मलेरिया का उपचार - Maleria Ka Upchar!
मलेरिया प्रोटोजोआ पैरासाइट द्वारा फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है. मलेरिया के पैरासाइट का वाहक का नाम मादा एनोफिलेज मच्छर है. इसके काटने पर मलेरिया के पैरासाइट रेड ब्लड सेल्स में प्रवेश करके बढ़ने लगते हैं. इससे एनीमिया के लक्षण अनुभव होने लगता हैं, जिसमे चक्कर आना और सांस फूलना इत्यादि शामिल है. इसके अलावा, बुखार, जुखाम, उबकाई, और सर्दी आदि जैसे लक्षण भी अनुभव हो सकते हैं. गंभीर स्थिति में रोगी बेहोश भी हो सकता है. मलेरिया सबसे सामान्य संक्रामक रोगों में से एक है और एक गंभीर जन समस्या है. मलेरिया में बुखार से पीड़ित होने पर मरीज को बहुत ठंड लगती है. इस बुखार में मरीज के शरीर का ताममान 101 से 105 डिग्री फॉरेनहाइट तक बना रहता है. मेडिकल साइंस में प्रगति के बावजूद अभी तक हम मलेरिया को जड़ से खत्म करने में हम कामयाब नहीं हो पाये हैं. ऐसे में मलेरिया का इलाज कुछ घरेलू नुस्खों से किया जा सकता है. आइए इस लेख के माध्यम से हम मलेरिया के उपचार के बारे में जानें ताकि इस विषय में जागरूक हो सकें.
1.गिलोय-
गिलोय एक आयुर्वेदिक बेल है, जो मलेरिया होने पर बुखार को कम करने में सहायक होता हैं. गिलोय के काढ़े या रस में शहद मिलाकर 40 से 70 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना सेवन करने से मलेरिया में बहुत लाभकारी होता है. बुखार से राहत पाने के लिए लगभग 40 ग्राम गिलोय को क्रश कर मिट्टी के बर्तन में पानी मिलाकर रात भर के लिए ढक कर छोड़ दें. सुबह इसे मसल कर छानकर रोगी को अस्सी ग्राम मात्रा दिन में तीन बार पीने से बुखार दूर हो जाता है.
2.नीम-
नीम का पेड़ एंटी-मलेरिया-रोधी के रूप में लोकप्रिय है. यह एंटी वायरस पेड़ है. मलेरिया सामान्यत: मच्छरों के काटने से होता है. इसके मुख्य लक्षणों में सर्दी, कंपकपाहट, तेज बुखार, बेहोशी, बुखार उतरने पर पसीना छूटना, आदि शामिल हैं. मलेरिया के लक्षणों से राहत पाने के लिए नीम के तने की छाल का काढ़ा दिन में तीन बार पिलाने से लाभ होता है. इससे बुखार में आराम मिलता है. नीम के थोड़े से हरे पत्ते और चार काली मिर्च एक साथ पीस लें. इसके बाद इसे थोड़े से पानी में मिलाकर उबाल लें. इस पानी को छानकर पीने से लाभ होता है. इसके अलावा नीम तेल में नारियल या सरसों का तेल मिलाकर शरीर पर मालिश करने से भी मच्छरों के कारण उत्पन्न मलेरिया का बुखार उतर जाता है.
3.तुलसी-
भारत में तुलसी को पूजनीय भी माना जाता है. यह कई बीमारियों में उपयोग किया जाता है. अपने घर में तुलसी का पौधा जरूर लगाएं. मलेरिया के उपचार के लिए 10 ग्राम तुलसी के पत्ते और 7-8 मिर्च को पानी में पीसकर सुबह और शाम लेने से बुखार ठीक हो जाता है. इसमें आप शहद भी मिला सकते हैं. अनेक गुणों के साथ ही तुलसी मच्छरों को भगाने में भी मददगार साबित होती है.
4.अदरक-
अदरक का सेवन भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ मलेरिया के इलाज के लिए भी काफी लाभदायक होता है. थोड़ी सी अदरक लेकर उसमें 2-3 चम्मच किशमिश डालकर पानी के साथ उबालें. जब तक पानी आधा नहीं रह जाता इसे उबालते रहें. थोड़ा ठंडा होने पर इसे दिन में दो बार लें. इससे मलेरिया का बुखार कम करने में बहुत मदद मिलती है. इसके अलावा, मलेरिया होने पर हरसिंगार के पत्ते का सेवन अदरक के रस के साथ शक्कर मिलाकर किया जाये तो मलेरिया में लाभ होता है.
5.अमरुद-
अमरुद का सेवन मलेरिया में लाभप्रद होता है. यदि किसी को मलेरिया हो जाए तो उसे रोज दिन में तीन बार उसे अमरूद अवश्य खिलाएं. बहुत प्रभावी रहेगा. अमरूद के मुकाबले इसके छिलके में विटामिन ‘सी’ बहुत अधिक होता है. इसलिए अमरूद को छिलका हटाकर कभी न खाएं.
ये भी करें-
मलेरिया के इलाज के लिए ताजा फल और ताजा के फलों का जूस देना बहुत फायदेमंद रहता है. साथ ही तरल पदार्थों को कुछ-कुछ समय के अंतराल में लेते रहना चाहिए. खासकर नींबू पानी. इसके अलावा, इसके इलाज में हल्का व्यायाम और टहलना भी अच्छा रहता है. लेकिन, याद रखें ये सब कुदरती उपाय चिकित्सीय परामर्श का विकल्प नहीं हैं. आपको चाहिये कि जरूरी दवाओं का सेवन अवश्य करते रहें.