चिकेन पॉक्स के लक्षण - Chicken Pox Ke Lakshan!
चिकेन पॉक्स एक समय में महामारी के रूप में जाना जाता था. लेकिन अब तो इसका शत-प्रतिशत इलाज उपलब्ध है. ये वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस के कारण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. इससे बीमारी से आपके त्वचा पर छाले या फफोले जैसे रैशेस, थकान, खुजली और बुखार होता है. यह रैशेज़ सबसे पहले पीठ, पेट और चेहरे पर पहले दिखाई देता है और फिर पूरे शरीर में फैल जाता है. चिकेन पॉक्स ज्यादातर बच्चों, वयस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में फैल सकता है. चिकेन पॉक्स से खुद को बचाने का सबसे बेहतर विकल्प चिकेन पॉक्स वैक्सीन प्राप्त करना है. इस बीमारी से ठीक होने में लगभग 2 सप्ताह लग सकते है. यह वेरिसेला-ज़ोस्टर वायरस ज्यादातर नेजल ड्रॉप्स या संक्रमित व्यक्ति के त्वचा के घावों या रैशेज़ के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट से फैलता है. स्वस्थ बच्चों में चिकेन पॉक्स के लिए किसी प्रकार के चिकित्सा निदान की जरुरत नहीं होती है. यह बीमारी स्वतः ही ठीक हो जाती है. आइए इस लेख में हमलोग चिकेन पॉक्स के लक्षणों पर एक नजर डालें.
चिकेन पॉक्स के लक्षण-
चिकेन पॉक्स संक्रमण वायरस के कॉन्टैक्ट में आने के 10 से 21 दिन बाद होता है. इसके लक्षण 5 से 10 दिनों तक रह सकता है. यदि आपके त्वचा पर दाने हो रहे है तो यह चिकेन पॉक्स होने का संकेत हो सकता हैं. चिकेन पॉक्स वायरस नवजात बच्चे या 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है. इसके अन्य लक्षण जो रैशेस होने से एक से दो दिन पहले हो सकते हैं, वो इस प्रकार हैं:
- इसके शुरुआती लक्षणों में आपको तेज बुखार बुखार हो सकता है जो 7 से 10 दिनों तक रह सकता है. यह बुखार 102 डिग्री सेल्सियस से 104 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है.
- इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक जोड़ो में दर्द होना है. यह दर्द इतना तेज होता है की आपको हाथ-पैर का मूवमेंट करने में भी परेशानी होती है. कई बाद दर्द के साथ सूजन भी हो सकता है. यह दर्द कुछ दिनों तक रहता है फिर संक्रमण के आने के साथ स्वतः ही ठीक हो जाते है.
- इसके अलावा त्वचा पर चकत्ते या रैशेज़ पड़ सकते हैं जो हफ्ते से 10 दिन तक रह सकते है. यह रैशेज़ दाने, छाले या फिर खुजली वाले घाव के रूप में हो सकते है. यह मुख्य रूप से चेहरे, हथेली या फिर जांघों पर दिखाई दे सकते है.
- इसके अन्य लक्षणों में मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना और उल्टी की इच्छा हो सकती है. अगर यह लक्षण नजर आते है तो सबसे पहले अपना ब्लड टेस्ट करवाएं और उचित उपचार करें.
चिकेन पॉक्स का उपचार-
जब चिकेन पॉक्स निकलती है तो यह बहुत संक्रामक हो सकता है. यह प्रभावित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत आसानी से फैल सकता है. यदि आपको चिकेन पॉक्स का टीका कभी नहीं लगवाया है, तो आपको चिकेन पॉक्स होने का जोखिम अधिक हो सकता है. इसलिए, चिकेन पॉक्स वायरस से बचने के लिए टीका प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. यह टीका 1 वर्ष की आयु के सभी स्वस्थ बच्चों और जिनको यह अबतक नहीं हुआ हो या उन लोगों के लिए जिन्हे याद नहीं कि बचपन में टीका लिया था या नहीं. इस बीमारी से पीड़ित पीड़ित होने पर आराम करना सबसे ज्यादा जरुरी होता है. जितना ज्यादा हो सके घर पर रहें. इसके अलावा डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पानी का अधिक सेवन करें. ऑयली और स्पाइसी खाने से परहेज करें.