नवरात्रि डायट प्लान, कैसे रखें नवरात्रि में साधना और सेहत दोनों का ख्याल
नवरात्रि यानी उत्सव, साधना, उल्लास सबकुछ। ऐसे में खाने पीने में नियंत्रण रख पाना बहुत मुश्किल है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि ब्रत रखने वालों को यह चिंता हो जाती है कि वो क्या खाएं क्या नहीं। कई बार ऐसा भी होता है कि व्रत के बाद व्रत करने वालों का वजन और भी बढ़ जाता है।
नवरात्रि के दौरान वजन बढ़ने के कारण
नवरात्रि के त्योहारी सीजन में वजन बढ़ना आम बात है। विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के अलावा, व्रत के दिनों में आपका दिल सामान्य से अधिक खाने के लिए ललचाता है, यहाँ कुछ अन्य कारण हैं जिनकी वजह से इस मौसम में आपका वजन बढ़ सकता है:
उपवास के दौरान कोई अपने आप को पर्याप्त रूप से हाइड्रेट नहीं रख पाता है। डिहाइड्रेशन से आपके शरीर में पानी बरकरार रहता है, पानी आपके शरीर में रुका रहती है जिससे आपका वजन बढ़ता है।
चूंकि यह त्योहारों का मौसम है, ऐसे में यह बहुत बड़ी संभावना है कि कोई बी स्वस्थ विकल्पों को छोड़ सकते हैं और ऐसे खाने को अपना ले जो इसके बजाय आप उत्सव के अतिरेक में ऐसी चीजें खाते हैं जो आपकी कैलोरी को बढ़ाते हैं। इसमें कुछ खाद्य पदार्थों में हाई-कार्ब, डीप-फ्राइड व्यंजन और मिठाइयाँ भी शामिल हैं। व्रत के दिनों आप अपने आहार में पर्याप्त फाइबर शामिल नहीं कर सकते हैं, जो ताजे फल और सब्जियां हैं।
यह भी बहुत हद तक मुमकिन है कि लंबे समय तक उपवास करने के बाद आप ऐसी चीजें खाने के लिए ललचा सकते हैं जो वजन बढ़ाने में योगदान देता है। इसमें फास्टफूड, डीप फ्राइड नान वेज सब शामिल हो सकता है।
नवरात्रि के डायट प्लान आपके शरीर को डिटॉक्स और शुद्ध करने और अतिरिक्त वजन कम करने के लिए आवश्यक होना चाहिए। विशेष रूप से सभी स्वादिष्ट, उत्सव के भोजन के साथ जो नौ दिवसीय उत्सव का हिस्सा है। साल के इस समय में वसा और कार्ब्स से भरपूर तैलीय और तले हुए व्यंजनों का सेवन करना कोई असामान्य बात नहीं है। ऐसे में इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि नवरात्रि डायट प्लान क्या और कैसा होना चाहिए।
नवरात्रि डायट प्लान कैसा हो
इस त्योहारी सीजन के दौरान वजन बढ़ने से रोकने और अपने स्वस्थ वजन को बनाए रखने के लिए नवरात्रि डायट प्लान कुछ ऐसा होना चाहिए:
पहला दिन
नवरात्रि के पहले दिन नाश्ते में आप दालचीनी के साथ पानी को डिटॉक्स करें तो अच्छी शुरुआत कही जा सकती है। इसके अलावा 5-7 भीगे हुए बादाम और बादाम के दूध और चिया सीड्स के साथ फ्रूट स्मूदी भी ली जा सकती है। लंच या दिन के खाने में लौकी की सब्जी कुट्टू रोटियों और एक ताजे नारियल के पानी के साथ लिया जा सकता है। इसके बाद शाम की चाय या शाम के नाश्ते में एक मध्यम साइज सेब या केला और कम चीनी वाली एक कप चाय आपके शाम का मूड बना सकती है। इसके बाद रात के खाने या डिनर में दही के साथ सब्जी साबूदाने की खिचड़ी या फिर ग्रील्ड पनीर लिया जा सकता है।
दूसरा दिन
नवरात्रि के दूसरे दिन नाश्ते में उबले हुए आलू की चाट और एक केले की लस्सी के साथ बेक किया हुआ साबूदाना लिया जा सकता है। इसी तरह दिन में खाने या लंच में दही वाले आलू कुट्टू रोटियों और सलाद के साथ खाने से वजन भी नहीं बढ़ेगा । शाम के नाश्ते में एक मध्यम आकार की नाशपाती और एक कप ग्रीन टी ली जा सकती है। वहीं रात के खाने में पुदीने की चटनी के साथ हल्का ग्रिल किया हुआ पनीर और मखाना खीर ली जा सकती है।
तीसरा दिन
तीसरे दिन के नाश्ते में बादाम के दूध में चिया सीड्स, मखाने से बना दलिया और ऐमारैंथ से डिटॉक्स वॉटर लिया जा सकता है। दिन के खाने में समक चावल पुलाव पुदीना और जीरा रायता और एक कप अनार के साथ लेना उपयुक्त लगेगा। शाम के नाश्ते में बिना चीनी और मुट्ठी भर बादाम बादाम के दूध में बनी मिक्स्ड फ्रूट स्मूदी लिया जाना बेहतर होगा। वहीं रात के खाने में कद्दू और लौकी का सूप और भुना हुआ मखाना चुटकी भर सेंधा नमक और बेक्ड शकरकंद चाट के साथ लिया जाय तो स्वास्थ्य के साथ स्वाद भी मिलेगा।
चौथा दिन
चौथे दिन के नाश्ते में अपनी पसंद के भीगे हुए मेवे और मिक्स फ्रूट सलाद लेकर दिन की शुरुआत की जा सकती है। दिन का खाने में कुट्टू के आटे से बना डोसा और लौकी और कद्दू जैसी सब्जियों के साथ नारियल और टमाटर की चटनी से भरा हुआ डोसा लिया जा सकता था। शाम के नाश्ते में शकरकंद की चाट में थोड़ा सा सेंधा नमक और एक कप ग्रीन टी मिलाएं। जबकि रात का खाना पुदीने की धनिये की चटनी के साथ बेक की हुई साबूदाना टिक्की लेना उपयुक्त होगा।
पांचवां दिन
पांचवे दिन के नाश्ते में दालचीनी डिटॉक्स वॉटर, फ्रूट स्मूदी बाउल के ऊपर चिया सीड्स और मिश्रित मेवे डालकर खाई जा सकती है। दिन के खाने में
सामक चावल से बनी इडली, पुदीना और नारियल की चटनी और नारियल पानी बेहतर होगा। वहीं पांचवें दिन शाम के नाश्ते में भुना हुआ मखाना और एक कप कॉफी कम चीनी और बादाम दूध के साथ लें। रात के खाने में दही में कच्चे केले की सब्जी, कुट्टू के चीले और सलाद के साथ राजगिरा के लड्डू खाकर पांचवे दिन का अंत किया जा सकता है।
छठा दिन
आप आधे से ज्यादा नवरात्रि का व्रत पार कर चुके हैं। इस दिन की शुरुआत
अजवाइन डिटॉक्स वॉटर, व्रत वाले लड्डू एक गिलास मलाई रहित दूध के साथ की जा सकती है। दिन के खाने में दही वाली अरबी के साथ समक चावल और सलाद और एक गिलास पुदीना छाछ लें और शाम के नाश्ते में एक कप चाय के साथ भुना हुआ पनीर लिया जा सकता है। वहीं रात के खाने में पुदीने की चटनी के साथ बेक किए हुए शकरकंद कटलेट के साथ कद्दू का सूप लेना उपयुक्त होगा।
सातवां दिन
अब नवरात्रि समाप्त पर है ऐसे में सातवें दिन सुबह का नाश्ता नारियल और पुदीने की चटनी के साथ चिया सीड वाटर और ऐमारैंथ डोसा का सेवन किया जा सकता है। दिन के खाने में कद्दू का सूप, भुना पनीर और उबले आलू का सलाद खाएं। शाम के नाश्ते में स्किम्ड दूध में बनी साबूदाना खीर का सेवन उपयुक्त है तो रात के खाने में अरबी करी कुट्टू रोटियों और खीरे के सलाद के साथ घर के बने केले के चिप्स से स्वाद बढाया जा सकता है वो भी सेहत से बिना समझौता किए हुए।
आठवां दिन
अब नवरात्रि समाप्त पर है। बहुत से लोग नवरात्री का पारण अष्टमी को ही कर देते हैं। लेकिन अगर आप नवरात्रि डायट प्लान पर हैं तो नाश्ते की शुरुआत अजवायन एक ताजे नारियल से पानी, फलों का सलाद और डिटॉक्स पानी से कर सकते हैं। दिन के खाने में उबले आलू की सब्जी सिंघाड़ा रोटी ली जा सकती है। इसके साथ सलाद भी ली जा सकती है। शाम के नाश्ते में पके हुए केले के चिप्स और एक कप कॉफी कम चीनी और कम दूध के साथ ले और रात को हल्का खाएं जैसे दही के साथ समक चावल की खिचड़ी और गुड़ लस्सी।
नवां दिन
नवरात्रि के आखिरी दिन नाश्ते में दालचीनी पानी का प्रयोग करें। यह शरीर को डिटॉक्स करती है। इसके साथ मुट्ठी भर अखरोट के साथ सेब और केला शेक ले सकते हैं। दिन के खाने में उबले हुए आलू और भुने हुए मखाने और पालक को हल्का सा भून करा खा सकते है। इसके साथ एक केला भी ले सकते हैं। वहीं शाम के नाश्ते में गुड़ की लस्सी और रात के खाने में दही वाले आलू की सब्जी सिंघाड़ा रोटी खीरे के सलाद के साथ ली जा सकती है।
नवरात्रि के दौरान संतुलित भोजन करें
नवरात्रि के दौरान तले, तेल और वसायुक्त खाद्य पदार्थों से बचें और पेट भरने के लिए प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फुल फैट वाले डेयरी उत्पादों को स्किम्ड दूध, कम वसा वाले पनीर, कम वसा वाले दही और बादाम के दूध से भी बदल सकते हैं। सब्जियां, फल और अनाज जैसे अधिक फाइबर शामिल करें। इससे आपका वजन नियंत्रित रहता है।
नियमित अंतराल पर खाएं, हाइड्रेट रहें और व्यायाम करें
अपने भोजन को छोटे भागों में तोड़ें और उन्हें नियमित अंतराल पर खाएं ताकि आपको बार-बार भूख न लगे। उपवास के दौरान आपका ब्लड ग्लूकोज़ गिर सकता है, इसलिए तृप्त रहने के लिए नियमित अंतराल पर और कम मात्रा में खाएं।
पूरे दिन पानी, नारियल पानी, घर का बना जूस और अन्य कम कैलोरी, गैर-शर्करा तरल पदार्थ पीते रहें, क्योंकि तरल पदार्थ विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद करते हैं। नवरात्रि उपवास के दौरान सैर या योग का अभ्यास करके खुद को सक्रिय रखें, जो आपके वजन प्रबंधन प्रयासों को अधिकतम करने में मदद करता है।
इन चीजों के बचें
- मसालेदार, तला और फैट की जगह उबला हुआ, स्टीम्ड या हल्का तला हुआ भोजन चुनें।
- अतिरिक्त चीनी और सोडियम से भरे पैकेज्ड खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें।
- उपवास के दौरान खुद को भूखा न रखें या लंबे समय तक भूखे न रहें।
- पैकेज्ड नवरात्रि स्नैक्स जैसे व्रत चिप्स और मिठाई खाने के बजाय, नट्स, ताजे फल, मखाने, शकरकंद सलाद आदि जैसे स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनें।