कमर दर्द के लिए योगासन - Yoga For Waist Pain!
आजकल कमर दर्द की समस्या बहुत ही आम और बढ़ती जा रही है. यह समस्या किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है. वास्तव में इसके पीछे का मुख्य कारण मांसपेशियों में तनाव और जोड़ों में खिंचाव होना है. कुछ लोगों को कमर दर्द केवल अस्थायी रूप से होता है जबकि कुछ लोगों को बहुत परेशान कर देता है. यदि आपका दर्द कम गंभीर है तो आप कुछ योगासन अपनाकर अपनी कमर को मजबूत, स्ट्रेचिंग और रीढ़ और नसों के संचलन में सुधार करने में मदद कर सकते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से आप कमरदर्द के लिए आवश्यक व्यायामों को जानें.
बालासन
यह आपकी कमर और आपके कूल्हों को भी स्ट्रेच कर सकता है. आप इस आसान को कभी भी कर सकते हैं. बालासन करने के लिए जमीन पर वज्रासन में बैठ जाएँ. अब सांस लेते हुए दोनों हाथो को सैर के ऊपर उठा लें. आप सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर आएं कूल्हों से झुकते हुएं. और तब तक झुके जब तक कि आपकी हथेलियां जमीन पर न लग जाएँ. अब एक गहरी लम्बी सांस अंदर ले और बाहर छोड़ें. इस मुद्रा में आप जितनी देर रह सकते हैं उतनी देर रहें. बालासन हमारे लिए एक आरामदायक आसन है. इस आसन से कमर के साथ-साथ पूरे शरीर को आराम मिलता है.
धनुरासन
धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएँ. दोनों पैरो के घुटनो को मोड़ कर एड़ियों को कूल्हों पर टिकाएं. अब हाथो से अपने टखनों को पकड़ें. जितना हो सके उतना अपनी जांघों और छाती को ऊपर उठायें. कुछ देर इसी मुद्रा में रहे और वापिस पहले वाली पोजीशन में आ जाएँ. धनुरासन एक कठिन आसन है, जो हमारी हड्डियों में लचीलापन लाता है और उन्हें मज़बूत भी बनाता है.
र्धमत्स्येन्द्रासन
जब अर्धमत्स्येन्द्रासन की बात आती है तो आपके पास कई विकल्प होते हैं. यह एक बुनियादी और प्रभावशाली मरिचिआसन में से एक है. अपने बाएं पैर को सीधे रखें और अपना दाहिना पैर को मोड़ो ताकि आपका पैर सपाट रहें. सहायता के लिए अपने पीछे जमीन पर अपना दाहिना हाथ रखें और बाएँ हाथ की कोहनी को दाहिने घुटने पर रखें. अर्धमत्स्येन्द्रासन से हमारी रीढ़ की हड्डी मुड़ती है. आमतौर पर इस प्रकार का खिचाव हमें नहीं मिलता है. ये खिचाव रीड़ की हड्डी के लिए बेहद लाभदायक होता है.
गरुड़ासन
इसके ताड़ासन मुद्रा में खड़े हो जाएँ. अब घुटनों को थोड़ा सा मोड़ते हुए अपना दाहिना पैर उठाएं और अपनी बाईं ओर अपने दाएं जांघ पर रखें. अब फर्श पर अपने पैर की उंगलियों के साथ संतुलन करें,या अपने बाएं पिंडली के पीछे अपने दाहिने पैर को हुक दें. बाहों के लिए, बायीं तरफ दाहिनी बांह को ले जाएँ और कोहनी को झुकाने के साथ, अपने हथेलियों को एक साथ लाएं. आप अपने कोहनी को ऊपर खींचकर एक शक्तिशाली खिंचाव लें और अपने चेहरे से ऊपर हाथ निकाल लें. गरुड़ासन से कमर के मध्य भाग में खिचाव आता है, जो कि कमर की मांसपेशियों को खोलता है और उनमें एठन ख़त्म करता है.
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएँ. अपने पैरों के बीच उचित दूरी बना लें. अपने दाहिने पंजे को 10 डिग्री और बाएँ पंजे को 15 डिग्री तक घुमाएँ. सुनिश्चित करें की आपके पंजे जमीन को दबा रहे हैं और शरीर का भार दोनों पैरों पर समान रूप से हैं. एक गहरी लम्बी साँस अन्दर की ओर लें और साँस बाहर की ओर छोड़ते हुए अपने शरीर को दाहिने तरफ मोड़ें. अब कूल्हों से नीचे की तरफ जाएँ और अपनी कमर को सीधा रखते हुए अपने बाएँ हाथ को ऊपर हवा में उठाएँ और दाहिने हाथ को नीचे जमीन की तरफ ले जाएँ. त्रिकोणासन कमर के साइड की मांसपेशियों में खिचाव लाता है और साथ ही दर्द, कमज़ोरी और एठन को भी ख़त्म करता है.
हलासन
हलासन करने के लिए कमर के बल सीधे लेट जाएँ. बाजुओं को सीधा कमर की बगल में जमीन पर टिकाएं. दोनों पैसरो को एक दूसरे से मिलाकर रखें. आँखें बंद करके शरीर को ढीला छोड़ दें. अब कोहनियों को जमीन पर टिकाएं हुए दोनों हाथों से कमर को सहारा दें. इस मुद्रा में 1-2 सांस अंदर और बाहर लें और सुनिश्चित करें कि आपका संतुलन सही बना हुआ है. अब दोनों टांगों को बिलकुल पीछे ले जाएँ. जितना संभव हो सकें उतनी देर इस मुद्रा में रहें. और फिर पैरो को धीरे धीरे वापिस ले आएं. कमर दर्द के लिए हलासन आसन के फायदे - हलासन से कमर की ऊपरी भाग और गर्दन में खिचाव आता है.
श्वानासन
यही एक कारण है कि अधो मुख श्वानासन योग की सबसे प्रतिष्ठित मुद्राओं में से एक है. यह आपके पूरे शरीर को फिर से जीवंत कर सकता है. अपने हाथों और पैरों के बल आएं और शरीर को एक मेज़ की स्थिति में लाएं. साँस छोड़ते हुए कमर को ऊपर उठाएं. अपने घुटने और कोहनी को मजबूती देते हुए अपने शरीर से उल्टा वी (V) बनाएं. हाथ कंधो के जितनी दूरी पर होने चाहिए. पैर कमर की दूरी के बराबर और एक दुसरे के समानांतर होने चाहिए. अपनी नज़र नाभि पर बनाये रखें. साँस छोड़ते हुए घुटनो को मोड़े और वापस मेज़ वाली स्थिति में आएँ. अधो मुख श्वानासन से पिड़लियों से लेकर गर्दन तक शरीर के पूरे पिछले हिस्से में खिचाव आता है. ये आसन कमर दर्दे के लिए बहुत फ़ायदेमंद है.
शलभासन
अपने पेट के बल लेट जाएँ और बगल में अपने हाथ टिकाएं. ठोड़ी को थोड़ा आगे लाएं और जमीन पर रख लें. आँखें बंद करके शरीर को ढीला छोड़ दें. अब धीरे धीरे जितना हो सके अपने टांगों को उतना ऊपर उठायें. टांगों को उठाते समय दोनों एक साथ रहनी चाहिए और अपने हाथो से जमीन पर दबाव बनायें. उसके बाद 30 सेकंड से एक मिनट तक ऐसे ही रहे और धीरे धीरे टांगों को निचे ले आएं. लभासन से कमर का निचला हिस्सा मज़बूत होता है. इस आसन को अपने शारीरिक क्षमता के अनुसार करें, जितना हो सके उतना ही टांगों को ऊपर उठाएं.
पाश्चिमोतानासन
अपने पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएँ, धीरे धीरे कूल्हों पर से झुकते हुए अपने पैरों, टखनों को पकड़ें. अपनी कमर को गोल करने के बजाय, अपने उरोस्थि को आगे बढ़ाना जारी रखें और धड़ को लंबा करें. यदि इससे आपकी कमर को दर्द होता है, तो अपने घुटनों को ज़रूरत के मुताबिक मोड़ो. पाश्चिमोतानासन कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को खोलता है और दर्द व एठन को भी कम करता है. इस आसन को वो लोग न करें जिनके कमर के निचले हिस्से में चोट या स्लिप डिस्क है.