Yam Benefits In Hindi - रतालू के फायदे और नुकसान
कई जड़ी-बूटियों में से एक रतालू भी है. सबसे पहले रतालू की खेती पश्चिम अफ़्रीकी में की गई थी. ये अफ्रीका और एशिया में 50,000 ईसा पूर्व उगाये गए थे. यह दुनिया में सबसे अधिक सेवन करने वाले खाद्य पदार्थों में से एक है और यह दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, वेस्ट इंडीज और प्रशांत द्वीप समूह में एक प्रमुख भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है. यह पौधा एक बारहमासी बेल है जो कि 2 मीटर तक लंबी बढ़ती है. रतालू में मौजूद कई प्रकार के पोषक तत्व इसको ऊर्जा का एक बेहतर स्रोत बनाते हैं. आपको बता दें कि इसके प्रत्येक सौ ग्राम में 118 कैलोरी ऊर्जा की मौजूदगी होती है. रतालू में जटिल कार्बोहाइड्रेट एवं घुलनशील फाइबर की प्रचुरता होने के साथ ही रिबोफ़्लिविन, विटामिन बी 1, नियासिन, फोलिक एसिड, विटामिन बी 6 और पैंटोफेनीक एसिड इत्यादि भी खूब पाए जाते हैं. इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी की भी बहुत अच्छी मात्रा पाई जाती है. इसमें विटामिन ए और बीटा कैरोटीन का स्तर बहुत कम होता है. यह तांबे, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है. आइए रतालू के फायदे और नुकसान को जानें.
1. कैंसर के उपचार में
रतालू में पाया जाने वाला आहार फाइबर, भोजन में स्थित कई विषैले पदार्थों को नष्ट करने के साथ ही कोलन श्लेष्म में होने वाले बृहदान्त्र कैंसर की भी रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यही नहीं इसमें मौजूद विटामिन ए हमारे फेफड़े एवं मुँह के कैंसर से भी रक्षा करता है.
2. स्किन के लिए
इसमें त्वचा के अनुकूल पोषक तत्व होते हैं जैसे बीटा कैरोटीन, विटामिन सी, विटामिन बी 6 और एंटीऑक्सिडेंट जो झुर्रियाँ और उम्र बढ़ने के अन्य लक्षणों को रोकने में मदद कर सकते हैं.
3. शुगर के लिए
भोजन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स, किसी भी व्यक्ति के रक्त शर्करा के स्तर पर भोजन के प्रभाव को दर्शाता है. फास्ट ग्लूकोज अवशोषण वांछनीय नहीं है, इसलिए साधारण शर्करा की तुलना में रक्त शर्करा का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है.
4. श्वसन समस्याओं में
यह अल्सर, फोड़े और अन्य त्वचा रोगों पर बाहरी रूप से लगाया जाता है. इसके काढ़े को ब्रोन्कियल जलन, खाँसी और अन्य श्वसन समस्याओं को ठीक करने के लिए भी जाना जाता है.
5. चयापचय कार्यों में मदद
शरीर में मौजूद विटामिन ए विभिन्न चयापचय कार्यों में मदद करता है. शरीर में विटामिन ए कन्वर्ट करने के लिए कैरोटीन बहुत आवश्यक हैं. विटामिन ए स्वस्थ श्लेष्म झिल्ली और त्वचा का रखरखाव करने के लिए बहुत ही जरूरी होता है.
6. पाचन के लिए
रतालू में मौजूद आहार फाइबर कब्ज को कम करने में मदद करता है और यह खराब कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद करता है. इसमें पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है जो स्वस्थ पाचन में सहायक होती है और उचित मल त्याग के लिए पेट में मांसपेशी संकुचन को उत्तेजित करती है.
7. बालों के लिए
बीटा कैरोटीन की कमी के कारण शुष्क, सुस्त और बेजान बाल पैदा हो सकते हैं जो डंड्रफ़ का कारण हो सकते हैं. इसमें मौजूद विटामिन ए स्कैल्प में तेल के उत्पादन और संरक्षण करने में मदद करता है. यह सिर को हाइड्रेटेड रखता है और साथ ही बालों के टूटने के कारण और बालों के झड़ने को रोकने में मदद करेगा.
8. पीएमएस के दौरान
इसमें एक एंजाइम होता है जो रजोनिवृत्ति तक पहुंचने वाली महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के लिए एक प्राकृतिक विकल्प प्रदान करता है. इसकी जड़ स्तनपान के दौरान किसी अन्य जड़ी बूटी के संयोजन में प्रयोग की जाती है. विटामिन बी 6 महिलाओं में प्रेमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) के लिए एक महत्वपूर्ण सप्लीमेंट है.
9. अल्जाइमर में
रतालू में सीखने और मेमोरी को बढ़ाने की क्षमता भी होती है. यह मुख्य रूप से यम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होने के कारण होता है. रतालू का सेवन अल्जाइमर रोग का इलाज करने में भी मदद कर सकता है.
10. पोषक तत्वों का अवशोषण
रतालू स्वस्थ कोशिकाओं के लिए शरीर द्वारा आवश्यक मूल्यवान एंजाइमों की रक्षा करता है और शरीर की अच्छी हालत को बनाए रखता है. रतालू का रस पीने से सभी विटामिन और पोषक तत्वों को आसानी से शरीर में तरल रूप में अवशोषित किया जा सकता है.
रतालू के नुकसान
- इसके सेवन से पहले सावधानी बरतनी चाहिए.
- अगर आप किडनी या पित्त की बीमारी से पीड़ित हैं तो अपने चिकित्सक से बात करें क्योंकि छोटी मात्रा में भी ऑक्सलेट का सेवन किडनी की क्षति का कारण हो सकता है.
- इसके अधिक सेवन से मतली, उल्टी, सिरदर्द और दस्त जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं. इन दुष्प्रभावों में से कोई भी होने पर चिकित्सा सहायता लें.