गर्भावस्था के दौरान सोते-सोते पीठ दर्द को कहें बाय-बाय
गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए एक खूबसूरत अनुभव है लेकिन इस खूबसूरती के साथ-साथ गर्भावस्था के नौ महीने के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इन्ही परेशानियों में से एक है पीठ का दर्द। अधिकतर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द की जटिल परेशानी का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से ऐसे तरीकों के बारे में बताएंगे जिनका इस्तेमाल करके आप सोते-सोते पीठ दर्द की समस्या को मिटा देंगे। इसके अलावा ऐसे और भी उपाय बताएंगे, जिसके माध्यम से आपको जल्द से जल्द इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
गर्भावस्था के दौरान क्यों होता है पीठ में दर्द
इसके पहले हम आपको बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान पीठ में दर्द होता क्यों है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई परिवर्तन होते हैं। इन्ही परिवर्तनों की वजह से शरीर को कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान पीठ में दर्द होना भी इन्ही परिवर्तनों का एक कारक है। इसके अलावा गुरुत्वाकर्षण के केंद्र में बदलाव, वजन बढ़ने, मांसपेशियों में असंतुलन और शारीरिक थकावट भी पीठ दर्द का कारण हो सकता है। इतना ही नहीं यह पीठ दर्द अपने साथ कूल्हे और कंधे में दर्द को भी साथ लेकर आता है। हालांकि कुछ ऐसे उपाय भी हैं जिसकी मदद से इस परेशान से निजात मिल सकता है। आइये इन उपायों के विषय में सारांश से चर्चा करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान सोते समय पीठ दर्द से छुटकारा पाने के तरीके
- गर्भावस्था के दौरान अगर आपको पीठ दर्द की समस्या हो रही है तो बेड पर लेटते वक्त रीढ़ की हड्डी के नीचे तौलिये का एक गोला बनाकर रख लें. इससे आपको राहत मिलेगी।
- गर्भावस्था के तीन महीने बाद से महिलाओं को एक तरफ करवट लेकर सोना चाहिए। इससे शिशु में ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह से होता है।
- गर्भावस्था के दौरान सोते समय दो तकियों का प्रयोग करना चाहिए, जिसमें से एक तकिये को अपनी पेट के नीचे और एक तकिये की मदद से अपने पैरों को उठाकर सोना चाहिए।
- इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान सोने के लिए गद्देदार बिस्तर का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
भारी सामान उठाने से करें परहेज
गर्भावस्था के दौरान पीठ सहित किसी भी तरह के दर्द से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखना बहुत जरूरी है। इन्ही सावधानियों में से एक है भारी सामना उठाना। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को भारी सामान उठाने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि यदि आप भारी सामान उठाते हैं तो आपकी मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है और इस वजह से आपको पीठ का दर्द हो या बढ़ सकता है।
बैठते वक्त सही मुद्रा का प्रयोग बहुत जरूरी
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए बैठते समय सही मुद्रा को अपनाना बहुत जरूरी है, क्योंकि यही छोटी-छोटी सतर्कता आपको बड़ी परेशानियों से बचाकर रख सकती है। गर्भवती महिलाओं को बैठते समय तकिये का इस्तेमाल करना चाहिए। जैसे कि बैठते वक्त तकिये के माध्यम से पीठ को सहारा देना चाहिए। बैठते वक्त मुद्रा भी सही रखना चाहिए। कुर्सी पर बहुत देर तक बैठना भी आपके दर्द के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। पैर को एक के ऊपर एक चढ़ाकर बैठना भी सही नहीं है। कुर्सी पर बैठते वक्त फुट-रेस्ट का प्रयोग हितकारी होता है। इससे गर्भावस्था के दौरान और बाद में भी पीठ दर्द की समस्या को कम करने में मदद मिलती है।
मेटरनिटी बेल्ट का करें प्रयोग
गर्भावस्था के दौरान मेटरनिटी बेल्ट का इस्तेमाल महिलाओं के लिए काफी हितकारी रखता है। महिलाओं को बैठने, खड़े होने या लंबे समय तक चलने के दौरान मेटरनिटी बेल्ट पहनना काफी अच्छा रहता है। इससे महिलाओं के श्रोणि करधनी के आसपास की मांसपेशियां यानी कि पेल्विक गर्डल पेन से राहत मिलती है। हालांकि यह मेटरनिटी बेल्ट पहनने की एक समय-सीमा होती है, इसलिए एक निश्चित समय से ज्यादा देर तक इस बेल्ट को पहनना भी हानिकारक हो सकता है।
नियमित रूप से व्यायाम करना
वैसे तो व्यायाम करना हमेशा ही शरीर के लिए लाभकारी होता है। इसी तरह से गर्भावस्था के दौरान और बाद में भी व्यायाम करने से पीठ दर्द जैसी समस्या से निजात पाने के काफी मदद मिलती है। नियमित रूप से व्यायाम करने से मांसपेशियां मजबूत, लचीली और कोमल बनती है, जिसकी वजह से बजन और रक्त की मात्रा बढ़ने और काम होने पर थकावट नहीं होती है। गर्भावस्था के दौरान प्रीनेटल योग और कीगल व्यायाम मांसपेशियों में हो रहे तनाव को कम करता है, जिससे पीठ दर्द जैसी समस्या से बचा जा सकता है।
तेल से मालिश
तेल की मालिश भी गर्भावस्था के दौरान हो रहे पीठ दर्द से छुटकारा पाने का रामबाण इलाज है। आयुर्वेद गर्भवती महिलाओं को हमेशा से ही तेल की मालिश करने की सलाह लेता है। तेल की मालिश से मांसपेशियों और पीठ में हो रहे दर्द से राहत मिलती है। इसके साथ-साथ यह गर्भाशय को भी स्वस्थ रखने में सहायता करता है।
तैराकी करना भी है हितकारी
गर्भावस्था के दौरान तैराकी करने से पीठ में हो रहे दर्द से जल्द राहत मिल जाती है। दरअसल, तैयारी करते समय गुरुत्व बल ना के बराबर हो जाता है और काफी हल्का हो जाता है। इस वजह से पानी में आप आसानी ने हाथ-पैर चला सकते हैं। हालांकि तैराकी करते समय लम्बी और गहरी सांस लेनी चाहिए जिससे मानसिक और शारीरिक रूप से राहत मिलती है। यह बात याद रहे कि अगर तैराकी करते समय आपको चक्कर जैसी समस्या हो रही है तो इसे तुरंत बंद कर दे और डॉक्टर की सलाह के बाद ही तैराकी करें।
सही जूतों का करें चयन
गर्भावस्था के दौरान पैरों में पहनने के लिए सही जूतों का इस्तेमाल ही करना चाहिए। दरअसल, इस दौरान शरीर में वजन बढ़ने जैसे जो परिवर्तन होते हैं, उससे शरीर के पीछे की हड्डी पर काफी दबाव पड़ता है, जिससे पीठ दर्द जैसी समस्या होती है। इसी दबाव को काम करने के लिए सही जूतों का इस्तेमाल करना आवश्यक होता है। गर्भावस्था के दौरान न ज्यादा हाई हील के जूते पहनने चाहिए और न ही बिल्कुल फ़्लैट। इस दौरान महिलाओं को कम हील के जूते पहनने चाहिए, जिससे शरीर का संतुलन बना रहे और दबाव भी कम पड़े।
सेंधा नमक से मिल सकता है छुटकारा
अगर आप गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द की समस्या से जूझ रही हैं, तो आपके लिए सेंधा नमक काफी मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पानी में सेंधा नमक मिलाकर नहाना चाहिए। इसकी वजह से पीठ दर्द की समस्या छूमंतर हो जाती है। इसके अलावा अगर गर्म पानी में सेंधा नमक मिलाकर कपड़े या तौलिया की मदद से पीठ की सिंकाई की जाए तब भी पीठ दर्द की समस्या ख़त्म हो जाएगी। इसकी वजह यह है कि सेंधा नमक मैग्नीशियम सल्फेट से युक्त रहता है, जिसकी मदद से मांसपेशियों का दर्द और सूजन कम हो जाता है। साथ ही यह इम्युनिटी बढ़ाने का काम भी करता है। हफ्ते में दो से तीन बार सेंधा नमक का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहेगा।
हीटिंग या आइस पैक से सिंकाई
गर्भावस्था के दौरान हीटिंग या आइसपैक का इस्तेमाल भी आपको पीठ दर्द की समस्या से निजात दिला सकता है। इस वजह से जब भी पीठ में दर्द महसूस हो तो आइस या हीटिंग पैक से पीठ को जरूर सेंक लेना चाहिए। इससे पीठ दर्द से राहत मिल सकती है।यह बात जरूर ध्यान रखें- गर्भावस्था के दौरान अगर पीठ में दर्द हो रही है तो कोई भी तरीका अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर्स की सलाह जरूर ले ले।