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Last Updated: Jul 05, 2023
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Omega-3 Deficiency - How It Affects You?

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Dr. Swarnshikha SharmaDietitian/Nutritionist • 16 Years Exp.Doctrate In Dietetics, PhD - Psychology
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ओमेगा -3 फैटी एसिड खाद्य पदार्थों और पूरक आहार में मौजूद होते हैं। वे उन झिल्लियों को बनाए रखने में मदद करते हैं जो शरीर की सभी कोशिकाओं को अच्छी तरह से काम करती हैं।

ओमेगा -3 फैटी एसिड तीन प्रकार के होते हैं:

  • अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए)
  • ईकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए)
  • डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए)

एएलए ज्यादातर पौधों के तेलों में मौजूद होता है, जैसे कि चिया सीड्स, अलसी और अखरोट। डीएचए और ईपीए ज्यादातर ठंडे पानी की वसायुक्त मछली,जैसे मैकेरल,सैल्मन, हेरिंग और सार्डिन में मौजूद होते हैं।

एक व्यक्ति का शरीर एएलए की थोड़ी मात्रा को डीएचए और ईपीए में बदल सकता है। विशेषज्ञों ने अभी तक यह स्थापित नहीं किया है कि किसी व्यक्ति को कितना डीएचए और ईपीए चाहिए।

ओमेगा 3 से  लाभ

किसी व्यक्ति के शरीर में कोशिकाओं के बुनियादी रखरखाव से परे, प्रारंभिक शोध ने ओमेगा -3 फैटी एसिड को कई अन्य स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा है। प्रारंभिक अध्ययनों से संकेत मिले हैं कि ओमेगा -3 फैटी एसिड किसी व्यक्ति को अपने शरीर की कोशिकाओं के बुनियादी रखरखाव से परे लाभ पहुंचाते हैं। वैसे यह लाभ किस हद तक होते हैं इसे लेकर अभी विस्तृत शोध दुनिया भर में चल रहे हैं। अब तक के अध्ययनों में पाया गया है कि जो लोग मछली खाते हैं, जो ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक प्रमुख स्रोत है, आमतौर पर मछली नहीं खाने वालों की तुलना में विभिन्न दीर्घकालिक बीमारियों का जोखिम कम होता है। मछली में मौजूद ओमेगा-3 को इसका कारण माना जाता है।

सूजन को कम कर सकता है

एक अध्ययन  साबित किया है कि डीएचए और ईपीए को सूजन की प्रक्रिया को कम करने में बहुत प्रभावी हैं। इसमें विभिन्न हृदय रोगों में होने वाले फायदे भी शामिल हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को फिश-ऑयल सप्लीमेंट लेने से लाभ होता दिखाई दिया है। माना जाता है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड के सूजन रोधी और सूजन को कम करने वाले गुणों को वजह से ये लाभ मिलता है।

दिल का दौरा पड़ने से बचाता है

कुछ अध्ययनों में सबूत मिले हैं कि ओमेगा -3 की खुराक लेने से व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो सकता है।इसके अलावा एक अन्य शोध में पाया गया है कि ओमेगा -3 की खुराक लेने से व्यक्ति के ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। ट्राइग्लिसराइड्स वसा होते हैं, और यदि किसी व्यक्ति में इनकी अधिकता होती है, तो उन्हें हृदय रोगों का खतरा अधिक होता है।

ओमेगा -3 की खुराक लेने से अफ्रीकी अमेरिकियों को फायदा हो सकता है। पूरक प्राप्त करने वाले अश्वेत प्रतिभागियों ने प्लेसीबो लेने वालों की तुलना में दिल के दौरे में 77% की कमी देखी।

मोटापे से निपटने में मदद कर सकता है

ऐसे बहुत से लोग हैं जिनका मानना हैकि ओमेगा 3 की खुराक मोटापे से निपटने में काफी मदद करती है। कुछ अध्ययनों में इसके संकेत भी मिले हैं।

शिशु स्वास्थ्य में योगदान दे सकता है

जिन माताओं ने मछली के तेल की उच्च खुराक ली थी, उनमें प्लेसीबो लेने वाली माताओं के बच्चों की तुलना में अस्थमा विकसित होने की संभावना कम थी। ओमेगा 3 को शिशु के स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण माना गया है।

अवसाद का दुश्मन ओमेगा 3

अवसाद यानी डिप्रेशन इन दिनों ऐसी बीमारी बन गयी है जो बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को अपनी जद में ले रही है। डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को उदासी, सुस्ती, घबराहट, अनिच्छा, समाज से कटने की चाहत होती। डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति चिंता से ग्रस्त भी होता है। ऐसे में यह पाया गया है कि जो लोग ओमेगा 3 खाते हैं उनके डिप्रेशन में जाने की संभावना कम ही होती है। इसके अलावा डिप्रेशन का शिकार हो चुके लोगों को भी ओमेगा 3 से लाभ होने के संकेत मिले हैं।

हड्डियों का दोस्त ओमेगा 3

बढ़ती उम्र और बजलती जीवनशैली ने ऑस्टियोपोरोसिस और आर्थेराइटिस के रोग को कई घरों में आम बना दिया है। इस बीमारी में हड्डियों का स्वास्थ्य इस कदर बिगड़ जाता है कि खड़े होना, चलना फिरना, सामान्य जीवन में दिक्कत होने लगती है। कई तरह के शोध में सामने आया है कि ओमेगा -3 का सेवन करने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढती है और इससे हड्डियों को लाभ मिलता है। शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाकर हड्डियों की ताकत में सुधार करने में सक्षम ओमेगा 3 ऑस्टियोपोरोसिस होने से बचा सकता है।

ऑटोइम्यून रोगों से बचाता है

ओमेगा -3 आटोइम्यून बीमारियों में से कुछ बीमारियों का मुकाबला कर सकता है। ऑटोइम्यून बीमारियों में, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो जाती है और कई ऐसे तत्वों को आक्रांता मान लेती है। कई बार शरीर के कुछ तत्वों को ही फारेन बाडी मानकर उन पर हमला कर देती है।  टाइप 1 डायबटीज भी ऐसा ही एक आटोइम्यून डिजीज है जिसमें शरीर की  प्रतिरक्षा प्रणाली आपके इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला करती है।

ओमेगा 3 से होने वाले नुकसान

ओमेगा -3 की खुराक लेने के दुष्प्रभावों में मतली और सिरदर्द शामिल हैं। ओमेगा -3 की खुराक से होने वाले दुष्प्रभाव आमतौर पर हल्के होते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • बदबूदार सांस
  • बदबूदार पसीना
  • सिर दर्द
  • पेट में जलन
  • जी मिचलाना
  • दस्त

कई बार ओमेगा -3 सप्लीमेंट की उच्च खुराक लेने से रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति रक्त को थक्के बनने से रोकने एंटीकोआगुलंट्स दवाएं ले रहा है तो उसे दिक्कत हो सकती है।

ओमेगा -3 फैटी एसिड व्यक्ति के पोषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और शरीर में सभी कोशिकाओं के बुनियादी स्वास्थ्य में योगदान करते हैं। अधिकांश लोगों को अपने आहार में पर्याप्त ओमेगा -3 फैटी एसिड प्राप्त कर सकते हैं। ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक प्रमुख स्रोत मछली है। इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि अधिक मछली खाने से व्यक्ति को हृदय संबंधी बीमारियों के विकास की संभावना कम हो सकती है। हालांकि, कई बीमारियों पर ओमेगा 3 के होने वाले प्रभाव को लेकर शोध जारी है।

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