्फ कंट्रोल को नियंत्रित करने वाले दिमाग के इलाकों में गतिविधि में तेजी देखी गयी।