सीलिएक रोग: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज - Celiac Rog: Gharelu Upchar, Ilaj Aur Parhej!
सिलिएक रोग जिसे कई बार स्प्रू या कोएलियाक के नाम से भी पुकारा जाता है. सिलिएक रोग के ग्लूटेन खाए जाने पर हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम द्वारा दिया गया रिएक्शन होती है. आपको बता दें कि ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो गेहूं, जौ और राई में मौजूद होता है. ऐसा कहा जाता है कीसिलिएक रोग एक ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर होता है, जिसमें पारिवारिक या आनुवंशिक घटक हो सकते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम सिलिएक रोग के घरेलू उपचार, इलाज और परहेज के बारे में जानकारी प्राप्त करें ताकि इस विषय में हमारी जागरूकता बढ़ सके.
सिलिएक रोग के लक्षण-
इसके लक्षणों में आमतौर पर पाचन प्रणाली संबंधी समस्याएं शामिल होती हैं जिसमें पेट में समस्या, पेट में फुलाव, मतली और दस्त आदि शामिल हैं. इस रोग में किसी व्यक्ति को दस्त और पेट में दर्द हो सकता है, जबकि दूसरे व्यक्ति को उदासी या चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है. बच्चों में चिड़चिड़ापर इस रोग का सबसे सामान्य लक्षण होता है. कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको कोई लक्षण महसूस ही नहीं होता. सिलिएक रोग आनुवंशिक होता है. इस रोग का पता लगाने में खून टेस्ट डॉक्टर की मदद कर सकता है. डॉक्टरों को आपकी छोटी आंत के ऊतक का सेंपल लेकर उसका परीक्षण करने की जरूरत भी पड़ती है. सिलिएक रोग के उपचार में सख्ती से ग्लूटेन मुक्त भोजन का पालन करना शामिल होता है.
सीलिएक रोग का इलाज-
सिलिएक रोग और ग्लूटेन प्रोटीन के कारण होने वाली छोटी आंत में सूजन व लालिमा का एकमात्र उपचार “जीवनभर ग्लूटेन मुक्त आहार का पालन करना” होता है. जैसे की ज्यादातर लोगों में ग्लूटेन फ्री आहार से लक्षण ठीक होने लगते हैं. लेकिन कुछ मरीजों में ग्लूटेन फ्री आहार भी असामान्य दर्द और कुअवशोषण जैसे लक्षणों को नियंत्रित करने में असफल हो जाता है. इन रोगियों को आहार उपचार के लिए अपवर्तक (रेफरेक्टरी) माना जाता है. यदि डाइट थेरेपी लक्षणों को शांत करने में असफल हो जाती है, तो रेफरेक्टरी सिलिएक रोग का उपचार उन दवाओं के साथ किया जाता है जिनका उपयोग अन्य विकारों में सूजन व लालिमा को कम करने के लिए किया जाता है. उपचार में निम्न दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है:
- कोर्टिकोस्टेरॉयड
- एजाथियोप्राइन
- साइक्लोस्पोरिन
सिलिएक रोग के लिए परहेज-
यह एक आनुवंशिक प्रकृति होती है और इसलिए इसकी रोकथाम नहीं की जा सकती. जीवनभर ग्लूटेन वाले खाद्य पदार्थों से बचना ही इसका एकमात्र उपचार है. आहार के प्रति एक सख्त अवलोकन रखने की मदद से आंतें सामान्य रूप से ठीक हो जाती हैं और लक्षण गायब होने लगते हैं. लेकिन अगर आप ग्लूटेन खाना शुरू करते हैं तो फिर से सिलिएक रोग के लक्षण उभरने लग सकते हैं. मरीज को पता होना चाहिए कि किस भोजन में ग्लूटेन है और किस में नहीं है. लेकिन हर प्रकार के भोजन में ग्लूटेन का पता लगाना काफी कठिन होता है क्योंकि कई खाद्य पदार्थों में गुप्त तरीके से ग्लूटेन पाया जा सकता है. एक आहार विशेषज्ञ, सिलिएक रोग से ग्रस्त व्यक्ति की स्वस्थ आहार का पालन करने में मदद कर सकता है.
ग्लूटेन वाले और बिना ग्लूटेन वाले उत्पाद-
ऐसे कई सारे आहार आते हैं जो ग्लूटेन फ्री होते हैं. इनमें ग्लूटेन फ्री ब्रेड, पास्ता, कुकीज और कई अन्य आहार शामिल हैं. जो निर्माता फ़ूड प्रोडक्ट को बनाते है, उन्हें उसमे उपयोग की जाने वाली सामग्री के बारे में सभी जानकारी प्रदान करनी पड़ती है. आपको प्रोडक्ट खरीदने से पहलें प्रोडक्ट पर लिखे लेबल को अच्छी तरह से पढ़ लें. ग्लूटेन फ्री आहार जैसे ब्रैड, आटा, पास्ता और अन्य खाद्य पदार्थ बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. “ग्लूटेन फ्री” वर्ड का मतलब पूरी तरह से ग्लूटने फ्री आहार नहीं होता है, बल्कि इसका मतलब ये होता है कि इस आहार में ग्लूटेन कि नुकसानदायक मात्रा को शामिल किया गया है. जो व्यक्ति ग्लूटेन मुक्त आहार का पालन करता है, उसको निम्न चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए:
ऐसे किसी भी खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, जो गेंहू, राई, चोकर, समृद्ध आटा, बल्गर और जौं आदि से बने हैं.
इनसे बने खाद्य पदार्थों में पास्ता, ब्रेड, बिस्कुट, केक और कुकीज इत्यादि शामिल हैं.
- बीयर और अन्य अनाज से बने शराब
- ओट्स, कुछ प्रकार के ओट की सामग्री में गेंहू मिश्रित हो सकती है.
- ऐसे कई प्रोसेसेड फूड (तैयार खाद्य पदार्थ) पदार्थ होते हैं, जिनमें ग्लूटेन शामिल होता है:
- चटनी मसाला, कैचअप और सरसों
- डिब्बाबंद सूप
- आइस क्रीम और कैंडी
- प्रोसेसेड और डिब्बाबंद मीट और सॉस आदि.
- सोया सॉस